Nojoto: Largest Storytelling Platform

White 2122 2122 2122 212 हिज्र - ऐ- गम मे

White 2122    2122    2122    212
हिज्र - ऐ- गम में पिघल  पलकों पे यूँ मरने लगे
शबनमी आँखों से  उसकी अश्क यूँ  झरने लगे

वो मिला है  गम  हमें  उल्फत में  तेरी जाने जां
अब के  हम तो  इश्क के भी  नाम से डरने लगे

करते   रहते   थे  ज़माने  वाले  मुझसे  नफ़रतें
फल सफा  हमने सुनाया  इश्क का  लड़ने लगे

दर्द दिल का अपने जो उनको सुनाया हमने भी
अपने  सीने  से  लगा  बाहों  में  वो  भरने  लगे

क्या गज़ब थी कातिलाना  वो अदायें उनके भी
धीरे  धीरे  मुझसे  मेरा  ही  ये  दिल  हरने  लगे

खोये थे  वो भी खयालो  में मेरे ही  अब तलक
पा के खुद को उनके बाहों में हम भी खोने लगे
            ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
7/1/2017

©laxman dawani
  #Night #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
laxmandawani7800

laxman dawani

Bronze Star
New Creator
streak icon82

#Night Love Life #romance Poetry #gazal #experience #poem #Poet Knowledge #Motivational

117 Views