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Sonal Panwar
किसी के भरोसे रहना जीवनभर उसके अहसानों के बोझ तले दबना है, अपना काम स्वयं करके स्वावलंबी होना ही ज़िंदगी का अमूल्य गहना है। ©Sonal Panwar स्वावलंबी जीवन👍💯💫 #Zindagi #self_motivation #Self_help #self_confidence #selfdependent #Hindi #hindi_poetry #hindi_shayari #hindi_quotes #
Motivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 " स्वावलंबी " व्यक्ति अपनी परिस्थितियों का उत्तरदायी स्वयं अपने को मानता है , इस कारण वह उनके निवारण के लिए अपने अंदर ही सुधार और विकास लाता है !.i. j ©Motivational indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹 " स्वावलंबी " व्यक्ति अपनी परिस्थितियों का उत्तरदायी स्वयं अपने को मानता है , इस कारण वह उनके निवारण के लिए अपने अंदर ही सुधा
Niwas
ख़ुद का जीवन वृत्तांत..... आज मैं ख़ुद पर लिखता हूं।किसी लेखक के लिए ख़ुद पर लिखना दुनिया का सबसे कठिन काम है।जन्म एक साधारण संयुक्त परिवार में। पिता बेहद अनुशासन प्रि
SI UPP BDH
स्त्रियों को सुंदर दिखना आवश्यक क्यों? स्त्रियों को सुंदर दिखना आवश्यक क्यों? एक व्याख्यान के अनुसार डॉ दिव्यकीर्ति ने बताया कि भारत में पश्चिमी देशों की अपेक्षा महिलाएं स
Jk
खुद्दारी सें जिनेवाले हर हाल में जितना जानते है गद्दारी सें जिनेवालों को अपना दुश्मन मानते है -jk ©Jk #स्वाभिमान #jkthought #pride #jkquote #स्वावलंबी #self reliant #selfdependent #selfsufficient
Shitanshu Rajat
किसी की मेहरबानी का शिकार नहीं होते, वो भले लोग अपने ही पैरों पर लड़खड़ाते हैं। #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #yourquote #स्वावलंबी
soul search
कौन सा घर है मेरा घर? कौन सा घर है मेरा घर? वो घर जो पापा का है, और जिसे म मम्मी सजाती संवारती है वो घर जिसमें मुझे लाड़ और प्यार मिला वो घर जिसमें मुझे अपने दो
Divyanshu Pathak
5. पांचवां दिन और स्कंदमाता की उपासना। -- हमने आपको मैया शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चन्द्रघण्टा,कूष्मांडा क्रमशः अंक 9,8,7,6 के बारे में बताया कि जीवन के आरंभ और पोषण के साथ सृष्टि में होने वाले कौतूहल के साथ ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति में प्रथम चार देवियों का योग निहित हुआ। स्कंदमाता के दिन में सुमार नवरात्रों का ये 5 वां दिन है।आज के दिन तिथि भी पञ्चमी है। सम्पूर्ण सृष्टि का सूक्ष्मतम रूप पंच महाभूत ( आकाश Space , वायु Air- Quark, अग्नि fire-Energy, जल water- Force तथा पृथ्वी Earth-Matter ) माने गए हैं जिनसे सृष्टि का प्रत्येक पदार्थ बना है। देवताओं को भोग लगाने के लिए 5 तरह के द्रव्य मिलाए जाते हैं जिनसे पंचामृत बनता है। देहधारियों में 5 ज्ञानेंद्रिय और 5 ही कर्मेन्द्रीयाँ हैं।शब्द ,रूप, रस, गंध और स्पर्श ये 5 इंद्रियों के विषय हैं।किसी मसले को सुलझाने के लिए पाँच लोगों का आगे आकर निराकरण करने में सहयोग 'पञ्च परमेश्वर' के रूप में देखा जाता है। हमारे राजस्थान में पंच पीरों को लोक देवता के रूप में पूजा जाता है। उनके बारे में एक प्रसिद्ध दोहा है- पाबू, हड़बू, रामदे, मांगलिया, मेहा । पांचो पीर पधारज्यों, गोगाजी जेहा।। 5. पांचवां दिन और स्कंदमाता की उपासना। -- हमने आपको मैया शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चन्द्रघण्टा,कूष्मांडा क्रमशः अंक 9,8,7,6 के बारे में बताया क
vaishali
स्त्री - एका नवयुगात वाटचाल || *सावित्रीच्या लेकी नाही राहिल्या अबला* || || *नवयुगाची कास धरुनी झाल्या आज सबला* || (पूर्ण लेख 👇कॅप्शनमध्ये वाचा ) 🌹शब्दसंगिनी 🌹 स्त्री - एका नवयुगात वाटचाल || *सावित्रीच्या लेकी नाही राहिल्या अबला* || || *नवयुगाची कास धरुनी झाल्या आज सबला* || " *
Harshita Dawar
This 📣📣Happy to announce 📣📣 To being a published author #NEX8 THANK FOR NOMITED AUTHOR OF THE YEAR NE8x® I Author of the Year Nominee