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Rohit Raj Shrivastav
बचपन और शैतानी जिंदगी बहुत दौड़ाती है, बचपन गुजर जाने के बाद..!! ©Rohit Raj Shrivastav #SAD #bachpan #Childhood #Happiness #bachpan
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read moreNitin Sharma
दिल मायूस सा हो जाता है जब देखता हूं... बच्चों को खेलते की यार... कल इनको भी मोहब्बत घेर लेगी..# ©Nitin Sharma bachpan #mohabbat #Love #SAD #bachpan
Moksha
वो मिला भी तो आज इस हाल में मिला मुझे जैसे कोई अनजान भीड़ राह में मिला मुझे फफक-फफक कर रो पड़ा दिल भी नन्हा जिस्म जब छालों की कतार में मिला मुझे..!! ©Moksha #bojh #bachpan #SAD #poetry #Nojoto #nojotohindi #nojotoshayari #nojotopoetry
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read moreAditya Mirzapur
Aaj Kisi Ko Dekha Kar, Mera Bachapan Yaad Aa Gaya. Dil Me Khuch Mithi Si Yade De Gaya. Khuch Bate Yaad Aa Gai, Mere Palako Ko Bhiga Gai. Bachapan Ke Din They Kitane Pyare, NaJane Wo Bachapan Kaha Ko Gaya. Na Jane Wo Mera Bachapan Kaha Ko Gaya. #bachpan #thinking #lovequotes #sad #poetry #shayari #inspiration #life
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read moreSmileyChait
बचपन था एक अनजाना सा, कुछ जाना पहचाना। सा, शौक बड़े अरमानों के कुछ जाने से पहचाने से। नादान बड़ा था दिल मेरा एक छोटा सा अनजाना सा। ना जाने कब क्या कह बैठे ,कुछ ना समझी फरमाने सी। दिल दे किसी से बोल रहा, कुछ ये ले दो कुछ वो ले दो।ना अंजाना सा वह बचपन था ,कुछ बातें जो ना बोल सका ।वह बात बड़ी अंजानी सी अलबेली सी मस्तानी सी।उड़ना चाहे मन चाहे जब, गिरना चाहे मन चाहे जब। दिल मन की बातों में डोल रहा, है हिचकोल रहा मन बोल रहा।कहासुनी जब हो जाती, ना कुछ कह पाती ना सुन पाती।बातों बातों में रो आती हंसने की बात सता जाती। छोटे-छोटे वह झूले थे छोटे से खेल खिलौने थे।कुछ साथी थे वह बचपन के जब साथ हाथ मिल जाते थे। कुछ बात बात पर अब देखो,ना जाने कब क्या होने वाला। कुछ बात बड़ी अंजानी से कुछ याद बड़ी पहचानी सी ,बचपन था एक अनजाना सा कुछ जाना पहचाना सा poetry (bachpan)
poetry (bachpan)
read moreKhüśhßôô Jâiñ
जीवन ही बचपन वाला हैं बाकि फिर तो जीवन में उलझनें ही उलझनें हैं वो खेल भी क्या खेल थें चिड़िया को उड़ाने के साथ-साथ न जाने कितने ओर जानवर उड़ जाते थें वो साँप सीडी लूडो के चक्कर में कितने छक्के छूट जाते थें मिट्टी के ढेर में मिट्टी से घर बनाते थें साईकिल का पहिया लेकर गलियों में घूम आते थें बेहद खूबसूरत दिन थें क्योंकि वो बचपन वाले दिन थें ©Khüśhßôô Jâiñ #poetry #bachpan
Noori Ab
بچپن کی وہ امیری نہ جانے کہاں چلی گئ۔۔۔ جب پانی پر ہمارے بھی جھاز چلا کرتے تھے۔۔۔ #poetry#bachpan