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Best kka_journey_of_thoughts Shayari, Status, Quotes, Stories

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Shree

नियति हर तारीख मुमकिन है कि हो किस्मत की धनी, हर तारीख मुमकिन है कि हो मुश्किलों से भरी, हर पल में पहचान हो सकती है कोई उम्मीद लिए, #yqdidi #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires #kka_journey_of_thoughts #ajot_life

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हर तारीख मुमकिन है कि 
हो किस्मत की धनी,
हर तारीख मुमकिन है कि 
हो मुश्किलों से भरी,
हर पल में पहचान हो 
सकती है कोई उम्मीद लिए,
कोई भी क्षण हो चाहे
या यादें-वादें-इरादें ही मिले,
अब किसकी पहुंच और
किसकी होती है कितनी ताव,
सब लेखा रखती है नियति, 
समझती है हर एक भाव,
तन-मन-जीवन-मरण और
मारण का जोड़ती है हिसाब,
सिलसिला जन्मों-जन्मों तक
का चलता रहता है साथ-साथ! नियति

हर तारीख मुमकिन है कि 
हो किस्मत की धनी,
हर तारीख मुमकिन है कि 
हो मुश्किलों से भरी,
हर पल में पहचान हो 
सकती है कोई उम्मीद लिए,

Shree

रंग लाल को लाल दिखलाता है, गालों की खिंचन मुस्कान बताता है, आईना झूठा लगे, हां बहुत झूठा है... महफिलों में झूमरों की याद-ए-दरिया.. ठहरा कर शमा संदली बनाता है! आईना झूठा लगे, हां बहुत झूठा है... #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #आईनाझूठलगे #KKC960 #kka_journey_of_thoughts

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रंग लाल को लाल दिखलाता है,
गालों की खिंचन मुस्कान बताता है,
आईना झूठा लगे, हां बहुत झूठा है...

महफिलों में झूमरों की याद-ए-दरिया..
ठहरा कर शमा संदली बनाता है!
आईना झूठा लगे, हां बहुत झूठा है...

सुदूर पड़ा सब पहुंच में बतलाता,
पहुंच से दूर फिर भी छुआ जो...!
आईना झूठा लगे, हां बहुत झूठा है...

वक्त पड़ने पर रोशनी को दिन...
अंधेरे को गमजदा रात बतलाता है!
आईना झूठा लगे, हां बहुत झूठा है... रंग लाल को लाल दिखलाता है,
गालों की खिंचन मुस्कान बताता है,
आईना झूठा लगे, हां बहुत झूठा है...

महफिलों में झूमरों की याद-ए-दरिया..
ठहरा कर शमा संदली बनाता है!
आईना झूठा लगे, हां बहुत झूठा है...

Shree

सुना था कहीं प्रेम अंधा होता है, समझ गए अब कि बहरा भी होता है, इससे पहले कि लंगड़ा हो जाए... अनुरोध एक बस कि पहले गूंगा हो जाए! #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #क़लम_ए_हयात #yqurduhindipoetry #अनुरोध_Qeh #कविताQeh_11 #kka_journey_of_thoughts

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सुना था कहीं 
प्रेम अंधा होता है,
समझ गए अब कि 
बहरा भी होता है,
इससे पहले कि 
लंगड़ा हो जाए...
अनुरोध एक बस कि
पहले गूंगा हो जाए! सुना था कहीं 
प्रेम अंधा होता है,
समझ गए अब कि 
बहरा भी होता है,
इससे पहले कि 
लंगड़ा हो जाए...
अनुरोध एक बस कि
पहले गूंगा हो जाए!

Shree

पहरेदारी बहुत है मुस्कानों पर.. इस जहां में, ठहरो जरा, इशारे आंखों के, फिर भी सौदे पर उचक रहा दिल ‌जवां! ❣️ Shree #kka_journey_of_thoughts ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :) #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #दोमिसरेप्यारके #कोराकाग़ज़_शायरी #KK_शायरी #KKS172

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पहरेदारी बहुत है मुस्कानों पर.. इस जहां में, ठहरो जरा,
इशारे आंखों के, फिर भी सौदे पर उचक रहा दिल ‌जवां! पहरेदारी बहुत है मुस्कानों पर.. इस जहां में, ठहरो जरा,
इशारे आंखों के, फिर भी सौदे पर उचक रहा दिल ‌जवां!
❣️
Shree 

#kka_journey_of_thoughts

♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

Shree

जी या मर रहा हूं! .............. बहरूपियों के संग बहरूपिया बन रहा हूं, ज्यादा चुप रह कर उनके जैसा दिख रहा हूं, हर बात में औकात आंकने की आदत सीख रहा हूं! कद-काठी, रंग-रूप, ऊंच-नीच तौलता हूं, किफायती हो सौदा पहले ही परखता हूं, #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kka_journey_of_thoughts

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कभी रिश्ते, कभी रास्तों पर पलता रहा हूं,
आज सिक्कों की खनक, चमक ढूंढता हूं,
मशगूल वक्त से ज्यादा, 
क्या जाने, जी या मर रहा हूं!!
क्या जाने, जी या मर रहा हूं!!

अनुशीर्षक जी या मर रहा हूं!
..............
बहरूपियों के संग बहरूपिया बन रहा हूं,
ज्यादा चुप रह कर उनके जैसा दिख रहा हूं,
हर बात में औकात आंकने की आदत सीख रहा हूं!

कद-काठी, रंग-रूप, ऊंच-नीच तौलता हूं,
किफायती हो सौदा पहले ही परखता हूं,

Shree

महंगी ख्वाहिशें ................... कुछ ख्वाहिशें है जिनका मोल हमने खुद महंगा कर रखा है, कुछ तयशुदा है, कुछ समझ, नहीं पूछते बैठे...अच्छा किया है, इनकी प्यास कौन बुझाए, अब #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kka_journey_of_thoughts

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कुछ ख्वाहिशें है जिनका मोल 
हमने खुद महंगा कर रखा है,
कुछ तयशुदा है, कुछ समझ, 
नहीं पूछते बैठे...अच्छा किया है,

इनकी प्यास कौन बुझाए, अब 
ये जाने तरस किसने लगाई है,
आब-सी ठंडक का मुन्तजिर, 
मौसमों का मुरीद दिल यहां है,

मेहरबान तर-बतर यादें हो या 
बातें, गज़ब फितूर जैसा तू है,
इस अंधियार में कैद मुस्कान 
को सूरज की लाली देने आया है,

इल्म हासिल करने की तलब में 
तेरी नज़र के ऐवज सजदा किया,
इश्तिहार सा छप गया वो किस्सा, 
यूंही चुपचाप आज फिर पढ़ लिया! महंगी ख्वाहिशें
...................
कुछ ख्वाहिशें है जिनका मोल 
हमने खुद महंगा कर रखा है,
कुछ तयशुदा है, कुछ समझ, 
नहीं पूछते बैठे...अच्छा किया है,

इनकी प्यास कौन बुझाए, अब

Shree

दहेज का नवरुप ...................... वो आई तो खुद आई, और लाई नहीं दहेज, समाज में ताव रखने को स्वागत किया खूब। कल-परसों में लगी जाने को दफ्तर हो तैयार, देहरी पर रखे कदम, कोई पूछे उसकी पगार, ठिठक कर खड़ी दो पल, थी झुकी-झुकी नजर, 'उबर' आई, देर हो रही, कह निकल पड़ी सफर, #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kka_journey_of_thoughts

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वो आई तो खुद आई, और लाई नहीं दहेज,
समाज में ताव रखने को स्वागत किया खूब।
कल-परसों में लगी जाने को दफ्तर हो तैयार,
देहरी पर रखे कदम, कोई पूछे उसकी पगार,
ठिठक कर खड़ी दो पल, थी झुकी-झुकी नजर,
'उबर' आई, देर हो रही, कह निकल पड़ी सफर,
पूरे दिन बधाई सत्र के दौरान सोचे कई जवाब,

कोशिश नाकाम, पहुंचते ससुराल हुए खड़े कान,
बचकर निकली, सहमी थोड़ी, ज्यादा विचलित,
कमरे में जाकर पूछा, कहो क्यों पूछ रहे यह?
बिन सोचे, नि:संकोच उत्तर,"ये तुम्हारे परिवार,
हक है इतना तुम पर हम सब का, समझ लो।"
द्वंद मन में, नि:शब्द, आंखों और जबां को रोके,
"बाबा ने तो कभी ना पूछा क्यों ऐसा कोई सवाल!?" दहेज का नवरुप
......................
वो आई तो खुद आई, और लाई नहीं दहेज,
समाज में ताव रखने को स्वागत किया खूब।
कल-परसों में लगी जाने को दफ्तर हो तैयार,
देहरी पर रखे कदम, कोई पूछे उसकी पगार,
ठिठक कर खड़ी दो पल, थी झुकी-झुकी नजर,
'उबर' आई, देर हो रही, कह निकल पड़ी सफर,

Shree

दो मुख ......... भोले बन बोले नही, रखें छुपा मन की भाल, सिर पैर रख भागे, कोई पहचान जाये ताल। सत्य निरर्थक घूटे, #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kka_journey_of_thoughts

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भोले बन बोले नही, 
रखें छुपा मन की भाल,
सिर पैर रख भागे, 
कोई पहचान जाये ताल।

सत्य निरर्थक घूटे,
झूठ आरोपित नित नए।
पल्लवित कुसुम कहे,
सुवासित हृदय हर्षित रहे।

सर्वगुणसंपन्न परमेश्वर
मूरत बन पूजित होए रहे।
रक्त जलधारा सी बहे,
मानव मंडल मूर्छित गिर रहे। 
 दो मुख
.........
भोले बन बोले नही, 
रखें छुपा मन की भाल,
सिर पैर रख भागे, 
कोई पहचान जाये ताल।

सत्य निरर्थक घूटे,

Shree

दुनियादारी .............. अपयश की आंच में शनै:-शनै: भाव पके, नमक थोड़ा ज्यादा शक्कर थोड़ा-थोड़ा, प्यार में ऐसी रफ्तार प्यास बनते ना देर लगे। #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kka_journey_of_thoughts

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अपयश की आंच में
शनै:-शनै: भाव पके,
नमक थोड़ा ज्यादा 
शक्कर थोड़ा-थोड़ा,
प्यार में ऐसी रफ्तार
प्यास बनते ना देर लगे।

सरक कर सरपट सच,
मौन बन गौण रहे वह।
निर्गुण परमेश्वर मुंह तके,
रस-रंग-रुप हर ओर मंझे। 
धरा पुकारे, "ऐ अंबर बरस,
काहे जिए तरस-तरस!!" दुनियादारी
..............
अपयश की आंच में
शनै:-शनै: भाव पके,
नमक थोड़ा ज्यादा 
शक्कर थोड़ा-थोड़ा,
प्यार में ऐसी रफ्तार
प्यास बनते ना देर लगे।


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