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क्या होता है छोड़ देना? छोड़ देने को समझने से पहले

क्या होता है छोड़ देना?
छोड़ देने को समझने से पहले
सिखना पड़ता है
थामना |कोई गिरे तो उठाना ही नही
मुसकुरा के उठाना 
या कभी खुद गिर जाना है, थामना
कोई रोए तो कंधा देना या आँसू पोंछना ही नहीं
कभी खुद साथ रो देना है, थामना
कोई साथ मांगे तो साथ देना या साथ साथ चलना ही नहीं
कभी कभी पीछे चलना भी होता है, थामना
और कभी कभी उसे छोड़ देना भी |
छोड़ने से होने वाली पीडायें
जब बदल जाए दिये हुए साथ के सुकून में
तब आती है समझ में, थामने की 
परिभाषा जब शुरु होता है थामना
तब छोड़ना दबे पांव साथ साथ चलता है
मगर जब छोड़ने का पल आता है
तब थामने का पल 
अपने होने के एहसास को साथ लिए
थामे रखता है हमारा हाथ,
हमारा मन और ज़हन - सब कुछ
और अगर इस एहसास से तुम महरूम हो अब तक
तो मान लेना कि तुम्हारा थामना
कभी थामना था ही नहीं...

©Andy Mann
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