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Sumit Rai
White cggcgxgxgxxgcgcgchcg ©Sumit Rai #sad_shayari बारिश पर कविता Entrance examination Hitesa Hinduism Eid al-Adha
#sad_shayari बारिश पर कविता Entrance examination Hitesa Hinduism Eid al-Adha
read moreश्यामजी शयमजी
White कुत्ते का पिल्ला बैठा नीम की शाम में आज बारिश होगी आपकी भी गांव में ©श्यामजी शयमजी #cg_forest कविता कविता
#cg_forest कविता कविता
read moreSantosh Jangam
White "विचार - शक्ती" सद्विचारांची ज्योत, पेटवा मनी, ध्येय धरावं, विशाल आसमानी। कर्तव्य पथ हा, घेईल आकार, ध्यास जीवनाचा, यशस्वी साकार॥ उत्तम विचारचं, ठसवा मनी, आचरणात यावा, ध्यान लावुनी। पुस्तकी ज्ञान मग मागे टाकुनी, हाच खरा बोध, तुंम्ही घ्या जाणुनी॥ पराजय ही, विजयाची जननी, हीच ती सुंदरता, सुखी जीवनी। नित्य निरंतर, करावं सत्कर्म, हीन जे संस्कार, न होई विस्तीर्ण॥ ज्योती सम असावी, विचारा धारा, कर्मचं वाही, शक्तीचा स्रोत सारा। जीवनी सकारात्मक, बिज पेरा, सुखद भविष्य, येईल आकारा।। बालमनी पेरा, सुविचार बिज, आत्मबळ करी, विश्वासाचं चीज। जीवनाच लक्ष, दिसे नजरेत, आयुष्य सफलता, येई कवेत।। निराश हृदय, विचारा अडसर, प्रकाशित मन, दावी अवसर। सुविचार मग, करतीलं संचार, आत्मसम्मानास, येईलं उभार।। विघ्न येता वाटेस, रहावे शांत, आशा ज्योत उजळी, मनी निवांत। मिळेलं शुद्ध, विचारास एकांत, समृद्ध पथ हा, दृष्टीस साक्षात।। शरीर हे, विचार प्रकट रूप, राष्ट्र हेचं जन-मनाचे स्वरूप। शुद्धता, सद्विचारांची अभिव्यक्ती,जीवनातं नसावी, निराशा चित्ती।। करूया विचार, साम्राज्य निर्माण, धरूया उंच, आशात्मक निशाण। गाठूया स्वप्न ही, प्रयत्न पंखानी, जगूया जीवन, आनंदी-सन्मानी।। ©Santosh Jangam #कविता : सकारात्मक विचारांनी यश मिळवा, चुकांपासून शिका, चांगले कर्म करा आणि आत्मविश्वास बाळगा. अशा विचारांनी स्वतः आणि राष्ट्र उन्नती करा.
#कविता : सकारात्मक विचारांनी यश मिळवा, चुकांपासून शिका, चांगले कर्म करा आणि आत्मविश्वास बाळगा. अशा विचारांनी स्वतः आणि राष्ट्र उन्नती करा. #मराठीकविता
read moreShankar
White लकीरों से नहीं, मेहनत से मुक़द्दर बयां होगा.. कभी होंगी आँधियां, तो कभी सामने तूफ़ां होगा... ज़िन्दगी के समंदर में यूँ ही नहीं पार लग जाएंगी, तेरी कश्तियों का चप्पे चप्पे पर इम्तेहां होगा.... ©Shankar #motivate #motivatation #आत्मविश्वास #Love #शायरी
#motivate #motivatation #आत्मविश्वास Love #शायरी #मोटिवेशनल
read moreTripti varma
White मुसीबत से निकलने के लिए एक तिनके का , भी सहारा बहुत होता है। ©Tripti varma #“आत्मविश्वास”
#“आत्मविश्वास” #विचार
read moreSapna Meena
White अबकी बार 400 पार या फिर गठबंधन सरकार। मोदी का उतरे का मुखौटा या फिर पहनेगा जीत का हार। केजरीवाली या कन्हैया या मनोज तिवारी होगा यमुना पार। कांग्रेस और आम आदमी के लड़ गए नैना बीजेपी रह गई बिन प्यार। अबकी बार 400 पार,या फिर गठबंधन सरकार। ©Sapna Meena #car चुनाव 2024 पर कविता
Gurudeen Verma
White शीर्षक- इस ठग को क्या नाम दे --------------------------------------------------------- बड़े नम्बरी होते हैं वो आदमी, जो करते हैं शोषण छोटे आदमी का, और छीन लेते हैं उधारी चुकाने के नाम पर, गरीब आदमी की जमीन और आजादी। लेते हैं काम छोटे आदमी को, कोल्हू के बैल की तरह दिनरात, एक वर्ष की मजदूरी बीस हजार देकर, जबकि होते हैं खर्च पाँच हजार एक माह में। लेता है ब्याज बहुत वो आदमी, छोटे आदमी को देकर उधार रुपये, बड़े ही ठाठ होते हैं इन आदमियों के, जिनके होते हैं मकां महलनुमा। होती है उनकी जिंदगी राजा सी, जिनके एक ही आदेश पर, हो जाते हैं सारे काम, और हाजिर नौकर चाकरी में। कमाता होगा इतने रुपये वह आदमी, मेहनत की कमाई से कभी भी नहीं, बनाता है वह अपनी इतनी सम्पत्ति, भ्रष्टाचार और दो नम्बर की कमाई से। लेकिन एक ऐसा आदमी भी है, जो लेता है बड़े आदमी से भी ज्यादा दाम, करता नहीं रहम वो अपने भाई पर भी, और कोसता है वह बड़े आदमी, इस ठग को क्या नाम दे।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #कविता
कविता
read moreMohan Sardarshahari
दोनों अपरिचित हैं एक को विश्वास है दूसरे को आत्मविश्वास । आत्म विश्वास से भी विश्वास बड़ा है विश्वास शान्त, सहज है आत्मविश्वास सचेत है। विश्वास जीवन है आत्मविश्वास जीवन बोध है।। ©Mohan Sardarshahari विश्वास और आत्मविश्वास
विश्वास और आत्मविश्वास #विचार
read moreShiv gopal awasthi
ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए, भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए। पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई, लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए। बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी, सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए। उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं, दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए। थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने। चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए। कवि-शिव गोपाल अवस्थी ©Shiv gopal awasthi कविता
कविता #शायरी
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