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हार्दिक
#DilKiKalamSe ✍️ #प्रकाशित #स्वचरित #रचना #माँ #हार्दिकमहाजन #लेखकोंकाईमंच #सर्टिफिकेट #सहभागितापत्र #मदर्सडे बहुत बहुत धन्यवाद ❤️🌹🙏 ©Hardik Mahajan Puja Udeshi Anshu writer Dil Lalit Saxena heartlessrj1297
vinay vishwasi
आज का इंसान इंसान आज इतना उदास क्यों है? हर वस्तु को पाने की प्यास क्यों है? उसे जीवन ही जीना है तो, नित्य नई वस्तु की तलाश क्यों है? मालूम है उसे जीवन की सच्चाई, फिर अनैतिक कर्मों में विश्वास क्यों है? जल गई घमण्ड की रस्सी मगर, उसकी ऐंठन का अबतक एहसास क्यों है? वो ज़िंदादिल नहीं, ज़िंदा है केवल, फिर महान व्यक्तित्व बनने का प्रयास क्यों है? बीती नहीं उम्र गृहस्थी की, दिनचर्या में अभी से सन्यास क्यों है? जिन संस्कारों, शिष्टाचारों से दुनिया बढ़ी, आज वही उसके लिए बकवास क्यों है? सोचे-विचारे 'विनय' हर दिन, इंसान-इंसान में इतनी खटास क्यों है? #प्रकाशित कविता #विश्वासी
vinay vishwasi
गृह अपना छोड़ चला मैं तोड़ कर ये मोह का बंधन, गृह अपना छोड़ चला मैं। कुछ पाने की हसरत में, जाने अब किस ओर चला मैं। न है कोई ठौर-ठिकाना, बस वैसे ही दौड़ चला मैं। सपनों की स्वर्णिम मंजिल की, सारी कड़ियाँ जोड़ चला मैं। काँटों में भी है राह बनाना, हर बाधा को तोड़ चला मैं। कुछ उलझन कुछ आशाएँ, आशीष स्वजनों के बटोर चला मैं। लेकर हौसलों की ऊँची उड़ानें, करने सबसे होड़ चला मैं। तोड़कर ये मोह का बंधन, गृह अपना छोड़ चला मैं। #प्रकाशित रचना #विश्वासी
vinay vishwasi
जाना फिर अकेले है ज़िन्दगी है चार दिनों की फिर क्यों ये झमेले हैं, आए थे जग में अकेले जाना फिर अकेले है। इंसान है हैवान न बन छल-दंभ की दुकान न बन, कौन है अपना कौन पराया सब दुनिया वाले तेरे हैं। आए थे जग में अकेले जाना फिर अकेले है। (पूरी कविता captionमें पढें) #प्रकाशित कविता जाना फिर अकेले है ज़िन्दगी है चार दिनों की फिर क्यों ये झमेले हैं, आए थे जग में अकेले जाना फिर अकेले है।
vinay vishwasi
बदलाव सियासत की सुकून लिये चेहरे का मुस्कान क्यों बदल रहा है? दिन पर दिन ये इंसान क्यों बदल रहा है? दुहाई देते थे जो धर्म और नीति की, आज उन्हीं का ईमान क्यों बदल रहा है? काली करतूतों को छिपाने के लिये, लोगों का दूकान क्यों बदल रहा है? गाली देते थे जिनको कल तक, आज उन्हीं के लिये जुबान क्यों बदल रहा है? आम से खास बन गये थे जो, फिर उनका पहचान क्यों बदल रहा है? अब तक जी हजूरी करते थे जिनकी, अचानक से ही निशान क्यों बदल रहा है? मची है हलचल सियासी गलियारों में, हड़बड़ी में रोज फरमान क्यों बदल रहा है? बिगुल बजी नहीं अभी चुनाव की, दिग्गजों का मैदान क्यों बदल रहा है? कहे 'विश्वासी' विश्वास से,हो न हो, पंचवर्षीय सत्ता का कमान बदल रहा है। #काव्य_संग्रह_नवांकुर में #प्रकाशित
vinay vishwasi
जुदाई वक्त है ठहरा हुआ कैसी ये तन्हाई है, रात गई सुबह हुई फिर भी क्यों अंगड़ाई है। नींद नहीं नैनों में पर सपनों की परछाई है, सुख-चैन सब कुछ गुमा, कैसी घड़ी ये आई है। कभी भूलूँ कभी यादों में खोऊँ प्यार की ये गहराई है, एक क्षण लगे घंटा समान, लंबी बड़ी जुदाई है। नहीं छँटते गम के अंधेरे क्या यही जीवन की सच्चाई है, किसके लिए अब रुके 'विश्वासी', हर तरफ नफरतों की खाई है। वक्त है ठहरा हुआ कैसी ये तन्हाई है, रात गई सुबह हुई फिर भी क्यों अंगड़ाई है। #प्रकाशित कविता #विश्वासी
Vinod Umratkar
----- शेवटी प्रतीक्षा संपली! आणि yq वर माझे पहिल्यांदा पुस्तक प्रकाशित झाले खूप खुप धन्यवाद #yourquotes खूप खुप धन्यवाद #yqtaai खूप खुप धन्यवाद #yqdidi #पुस्तक #प्रकाशित #yqbook #yqbookclub Check out the book I recently published with YourQuote: https://www.yourquote.in/vinod-umratkar-m6s4/books/abhng-prem-ddl
Ghumnam Gautam
Rajeev namdeo "Rana lidhori"
मेरी मातृभाषा 'हिंदी' मेरी मातृ भाषा हिंदी है। मैने एम.ए. हिंदी से किया है। मेरी पांच पुस्तकें हिंदी मे प्रकाशित हो चुकी है। मैने हिंदी मे लगभग तीन हजार कवितायें लिखी हैं। मैं हिंदी में प्रकाशित पत्रिका "आकांक्षा " का विगत पंद्रह बर्षों से संपादक एवं प्रकाशन कर रहा हूं। स्मरणीय हो कि आकांक्षा पत्रिका टीकमगढ़ जिले से प्रकाशित होने वाली एकमात्र साहित्यिक पत्रिका है। मैंने अब तक २५३ कवि गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन सफलता पूर्वक आयोजित कराये हैं। मुझे अपनी हिंदी पर गर्व है। &&& @#राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़ (म.प्र.) मोबाइल ९८९३५२०९६५ #हिंदी #मातृभाषा #मातृभाषा_हिंदी #राज_भाषा #राजीव_नामदेव #राना_लिधौरी #टीकमगढ़ #कवि #हिंदी_कवि #rajeev_namdeo #rana_lidhori
Panchdoot
इस पिक्चर को डाउनलोड कर और इस पर कैप्शन लिख कर अपने अकाउंट से हैशटैग #traffic_salute के साथ 10 तारीख से पहले पहले पोस्ट पोस्ट करें । चुनिंदा कैप्शन को इस माह की मैगज़ीन में प्रकाशित किया जाएगा । इस बार की यह पिक्चर सोशल मीडिया पर वायरल पिक्चर से ली गई हैं जिसको आजकल के चर्चित मुद्दे नये ट्राफिक नियमों के लिए जागरुकता के लिए प्रकाशित किया जाएगा, क्योंकि नये नियमों पर अधिकतर लोग अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाय उसके विरोध में पुरानी पिक्चर और विडियो शेयर कर के आम जनता को गुमराह कर रहे हैं । आप अप