Nojoto: Largest Storytelling Platform

पर्दा (दोहे) पर्दा पड़ता झूठ पर, हो अपयश सब ओर। भ्

पर्दा (दोहे)

पर्दा पड़ता झूठ पर, हो अपयश सब ओर।
भ्रष्टाचारी का रहे, उस पर ही अब जोर।।

यह पर्दा दिखता नहीं, है फिर भी अनमोल।
जो इससे अनभिज्ञ हैं, कर न सके वो तोल।।

दूजा है पर्दा दिखे, जन मानस में ज्ञात।
करें सभी उपयोग हैं, कहने की क्या बात।।

पर्दा खिड़की में लगे, और सजाता द्वार।
पूरा घर सुंदर लगे, जाने सब नर-नार।।

दोनों का यह काम है, ढाँप सकें वो बात।
जिसे बताना है नहीं, उससे है अज्ञात।।

पर्दा उस पर क्यों पड़े, जो देता आघात।
सबको जख्मी भी करे, देता है वो मात।।

पर्दा उन पर डालिये, जो होते निर्दोष।
दंड मिले बिन पाप के, कैसे हो संतोष।।
.......................................................
देवेश दीक्षित
स्वरचित एवं मौलिक

©Devesh Dixit 
  #पर्दा #दोहे #nojotohindipoetry 

पर्दा (दोहे)

पर्दा पड़ता झूठ पर, हो अपयश सब ओर।
भ्रष्टाचारी का रहे, उस पर ही अब जोर।।

यह पर्दा दिखता नहीं, है फिर भी अनमोल।
deveshdixit4847

Devesh Dixit

New Creator

#पर्दा #दोहे #nojotohindipoetry पर्दा (दोहे) पर्दा पड़ता झूठ पर, हो अपयश सब ओर। भ्रष्टाचारी का रहे, उस पर ही अब जोर।। यह पर्दा दिखता नहीं, है फिर भी अनमोल। #Knowledge #MR

324 Views