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Sanjeev0834
मैं भी बहुत अजीब हूं इतना अजीब हूं के बस! खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं! I am also very strange, so strange that I am enough! I destroyed myself and have no regrets! ©Sanjeev0834 मैं भी #बहुत #अजीब हूँ इतना #अजीब हूं कि #बस! #खुद को #तबाह कर लिया और #मलाल भी नहीं #beingsanjeev0834🦅 #nawab_saab💗🤞 #Feel motivational quotes in hindi motivational shayari motivational thoughts in hindi motivational thoughts images motivational thoughts on success
#शून्य राणा
White सुना है ,,तलाश करती हो मुझे अब भी ,,,,अब भी तुम मेरा कितना ख्याल करती हो ।। अरे मैं चोट खाकर गुमनाम हो जाऊं,,मर्जी थी तुम्हारी ,,,फिर तुम कैसा मलाल करती हो ।। पूछती हो मैं टूटा टूटा क्यों फिरता हूं,,ये तुम कैसा सवाल करती हो ,, पत्थर हाथ में लेकर निशाना ढूंढ रही हो ,,तुम भी कमाल करती हो ।। जानता हूं,,एक अरसे से तुम खेली नहीं ,,तुम्हे खिलौना चाहिए ,,,और ये भी जानता हूं,,खेलने के बाद तुम कितना बुरा हाल करती हो ।। # आहिस्ता आहिस्ता खींचती हो तुम बाजुओं में ,,आहिस्ता आहिस्ता कैसे हलाल करती हो ।। पत्थर हाथ में लेकर निशाना ढूंढ रही हो,,,तुम भी कमाल करती हो । सुना है तलाश करती हो मुझे अब भी ।। ©#शून्य राणा #हलाल #सवाल #मलाल Sircastic Saurabh विवेक ठाकुर 'शाद' katha (कथा ) Munni नीर
Rakesh frnds4ever
White ताउम्र मलाल रहेगा मुझे कि क्यों न मुझमें १% ही सही मक्कारी,,,चालाकी,,बेईमानी होती तो कम से कम उसका दिखावा करके ही सही मगर कुछ कलियुगी दुनिया जैसा खुद का रंग ढंग,, हुलिया,, ही बना पाता,,... ©Rakesh frnds4ever #ताउम्र #मलाल रहेगा मुझे कि क्यों न मुझमें १% ही सही #मक्कारी ,,चालाकी,,बेईमानी होती,,,,तो कम से कम उसका #दिखावा करके ही सही मगर कुछ #कलियुगी #दुनिया जैसा खुद का रंग ढंग,, #हुलिया ,, ही बना पाता,,...
Shalini Nigam
जहां ••काश•• होता है वहां जीत का गुमान नहीं•• सिर्फ मलाल रह जाता है•• ©Shalini Nigam #जीत #मलाल #Life #Nojoto #Love #yqdidi #yqbaba
Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** करें तो क्या करें *** " दिल गवारा ना करें तो क्या करें , तेरे बगैर फिर गुजारा ना करें तो क्या करें , उल्फते-ए-हयाते में ज़िक्र तेरा आज भी हैं , अब तेरा महज ज़िक्र भी ना करें तो क्या करें , मिलना तो मुकम्बल हुआ ही नहीं , तेरे हिज़्र में दिन और रात का गुजारा ना करें तो क्या करें , उल्फते-ए-हयाते ज़िक्र तेरा आज भी हैं , ऐसे भी इस रुसवाई में ना जिये भला तो क्या करें , मलाल हैं अब तेरे बाद मलाल अब कुछ भी ना रह जायेगा , तिश्नगी हैं अब मलाल कुछ भी तेरे बगैर मलाल कुछ भी नहीं रह जायेगा , रूह-ए-ख़्वाबीदा हूं जाने कब से इस उल्फत में तुझे मेरा ख्याल जाने कब आयेगा . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** करें तो क्या करें *** " दिल गवारा ना करें तो क्या करें , तेरे बगैर फिर गुजारा ना करें तो क्या करें , उल्फते-ए-हयाते में ज़िक्र तेरा आज भी हैं , अब तेरा महज ज़िक्र भी ना करें तो क्या करें , मिलना तो मुकम्बल हुआ ही नहीं ,
*** ग़ज़ल *** *** करें तो क्या करें *** " दिल गवारा ना करें तो क्या करें , तेरे बगैर फिर गुजारा ना करें तो क्या करें , उल्फते-ए-हयाते में ज़िक्र तेरा आज भी हैं , अब तेरा महज ज़िक्र भी ना करें तो क्या करें , मिलना तो मुकम्बल हुआ ही नहीं ,
read morepuja udeshi
मलाल..... मलाल रह जाता हैं कई चीजों का specially जो प्रियजन जो जा चुके, जब साथ थे तो क्या उखेड कर दिया हमने, कितना प्यार सम्मान दिया उनको, दो बात सुना ही दीं होंगी उनके दिल क़ो ठेस पहुंचाई होंगी, छोटे होते हुऐ भी डॉट पिलाई होंगी, अब सोचने से क्या होगा जब वो सब दूर जा चुके ये मलाल ज़िन्दगी भर रहेगा कि काश वो होते तो ये ख़ुशी देता ऐसा करता उन्हें घूमाता देश विदेश, खुश रखता पर नहीं, ये क्या कुछ भी नहीं कर सकता, मलाल रह गया..... 🥹🥹🥹🥹 ©PФФJД ЦDΞSHI #मलाल #pujaudeshi #deadperson Arshad Siddiqui Jashvant Harshit Bharti Maaahi.. एक अजनबी PURAN SINGH CHILWAL Munni Ritu Tyagi Sethi Ji Anshu writer Rameshkumar Mehra Mehra Praveen Jain "पल्लव" Ravi vibhute Bhardwaj Only Budana Anil Ray
#मलाल #pujaudeshi #deadperson Arshad Siddiqui Jashvant Harshit Bharti Maaahi.. एक अजनबी PURAN SINGH CHILWAL Munni Ritu Tyagi Sethi Ji Anshu writer Rameshkumar Mehra Mehra Praveen Jain "पल्लव" Ravi vibhute Bhardwaj Only Budana Anil Ray
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" कल'अदम कर दे ख्याले-ए-ज़िक्र तेरा , कोई ना कोई वास्ता नहीं फिर क्यों हैं ज़िक्र तेरा , ग़ुनूदगी में रहते हैं जानें मैं कब तक तेरे क़फ़स में रहूं , मलाल तेरा फिर कुछ यूं हो की फिर कोई मलाल ना हो तेरा . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " कल'अदम कर दे ख्याले-ए-ज़िक्र तेरा , कोई ना कोई वास्ता नहीं फिर क्यों हैं ज़िक्र तेरा , ग़ुनूदगी में रहते हैं जानें मैं कब तक तेरे क़फ़स में रहूं , मलाल तेरा फिर कुछ यूं हो की फिर कोई मलाल ना हो तेरा . " --- रबिन्द्र राम #कल'अदम ( invalid) #ख्याले-ए-ज़िक्र #वास्ता #ज़िक्र
Rabindra Kumar Ram
" कोई मिली हैं हुबहू तुमसा वो तुम नही थी , ख्वाब हक़ीक़त बनते बनते ख्वाब ही रहा , आखिर कब तक ये मलाल रखा जाये , तेरे मौजूदगी का होने और ना होने यकीनन कुछ यकीन आये मुझको . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " कोई मिली हैं हुबहू तुमसा वो तुम नही थी , ख्वाब हक़ीक़त बनते बनते ख्वाब ही रहा , आखिर कब तक ये मलाल रखा जाये , तेरे मौजूदगी का होने और ना होने यकीनन कुछ यकीन आये मुझको . " --- रबिन्द्र राम #हुबहू #हक़ीक़त #ख्वाब #मलाल #मौजूदगी #यकीनन #यकीन
Rabindra Kumar Ram
" बस सिर्फ तुम्हे देखते रहने का ख्याल मुम्किन तो कर दे , हूं मैं जिस जर्फ़ में तेरे और कुछ तो इनायत बक्क्ष, यूं तेरा - मेरा ना‌ होने का मलाल आखिर कब तक जारी रखू , मिलना है तो मिल पुरी तरह बर्ना तुझसे बिछड़ने का भ्रम साफ कर दे . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " बस सिर्फ तुम्हे देखते रहने का ख्याल मुम्किन तो कर दे , हूं मैं जिस जर्फ़ में तेरे और कुछ तो इनायत बक्क्ष, यूं तेरा - मेरा ना‌ होने का मलाल आखिर कब तक जारी रखू , मिलना है तो मिल पुरी तरह बर्ना तुझसे बिछड़ने का भ्रम साफ कर दे . " --- रबिन्द्र राम #ख्याल #मुम्किन #जर्फ़ #इनायत #बक्क्ष #मलाल #भ्रम
" बस सिर्फ तुम्हे देखते रहने का ख्याल मुम्किन तो कर दे , हूं मैं जिस जर्फ़ में तेरे और कुछ तो इनायत बक्क्ष, यूं तेरा - मेरा ना होने का मलाल आखिर कब तक जारी रखू , मिलना है तो मिल पुरी तरह बर्ना तुझसे बिछड़ने का भ्रम साफ कर दे . " --- रबिन्द्र राम #ख्याल #मुम्किन #जर्फ़ #इनायत #बक्क्ष #मलाल #भ्रम
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*** ग़ज़ल *** *** इक तुम्हीं ही नहीं *** " तुमसे फासले कुछ यूं ही रहेंगे , मुहब्बत के वसूल कुछ यूं ही रहेंगे , वेशक तुम ना मिलना कभी ऐसे में , कहीं तुझे देख के आह भरना कबूल करेंगे , दर्दे-ए-सितम रुसवाई हैं बात पे तन्हाई हैं , यूं होने को बात बेफजूल भी नहीं , ये मलाल फिर कुछ यूं ही ही नहीं , तरीका हम जो भी इख्तियार करें जीने , इस मुतअस्सिर का इक सबब तुम ही नहीं , खाली फलक का चांद जऱा तुम ही नही , जिसे देखते हुए मैं जिता हूं वो फ़ऱाज तुम्हीं ही नहीं , आईने की दस्तूर तो समझूं मैं , तुम्हें देखने का बहाना इक सौ दफा तुम्हीं ही नहीं . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** इक तुम्हीं ही नहीं *** " तुमसे फासले कुछ यूं ही रहेंगे , मुहब्बत के वसूल कुछ यूं ही रहेंगे , वेशक तुम ना मिलना कभी ऐसे में , कहीं तुझे देख के आह भरना कबूल करेंगे , दर्दे-ए-सितम रुसवाई हैं बात पे तन्हाई हैं ,
*** ग़ज़ल *** *** इक तुम्हीं ही नहीं *** " तुमसे फासले कुछ यूं ही रहेंगे , मुहब्बत के वसूल कुछ यूं ही रहेंगे , वेशक तुम ना मिलना कभी ऐसे में , कहीं तुझे देख के आह भरना कबूल करेंगे , दर्दे-ए-सितम रुसवाई हैं बात पे तन्हाई हैं ,
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