Find the Latest Status about बिनु from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बिनु.
Shaarang Deepak
N S Yadav GoldMine
atrisheartfeelings
हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम, राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम ©atrisheartfeelings हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम, राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम #atrisheartfeelings #ananttripathi #Sundarkand #jai_shree_
Vinod Mishra
atrisheartfeelings
तब हनुमंत कही सब राम कथा निज नाम। सुनत जुगल तन पुलक मन मगन सुमिरि गुन ग्राम॥ सुनहु पवनसुत रहनि हमारी। जिमि दसनन्हि महुँ जीभ बिचारी॥ तात कबहुँ मोहि जानि अनाथा। करिहहिं कृपा भानुकुल नाथा॥ तामस तनु कछु साधन नाहीं। प्रीत न पद सरोज मन माहीं॥ अब मोहि भा भरोस हनुमंता। बिनु हरिकृपा मिलहिं नहिं संता॥ जौं रघुबीर अनुग्रह कीन्हा। तौ तुम्ह मोहि दरसु हठि दीन्हा॥ सुनहु बिभीषन प्रभु कै रीती। करहिं सदा सेवक पर प्रीति॥ कहहु कवन मैं परम कुलीना। कपि चंचल सबहीं बिधि हीना॥ प्रात लेइ जो नाम हमारा। तेहि दिन ताहि न मिलै अहारा॥ #atrisheartfeelings #ananttripathi #sundarkand #sunderkand #yqbaba #devotional तब हनुमंत कही सब राम कथा निज नाम। सुनत जुगल तन पुलक मन मगन स
B Pawar
शिव स्तुति 27/05/2018 🌐www.whosmi.wordpress.com 👇यहां नीचे पूरा पढें। शीतल ,जल , गंग की धारा हरगिरि पे उसका जैकारा ॐ ॐ गूँजे ओंकारा हरगिरि पे उसका जैकारा
Ashutosh Mishra
गई शरद रितु,,,,आया बसंत,,,,, खिले हैं फूल डाली-डाली। वन-उपवन सब महक रहें हैं, पंछी चहकें डाली-डाली। गई शरद रितु,,, आया बसंत,,,, कली-कली पर भंवरे गुनगुनयें, नव किशोर-किशोरियों के मन को लुभाये। चढा प्रकति पर यौवन का रंग, धरती ने ओढ़ी पीली चूनर। गई शरद रितु,,,,आया बसंत,,,,, मै बिरहिनि,बिरहा में पिया की,,,, दिन-रात ही राह निहारुं। कह गए,,आयन को अजहूं ना आए, यह मन चैना ना पाऐ। गई शरद रितु,,आया बसंत,,,, बिन बदरा बरसें ये नयना,,, अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🏻🙏🏻 ©Ashutosh Mishra बिनु बदरा के बरसे नैना, बिना दरश नहींअब चैना, अब कहुं आस, छोड़ ना दे सांस, जिया मोरा भरमाऐ।#बसंत NojotoHindi NojotoEnglish NojotoNews Nojoto
AK__Alfaaz..
कल भोर की, उदित होती सिंदूरी किरण के संग, मैने नेह की सुनहरी पोटली मे, सूरज से आती, ममता की धूप को, अपनी झीनी सी, हथेलियों से भर लिया, और.. गले का हार बना लटका लिया, ममत्व की डोरी मे पिरो, कल भोर की, उदित होती सिंदूरी किरण के संग, मैने नेह की सुनहरी पोटली मे, सूरज से आती, ममता की धूप को, अपनी झीनी सी हथेलियों से भर लिया,
नेहा उदय भान गुप्ता
नेह शब्दों से सुसज्जित, आओ आप सबको सच्ची दास्तां सुनाती हूँ। आरम्भ कैसे, कैसे हुआ अन्त, महाभारत की कहानी बताती हूँ।। अनुशीर्षक में पढ़े...👇👇 नेह शब्दों से सुसज्जित, आओ आप सबको सच्ची दास्तां सुनाती हूँ। आरम्भ कैसे, कैसे हुआ अन्त, महाभारत की कहानी बताती हूँ।।1 चन्द्रवंशी शासक ये, प