Nojoto: Largest Storytelling Platform

122 122 122 122 रकीबो से है उसने उल्फत निभाई

122   122   122   122
रकीबो से है उसने उल्फत निभाई
हमारी  मुहब्बत  कहाँ  रास  आई

लगा कर मुझे इश्क का रोग उसने
दे दी  उम्र भर को  तड़फने जुदाई

लगा के यूँ इल्जाम सर बेवफा का
न आये  कजा भी  सजा है सुनाई

बहुत रोये सजदों में सरये झुकाके
कभी उसने मुझपे दया ना दिखाई

बने फिरते पागल दिवाने यूँ उनके
बहुत हो  गई  है  मिरी जग हँसाई

बुरा हाल है दिल-ऐ-नादाँ सभांलो
देखो थक गया है  दे दे कर दुहाई
    ( लक्ष्मण दावानी )
7/12/2016

©laxman dawani
  #alone #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
laxmandawani7800

laxman dawani

Bronze Star
New Creator
streak icon37

#alone Love Life #romance Poetry #gazal #experience #poem #Poet Knowledge #Motivational

135 Views