Find the Latest Status about शल्य चिकित्सक मतलब from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, शल्य चिकित्सक मतलब.
सुभाष चौधरी
हायकू शल्य झटकले मी, शल्य बोचरे खारे, विषारी सारे. ©सुभाष चौधरी #शल्य
Balram Bathra
मेरे मुआलिज ने भी, तौबा कर ली अब तो, बीमार के इश्क़ हूँ, दवाएं असर नहीं करती.. मुआलिज - चिकित्सक
Mohan Sardarshahari
चलो अब आ गया है फाल्गुन सर्दी हो रही है धीरे-धीरे गुम ऊनी पहनें तो गर्मी लगे ना पहने जुकाम लगे जाती सर्दी बड़ी बेरहम ढा रही है सब पर सितम बहती नाक, छिलता गला भूला रही अगला-पिछला रख मुंह रूमाल कोई खांसे समझो चिकित्सक के चला।। ©Mohan Sardarshahari चिकित्सक के चला
Sri batsa Meher
अपना तन के पहला चिकित्सक बनो किसी तन के चितसक बन ने से पहले। अपना तन को पहला पहेचनो दूसरे इंसान के तन को पहचाने से पहले। ©Sri batsa Meher अपने तन के चिकित्सक
saurabh yadav
सबकी पीड़ा का दर्द , जो अपने मन मे करता है धारण...!! हर घाव का, उस चिकित्सक के पास होता है निवारण...!! -©Saurabh Yadav...✍️ #1stJuly #doctorsday2020 चिकित्सक #NationalDoctorsDay #sydiary #Nojoto
Insaf Ali
Happy doctors day चिकित्सक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
manoj kumar jha"Manu"
जो चिकित्सक अपने स्वार्थ एवं इच्छित वस्तुओं की प्राप्ति की परवाह न करते हुए केवल प्राणियों के कल्याण की भावना से ही चिकित्सा कार्य करते हैं, वे ही सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक कहलाने के योग्य हैं। चरक संहिता चि० १/४/५८ चिकित्सा को ईश्वरीय ज्ञान समझें चिकित्सक।
Deepak Sisodia
सबको यहाँ, बस अपने ही, मतलब से मतलब हैं जो था यहाँ कल, आज हैं, और बस वहीं अब हैं मण्डी फकीरों की लगी , बिकता ख़ुदा देखा अब तो दुआओं में भी, उनके उनका मतलब हैं रिक्शे चलाने वाले भी , बाबा थे बचपन में बच्चों को भी क्या इल्म, के क्या अदब अब हैं दौलत की चम चम में, यहाँ सब चमचमाता हैं सिक्कों की ये आवाज़ हमदम , क्या गज़ब ढब हैं अब तो यहाँ हर बात में, बस आप दिखता हैं ख़ुद के ख़ुदा हम आप हैं, और आप ही रब हैं दीपक सिसोदिया मतलब ही मतलब....
manoj kumar jha"Manu"
जो मूर्ख चिकित्सक इस ईश्वरीय ज्ञान का उपयोग केवल पेट भरने के लिए ,क्रय विक्रय या सौदेबाजी से करता है, वह सोने के ढेरों को छोड़कर अपने लिए केवल धूल के कणों के ढेर ही बटोरता है क्योंकि यह तो जीवन देने वाला विज्ञान है अतः दूसरों के दुखों से दुखी होकर मनुष्य के जीवन की रक्षा पर ही ध्यान देना चाहिए क्योंकि जीवनदान से बढ़कर कोई और श्रेष्ठदान है ही नहीं। चरक संहिता चि० १/४/५९ कालाबाजारी न करें। चिकित्सक धर्म को निभाएँ।