Nojoto: Largest Storytelling Platform

2122 2122 212 साजिशों का दिल निशाना हो गया अब

2122   2122   212
साजिशों का दिल निशाना हो गया
अब  मिले खुद से जमाना हो गया

तीर  नज़रो  के  चलाये उसने जब
दिल मिरा  उनका दिवाना हो गया

सहते  सहते   ज़िन्दगी  गुज़र  रही
दर्द अब दिल का ठिकाना हो गया

कोई  पल   बीता   नहीं  तेरे  बिना
यादें  ही   मेरा   खजाना  हो  गया

गूँजती  थी  वादियों  में अब तलक
बिसरे  गीतों  का  तराना  हो  गया

खो  गई  सब  मंजिले  तन्हा सफर
राहे  उल्फत  बस  बहाना  हो गया

छाये  है  तन्हाइयों   के  साये  अब
गम  छुपा  कर  मुस्कराना  हो गया
       ( लक्ष्मण दावानी )
18/11/2016

©laxman dawani
  #BadhtiZindagi #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge

#BadhtiZindagi Love Life #romance Poetry #gazal #experience #poem #Poet Knowledge #Motivational

90 Views