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dilkibaatwithamit
saddest moment of 2018 न लोरी सुनाता है कोई न प्यार से खाना खिलाता है, तेरे जाने के बाद ओ माँ हर लम्हा मुझे रुलाता है। ©dilkibaatwithamit न लोरी सुनाता है कोई न प्यार से खाना खिलाता है, तेरे जाने के बाद ओ माँ हर लम्हा मुझे रुलाता है।#maa Noor Hindustani
न लोरी सुनाता है कोई न प्यार से खाना खिलाता है, तेरे जाने के बाद ओ माँ हर लम्हा मुझे रुलाता है।#maa Noor Hindustani
read moreमोरध्वज सिंह
White इश्क़ किया तुझसे, मेरे ऐतबार की हद थी, इश्क़ में दे दी जान, मेरे प्यार की हद थी, मरने के बाद भी खुली थी आँखें, यह मेरे इंतेज़ार की हद थी… ©मोरध्वज सिंह शेर ओ शायरी #Thinking #शायरी #Love #viral #Trending शायरी
शेर ओ शायरी Thinking शायरी Love viral Trending शायरी
read moreAnjali Singhal
"करीब रखकर दिल के पास, उसके एहसास-ओ-ख़्याल; लुटा बैठे हम तो, अपना चैन-ओ-क़रार।" ©Anjali Singhal #waiting "करीब रखकर दिल के पास, उसके एहसास-ओ-ख़्याल; लुटा बैठे हम तो, अपना चैन-ओ-क़रार।" #AnjaliSinghal
#waiting "करीब रखकर दिल के पास, उसके एहसास-ओ-ख़्याल; लुटा बैठे हम तो, अपना चैन-ओ-क़रार।" #AnjaliSinghal
read moreANURAG
हम वो पीढ़ी हैं, जिसने महाकुम्भ भी देखा है। तपस्वीनी इस धारा को हमने, सजते-संवारते देखा है। पतित-पावनी इस धरती पर पतितों को पावन होते देखा है। साधु सन्तों से सजी धरती को, खुद पर इतराते देखा है। नर-नारी और किन्नर को एक घाट पर बसते देखा है। अर्पण-तर्पण की भूमि पर हमने, पूर्ण समर्पण देखा है। मोह-माया में फसे जनों को भक्ति में डूबा देखा है। नेता-अभिनेताओं को भी हमने, संगम में डुबकी लगाते देखा है। हाड़ कपाती सर्दी में हमने शाही स्नान भी देखा है। संगम की नदियों को हमने, मिलकर नृत्य करते देखा है। ‘गूगल बाबा’ को भी हमने ‘महाकुंभ’ का दीवाना देखा है, ‘महाकुंभ’ के नाम पर, पुष्प वर्षा करते देखा है। 144 साल बाद आने वाले इस पर्व को हमारी पीढ़ी ने देखा है। धन्य हैं हम! जो इस भूमि,इस पीढ़ी में जन्मे, हा हमने भी, ‘जन्नत’ को धरती पर देखा है। ‘जन्नत, को धरती पर देखा है। ©ANURAG हम है ओ पीढी #महाकुंभ2025 #पीढी_दर_पीढी #सबको #सबको_हक़_हैं_इससे_आजाद_होना_ज़रूरी_हैं
हम है ओ पीढी #महाकुंभ2025 #पीढी_दर_पीढी #सबको #सबको_हक़_हैं_इससे_आजाद_होना_ज़रूरी_हैं
read moreVikas sharma
White इक नया रंग दिखता है ज़माने का ज़ख़्म नया ही , मरहम है पुराने का जब तक लड़ती रही कश्ती.तब तक ही है पार उतरने में वजूद ,कहाँ रहता है किनारे का कभी जो पूछो तो कहे कुछ अपनी भी कि.. कितना मुश्किल है खुद को समझाने का साँसों का मोल ,कहाँ मिलता है बाज़ार में क़र्ज़ हर बार रह ही जाता है चुकाने का हर मोड़ पे शुरू फिर एक नया सफ़र है कोशिश रही. फिसलती रेत को हथेली में बचाने का हर मौसम में ग़ुलाब है कि खिलते रहेंगे अरमान होते है इन्हें, क़िताबों में छुपाने का यूँ कहे तो राह तकते ,एक अरसा सा गुजर गया इंतज़ार है फिर भी..उस बहार के आने का बीते लम्हों के निशां ,ढूढ़ते है अब भी जाने क्यूँ हसरत है फिर,उन गलिओं में जाने का,खो जाने का @विकास ©Vikas sharma #Thinking खो जाने का
#Thinking खो जाने का
read moreAakash Bhuriya
green-leaves मेरी जान कभी याद भी कर लिया करो 🥹😔 ©Aakash Bhuriya #GreenLeaves तेरी जाने
#GreenLeaves तेरी जाने
read moreRadha Chandel
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset क्यू हर बार दर्द मुझे चुनता हैं। या क्यू हर बार मैं दर्द को चुनती हू।। क्यू हर बार मैं सपने सजाती हू। क्यू हर बार तुझे अपना बनाती हू।। तू हर बार दिल तोड़ जाता है। सूनी में राहों में तन्हा छोड़ जाता है।। मैं फिर से तुझसे दिल लगाती हू। तू फिर से दिल तोड़ जाता हैं।। या तो नासमझ है तू या तेरा दिल पत्थर का हैं। मेरी बेबसी को तू वक्त गुजारने का जरिया बनाता है।। ©Radha Chandel #, जाने क्यू
#, जाने क्यू
read moreF M POETRY
New Year Resolutions जैसे हर साल गुज़र जाता है.. दर्द-ओ-ग़म क्यों गुज़र नहीं जाते.. यूसुफ़ आर खान. ©F M POETRY #newyearresolutions दर्द-ओ-ग़म....
#newyearresolutions दर्द-ओ-ग़म....
read moreAnuj Ray
White दर्द ओ ग़म" उनसे बिछड़ने का दर्द ओ ग़म ज़िगर से आज तक कभी गया ही नहीं। कुछ लोग दर्द ओ ग़म की दवा ढूंढने लगते हैं, हमें इस क़ाबिल कोई जचा ही नहीं ©Anuj Ray # दर्द ओ ग़म "
# दर्द ओ ग़म "
read moreMayuri Bhosale
White ओ पहली मुलाकात..... दिल मे दबी हुई वो हसी लगती है हमे आँखो मे अभी भी वैसी ही फसी सब कुछ लुटा दिया है हमने तुम पर मगर दिल धडकते ही आ जाते है होशपर आप को देखा तो ऐसा लगा की उडणे लगे है हवा में वैसे तो चाॅंद तारे शामिल है हमारे मिलन के गॅंवा में कुछ तो खास थी आप में वो बात याद आती है हमें ओ पहली मुलाकात ओ पहली मुलाकात. ©Mayuri Bhosale #ओ पहली मुलाकात
#ओ पहली मुलाकात
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