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~राधिका मोदी
मत पूछो मिरा आलम-ए-मुफलिसी इंचभर जगह मयस्सर नहीं मुझे ,,, मिरी दम तोड़ती रूह दफनाने को !!!— % & # नोजोट चित्र साभार #मुफ़लिस #मुफ़लिसी #रूहकीआवाज #दफन #बेआवाज़ #गमसुदा
तृप्ति
फ़िक्र जाती नहीं जहन से ... ज़िक्र जाता नहीं जुबां से... ए मेरे दिल को आबाद करने वाले... गुजरते हैं हम रोज तेरी यादों के सफ़र से... अरसा हुआ है नज़र भर ... देखें तुझे बा खुदा... हो सके तो एक मुलाक़ात कर... अपने इस मुफ़लिस से... ... तृप्ति #मुफ़लिस
Rohan Rajasthani
दुनिया के क्या-क्या रंग दिखलाती है मुफ़लिसी लोगों से क्या-क्या काम करवाती हैं मुफ़लिसी जब जैब मैं हो पैसा हर कोई अपना कहता था है जब कुछ नहीं हो तो अपनों को अपनों से दूर ले जाती है मुफ़लिसी ©Rohan Rajasthani मुफ़लिसी
Raj Guru
पढ़े लिखे लोगों को नौकरियां नहीं मिलती, शादी को लड़कों को लड़कियां नहीं मिलती..! इस तरह से मुफलिसी ने डेरा डाल रखा है, कफन मिल गया तो लकड़ियां नहीं मिलती..!! ©Raj Guru #मुफ़लिसी
~राधिका मोदी
मत पूछ मिरा आलम-ए-मुफ़लिसी ,,, इक इंच जगह भी मयस्सर नहीं मुझे... मिरी दम तोडती रूह दफनाने को !!! ©Radhika Modi #मुफ़लिसी
HP
ये मुहब्बत कितनी जालिम है सवारने की तसल्ली दे कर मुफ़लिसी बना दिया और हम देखते रहे और वो आसियाना बना लिया! मुफ़लिसी
Pranav Parashar
मोहब्बत मिल गई होती, न उजड़ी ज़िन्दगी होती न सड़कों पर पड़ा होता, न कायम मुफ़लिसी होती ~ प्रणव पाराशर मुफ़लिसी...
SK Poetic
ये नहीं ........कोई शराफ़त आपकी! गज़ल जान ली सबने ...हकीकत आपकी! क्यों करेंगे वो इबादत ......आपकी! दाल रोटी खा रहे थे .....किस तरह, छीन ली ये है .....हकीकत आपकी! वो खुदा सब देखता ........भूल मत, आ गई निश्चय ही शामत... आपकी! तू नशे में चूर है .............ऐ बेखबर, कुछ दिनों की है ये जन्नत ..आपकी! जिंदगी में प्यार जो......सबसे मिला, है यही असली अमानत ....आपकी! प्रेम से कोई मिला ........प्रेमी अगर, ले गया दिल की वो दौलत आपकी! ©S Talks with Shubham Kumar #MySun मुफ़लिसों पर जो हिमाकत आपकी!
Nasamajh
जुदाई की रात जैसें सहरा में चलना मुद्दतों ग़म की आग़ोश में अब है रहना !! खि़जाओं के मौसम में फूलों का खिलना कि मुफ़लिस के घर में चिराग़ों का जलना !! लोगों के लिए देंखो मुश्किल बहुत हैं यहाँ ग़म के कांँटों से बचना संभलना !! कठिन है डगर औ’ कठिन है यें जीवन सदा फिर भी मुझको अकेले हैं चलना !! यें जीवन तो है आग का एक दरियाँ कि हर हाल में इसको है पार करना ।। #सहारा #मुफ़लिस #गमों_के_खारों #चिराग_ए_मोहब्बत