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White 221 2121 1221 212 आँखों के बहते अश्

White 221    2121    1221    212
आँखों के बहते अश्क के धारो को छोड़ दो
मौजो  के साथ  खेलो किनारों को छोड़ दो

सुर बजते है  गमो के मेरी  मुहब्बत के अब
मत पूछ नग्मा - इश्क के  तारों को छोड़ दो

इस  इश्क ने  किसे है  दिया साथ  उम्र भर
तन्हा  सफर  हे  झूठे  सहारो  को  छोड़ दो

गुलफिर खिलेंगे उजड़े चमन केआशियाँ में
बिखरी  हुई  बहारो के  खारों को  छोड़ दो

हर  हसरतो   के  खाब  अधूरे   रहते  नहीं
इन  बद नसीब  दर्द के  मारों को  छोड़ दो

पत्थर  नहीं  थे  फेंक  दिया  जो  तूने  हमें 
आओ करीब  दिल के  दयारों को छोड़ दो
         ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
10/3/2017

©laxman dawani
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