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Parasram Arora

मूर्छित जीवन #nojotophoto

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 मूर्छित  जीवन

LOL

SOD : हुस्न पहाड़ों का ( लता मंगेशकर & सुरेश वाडकर) #संजीवनी #मूर्छित #रोजकाडोजwithkaushalalmora #kaushalalmora #आबोहवा #yqdidi life #365days365quotes

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बड़े शहरों की आबो-हवा से
ज़िन्दगी जब मूर्छित होने लगे
तब ख़्याल रखना..
पहाड़ों में संजीवनी आज भी है!
©KaushalAlmora
 SOD : हुस्न पहाड़ों का ( लता मंगेशकर & सुरेश वाडकर)
#संजीवनी 
#मूर्छित 
#रोजकाडोजwithkaushalalmora 
#kaushalalmora 
#आबोहवा 
#yqdidi 
#life

Gulshan Ki khushi

लक्ष्मण सा मूर्छित पड़ा, देखो यह संसार ले आओ संजीवनी प्रभु , अब कर दो उद्दार । 🙏जय श्री राम 🙏

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लक्ष्मण सा मूर्छित पड़ा, देखो यह संसार। ले आओ संजीवनी प्रभु , अब कर दो उद्दार ।
🙏जय श्री राम 🙏
###Gulshan...

©Gulshan Ki khushi लक्ष्मण सा मूर्छित पड़ा, देखो यह संसार 
ले आओ संजीवनी प्रभु , अब कर दो उद्दार ।
🙏जय श्री राम 🙏

Nitesh Pichhode Mangal

लक्ष्मण सा मूर्छित पड़ा है देखो ये संसार, ले आओ संजीवनी प्रभु अब कर दो उद्धार !! ❤💙💜 #PoetInYou

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मेरी दुआ  लक्ष्मण सा मूर्छित पड़ा है देखो ये संसार,
ले आओ संजीवनी प्रभु अब कर दो उद्धार !!
❤💙💜

©Nitesh Pichhode Mangal लक्ष्मण सा मूर्छित पड़ा है देखो ये संसार,
ले आओ संजीवनी प्रभु अब कर दो उद्धार !!
❤💙💜

#PoetInYou

नितिन कुमार 'हरित'

हैरान हूँ, जब हृदय ही ले गए तुम, पुष्प फिर कैसे खिला ? देह मूर्छित हो रही पर, ये नीड़ फिर कैसे मिला ?? क्या कहूं? क्या है संग में, क्या #विचार #mere_alfaz

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हैरान हूँ,
 जब हृदय ही ले गए तुम, पुष्प फिर कैसे खिला ?
 देह मूर्छित हो रही पर, ये नीड़ फिर कैसे मिला ??
 क्या कहूं? 
 क्या है संग में, क्या विलग है,
 सच!  
 इस प्रेम की क्रीड़ा अलग है ।।

- Nitin Kr Harit हैरान हूँ,
 जब हृदय ही ले गए तुम, पुष्प फिर कैसे खिला ?
 देह मूर्छित हो रही पर, ये नीड़ फिर कैसे मिला ??
 क्या कहूं? 
 क्या है संग में, क्या

Pradeep Sharma

sada tumhara always yours पलक झपकते हुई आंख बंद मेरी मस्तिष्क ने सोचा नाम तुम्हारा 💖 आंखों ने लिख दी एक दास्तान उसमे दिख रहा चेहरा तुम् #कविता #lovepoetry

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पलक झपकते हुई आंख बंद मेरी 
मस्तिष्क ने सोचा नाम तुम्हारा 💖
आंखों ने लिख दी एक दास्तान
  उसमे दिख रहा चेहरा तुम्हारा 💖

ह्रदय मूर्छित  हो गया जैसे ही
इस आंख ओर मस्तिष्क ने खत जो भेझा तुम्हारा💖


आंखों को जैसे ही हुआ दीदार तुम्हारा 
ह्रदय को महसूस हुआ प्रेम तुम्हारा 💖

 डर लगता हैं मूर्छित न हो जाये ह्रदय हमारा
फिर भी में सोचु नाम तुम्हारा 💖

कहते हैं क्यो सोच रहा में नाम तुम्हारा 
क्योंकि इसमें होगा एक दिन नाम हमारा 💖 
                           प्रदीप सारस्वत
                        सुजानगढ़ राजस्थान
                          सदा  तुम्हारा

©Pradeep Sharma sada tumhara
always yours 

पलक झपकते हुई आंख बंद मेरी 
मस्तिष्क ने सोचा नाम तुम्हारा 💖
आंखों ने लिख दी एक दास्तान
  उसमे दिख रहा चेहरा तुम्

Satish Chandra

अपने इन भीने गेसुओं को संवार लो जरा
हर एक बूँद नीर की, लगती है ओस की तरह,
तृष्णा सा महसूस कर मूर्छित हो जाता हूँ ऐसे
बरस उठा हूँ बारिश में जैसे मेघा की तरह। #FreakySatty

#SattyShaayri

#YQdidi

#भीने #केस #मूर्छित #संवारना #बादल #मेघा #ओस #नीर

Shree

दो मुख ......... भोले बन बोले नही, रखें छुपा मन की भाल, सिर पैर रख भागे, कोई पहचान जाये ताल। सत्य निरर्थक घूटे, #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kka_journey_of_thoughts

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भोले बन बोले नही, 
रखें छुपा मन की भाल,
सिर पैर रख भागे, 
कोई पहचान जाये ताल।

सत्य निरर्थक घूटे,
झूठ आरोपित नित नए।
पल्लवित कुसुम कहे,
सुवासित हृदय हर्षित रहे।

सर्वगुणसंपन्न परमेश्वर
मूरत बन पूजित होए रहे।
रक्त जलधारा सी बहे,
मानव मंडल मूर्छित गिर रहे। 
 दो मुख
.........
भोले बन बोले नही, 
रखें छुपा मन की भाल,
सिर पैर रख भागे, 
कोई पहचान जाये ताल।

सत्य निरर्थक घूटे,

Bhupendra Rawat

नीली स्याह के निशां थोड़े धुंधले पड़े है ज़िन्दगी का बोझ तले मजदूर शहर छोड़ चले है जारी इस शतरंज के खेल में मजदूर एक बार फिर से छले है भागीदा

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नीली स्याह के निशां थोड़े धुंधले पड़े है
ज़िन्दगी का बोझ तले मजदूर शहर छोड़ चले है
 
जारी इस शतरंज के खेल में
मजदूर एक बार फिर से छले है

भागीदारी निभाने वाले स्तंम्भ
टूट कर बिखरे हुए मूर्छित मिले है

भूपेंद्र रावत
20।05।2020 नीली स्याह के निशां थोड़े धुंधले पड़े है
ज़िन्दगी का बोझ तले मजदूर शहर छोड़ चले है
 
जारी इस शतरंज के खेल में
मजदूर एक बार फिर से छले है

भागीदा

Nitin Kr Harit

हैरान हूँ, जब हृदय ही ले गए तुम, पुष्प फिर कैसे खिला ? देह मूर्छित हो रही पर, नीड़ फिर कैसे मिला ?? क्या कहूं? क्या है संग में, क्या विलग #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #हैरानहूँ

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 हैरान हूँ,
 जब हृदय ही ले गए तुम, पुष्प फिर कैसे खिला ?
 देह मूर्छित हो रही पर, नीड़ फिर कैसे मिला ??
 क्या कहूं? क्या है संग में, क्या विलग है,
 सच! इस प्रेम की क्रीड़ा अलग है ।। हैरान हूँ,
 जब हृदय ही ले गए तुम, पुष्प फिर कैसे खिला ?
 देह मूर्छित हो रही पर, नीड़ फिर कैसे मिला ??
 क्या कहूं? क्या है संग में, क्या विलग
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