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Stories related to अंतर्निहित परिसंपत्ति

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Rajendra Kumar Bairwa

#raindrops जिन्दगी की सच्ची खोज उस अंतर्निहित शांति और संतुलन में छिपी होती है #Life #Happiness #Enjoy #Success #patience #rajbairwa275 yqr #rajcreations75 #yqrajbairwa275

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जिन्दगी की सच्ची खोज उस अंतर्निहित शांति और संतुलन में छिपी होती है, जो हमें अपनी आत्मा के साथ संपर्क में लाती है। जीवन के वास्तविक सार उस आनंद में छिपा होता है! ।। नमस्कार ।।

©Rajendra Kumar Bairwa #raindrops जिन्दगी की सच्ची खोज उस अंतर्निहित शांति और संतुलन में छिपी होती है
#life #happiness #enjoy #success #patience #rajbairwa275 #yqr

Alok Vishwakarma "आर्ष"

"फ़रवरी की प्रीत" जिस कविता की चर्चा आपने अपने कथन में की थी, उसे प्रकट रूप देते हुए स्वयं में बड़े हर्ष की अनुभूति हो रही है। deepti T मेरी #yqdidi #newwritersclub #writingresolution #essentiallydeep #alokstates #oneness_of_souls #februarywritingchallenge

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फरवरी के मास में, सावन की सुरुचि सुवास में
लवलीन सुमन परास में, मनु के दिपित उच्छवास में
यह काव्य प्रकृति तरंग है
यह प्रेम हृदय उमंग है

दिन बीतते लव मास के, ऋत शीत अंतिम श्वांस के
गरिमा ले ग्रिष्म पलाश के, मनु सत्व सरल हुलास के
यह स्वर नमस्य मतंग है
यह प्रीत आत्म अनंग है "फ़रवरी की प्रीत"

जिस कविता की चर्चा आपने अपने कथन में की थी, उसे प्रकट रूप देते हुए स्वयं में बड़े हर्ष की अनुभूति हो रही है।
deepti T
मेरी

Yash Kumar

#Travel 🍃🌾🌾 *24 DECEMBER 2022* ♻️ *आज की प्रेरणा* ♻️ हज़ार टुकड़े होने पर भी दर्पण अपने प्रतिबिम्ब दिखाने की क्षमता को न #Motivational

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हज़ार टुकड़े होने पर भी दर्पण अपने प्रतिबिम्ब दिखाने की क्षमता को नहीं खोता है। ऐसे ही किसी भी परिस्थिति में हमें अपने अंतर्निहित अच्छे स्वभाव को नहीं खोना चाहिए और न ही उसे प्रतिबिंबित करने की क्षमता को।🍃💫🍃💫🍃💫🍃💫🍃💫🍃

©Yash Kumar #Travel 🍃🌾🌾

         *24 DECEMBER 2022*

         ♻️ *आज की प्रेरणा* ♻️
 
हज़ार टुकड़े होने पर भी दर्पण अपने प्रतिबिम्ब दिखाने की क्षमता को न

Shree

गुस्ताखियां माफ़ करें पाठक गण, क्योंकि नेह की सीमा नहीं होती। Shree कभी आंचल, कभी बादल, कभी आंसू तो कभी लेखन, कभी स्वप्न, वक्त गुजारने को. #yqbaba #yqdidi #yourqoute #yourquotedidi #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires

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महबूब ना मिला आप सा,‌ 
मोहब्बत ना मिली आप जैसी...
बेबाक कह दे जो हमसे..
हम जैसी नाचीज़ को
हमारी तारीफ़ में... 
"तुलसी... तुम-सी !"
  गुस्ताखियां माफ़ करें पाठक गण, क्योंकि नेह की सीमा नहीं होती।
Shree  
कभी आंचल, कभी बादल,
कभी आंसू तो कभी लेखन,
कभी स्वप्न, वक्त गुजारने को.

Ravikant Raut

एक बैंकर का पत्र तुम गांव में रहती थी , पढ़ने में तेज़ मैं भी उसी गांव से था और शहर में रहता था तेरे सपनों का मान रख तेरे पिता ने इज़ाजत द

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 एक बैंकर का पत्र 

तुम गांव में रहती थी , पढ़ने में तेज़ 
मैं भी उसी गांव से था और शहर में रहता था 
तेरे सपनों का मान रख तेरे पिता ने 
इज़ाजत द

Shivendra Singh

हर मनुष्य समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं परन्तु जिस प्रकार मौसम एक जैसा कभी नही हो सकता, वैसे ही इस मनुष्य के शब्द उसके हर परिस्थिति में भ #Pain #thought #innervoice #words #yqbaba #yqdidi #yqhindi

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अच्छाई के ढेरो ठेकेदार
आज अपना कर्तब दिखा रहे
चाय की चुस्कियों के साथ
नेताओं कि कमियां गिना रहें

(शीर्षक)
 हर मनुष्य समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं परन्तु जिस प्रकार मौसम एक जैसा कभी नही हो सकता, वैसे ही इस मनुष्य के शब्द उसके हर परिस्थिति में भ

Aprasil mishra

"शून्य की ओर एक कदम: पथ - पथिक और उसकी यात्रा " एक जज्बाती यौवन, मुट्ठीभर सामर्थ्य, नश्वर जीवन के अनन्त स्वप्न, अन्तः एव #Journey #Social #yqhindi #strugglesoflife #yqlife #हरिगोविन्दविचारश्रृंखला

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" तरुणाई जीवन पथ पर "
      (अनुशीर्षक में)  "शून्य की ओर एक कदम: पथ - पथिक और उसकी यात्रा "

                   एक जज्बाती यौवन, मुट्ठीभर सामर्थ्य, नश्वर जीवन के अनन्त स्वप्न, अन्तः एव

Aprasil mishra

जब हम संघर्ष के दिनों में होते हैं, तो प्रायः परिवार, समाज, अपनी परिस्थिति व प्रस्थिति, सगे- संबंधियों... आदि को लेकर हमारे अं #diary #yqhindi #idealism

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"""हमारे संघर्ष और हमारे प्रवर्धित मूल्य """


 
             जब हम संघर्ष के दिनों में होते हैं, तो प्रायः परिवार, समाज, अपनी परिस्थिति व प्रस्थिति, सगे- संबंधियों... आदि को लेकर हमारे अं
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