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White 2122 1122 1122 22/११२ जो मिले जख्म

White 2122    1122    1122    22/११२
जो मिले जख्म मोहब्बत के सुहाने है बहुत
दर्द  मद्वम  है  मगर  जख्म  पुराने  है बहुत

शाख-दर -शाख तेरी याद की हरियाली हो
दिल-ए-बर्बाद पे शजर ऐसे लगाने है बहुत

सर झुका कर सलाम  करने में हर्ज क्या है
आस्ताँ  पर अभी तो  सर झुकाने  है बहुत

साथ  छूटा  तुमारा  अजनबी  भी हुए तुम
अब कहाँ  खोजें हम  तेरे ठिकाने है बहुत

गम न कर हो न पशेमाँ तू जफ़ा से अपनी
राजे  उल्फत से  अभी पर्दे उठाने है बहुत

सर  पे  इल्जाम  लगाये  जो झूठे  तूने मेरे
आँसुभी धो न पाये जिन्हें दिखाने है बहुत
          ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
16/3/2017

©laxman dawani
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