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manishkumar1303
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Manish Kumar

मेरी रुचि कविता और शायरी लिखने की है मै आशा करता हूं आप सभी को मेरा प्रयास पसंद आयेगा यदि कोई परामर्श किन्ही के पास हो तो कृप्या कर मुझे अवगत कराने की कृपा कर धन्यवाद्

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Manish Kumar

होली अाई रंग लगा कर चला गया
थोड़ी सी ही सही दिल को गुलाबी
चेहरे को थोड़ा हरा कर गया
होली अाई रंग लगा कर चला गया
ज़िंदगी में थोड़ी देर के लिए
पर तनिक सी खुशियों को फ़ैला गया
होली अाई रंग लगा कर चला गया
मन को मद मस्त कर
उमंगों की ओर थोड़ी सी
एक छोटी सी कदम बढ़ा कर चला गया 
होली अाई रंग लगा कर चला गया
इस भागदौड़ की जिंदगी में
एक दिन के लिए ही सही
लाल गुलाबी कर गया
होली अाई लगा कर चला गया
मन के सारे मैल को मिटा कर थोड़ी सी
सभी के चेहरों पर एक मंद मंद मुष्कान को
फ़ैला कर चला गया 
होली अाई रंग लगा कर चला गया
हर मनभेद हर मतभेद को भुला कर 
मन मस्तिष्क में एक दिन का
हर्षो्लास का एहसास दिला कर चला गया
होली अाई रंग लगा कर चला गया #happyholi#rang#kavita
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Manish Kumar

#ishq#shyari
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Manish Kumar

हे नारी तू वस्त्र नहीं अब शस्त्र संभाल
अब बहुत हो चुका है 
आश की आशा किसी गैरों से
सब मृतप्राय से हो चुके है यहां
गूंगा बेहरा हो चुका हैं
समाज सारा
हर कोई निशब्द खड़ा है
टकटकी लगाएं
बस बहुत हो चुका है
हे नारी तू वस्त्र नहीं अब शस्त्र संभाल
कब तक आस जोहती रहेंगी
गूंगी बहरी सत्ता के दलालों से
कब तक ख़ुद को
इंसाफ़ के नाम पर जलील
करवाती रहेंगी
उस काली पट्टी बंधी
मूर्ति के रखवालों से
बस बहुत हो चुका
हे नारी तू वस्त्र नहीं अब शस्त्र संभाल
नोच डाल तेरे तरफ़ उठने वाले
उन वहसी आंखों को
काट डाल उन हाथों को
जो बिना इजाज़त तेरे
तरफ़ उठे
तोड़ डाल उन पैरों को
जो तेरी तरफ़ बढ़े
बस बहुत हो चुका
हे नारी तू वस्त्र नहीं अब शस्त्र संभाल #kavita#poem#poetry#nayikavita#naari
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Manish Kumar

#shayari#sadshayari
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Manish Kumar

कहां गुम हो गई हैं
 मानवता आज के इस दौर में
खरीददारों की नज़र में आ चुकी है
 जिस्म और जान भी
सौदा किया जा रहा हैं
 मासुमियत का आज के इस दौर में
गुड्डे गुड़ियों से खेलने के उम्र में 
बाज़ार के फेहरिस्त में
शामिल किया जा रहा 
नन्हीं सी पारियों को
मोल भाव किया जा रहा 
उन मासूमों का 
जिनको इस बात की 
तनिक इल्म भी नहीं 
होता क्या बाज़ार हैं
 होता क्या है सौदा
 आज के इस दौर में
चंद से सिक्कों के
खातिर समझौता किया जा रहा
किसी की मासूमियत का
बेचा जा रहा मासूमों को
बाज़ार में 
आज के इस दौर में #कविता#poetry
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Manish Kumar

अभी सूरज नहीं डूबा, जरा-सी शाम होने दो अभी सूरज नहीं डूबा, 
ज़रा सी शाम होने तो दो
थोड़ी सी गेरुआ छटा, 
आसमां में बेखरेने तो दो
थोड़ी सी शीतलता तो, 
मौसम में बिखरने तो दो
रात को आने के इंतजार में, 
शब्र का बांध टूटने तो दो
मन में एक सुकुन का एहसास,
 हिलोरें उठने तो दो
थोड़ी सबके दिल में मानवता,
को बचाने को लेकर
इंसानियत की अलख जगाने,
को लेकर थोड़ी चिंगारी
भरकाने तो दो #kavita#poetry#poet#hindipoem#indianpoetry
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Manish Kumar

फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है हम, 






फ़िक्र  तो तेरी  आज भी  करते है हम
भले कितनी भी खाई क्यों ना आ गई
तेरे मेरे दरम्यान 
सच कहूं कि दिल में कसक है 
इस बात को लेकर 
ना मै बेवफ़ा था ना तू बेवफ़ा थी
फिर भी क्यों इतनी दूरी आ गई है
तेरे मेरे दरमियान #kavita#shayari#hindikavita#kasak#poetry#bewafapoetry
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Manish Kumar

#poem#kavita
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Manish Kumar

#StopAcidAttacks  क्या सोचा था तुमने  मेरे अक्श को मिटा दोगे
अपनी खोखली शान के कारण मेरे रूह को जला दोगे
क्या हुआ तुमने बस मेरे उपरी पहचान से खिलवाड़ किया
पर क्या लगता है 
तुम्हें तुम मेरे हौसले की उड़ान को  छुआ भी

नहीं क्युकी तुम्हारी खोखले दिवालियापन ने 
मेरे हौसला की ज्वाला को और भड़का दिया है
अब तो भले ही मेरे चेहरे के नूर नहीं हैं
पर हौसले में मेरे सूर्य सा तेज हैं
देखना कहीं उस तेज में कहीं झुलस ना जाना
फ़िर कहीं तुम्हे अपने कुकृत्य का एहसास होगा #kavita#stopacidattack#vichaar
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Manish Kumar

 #womenempowerment#awarenrss#fightagainstinjustic
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