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Jiyalal Meena ( Official )
Thakur Rajan Singh
अनपढ़ तानाशाह तानाशाही का उदय भारत में हो चुका था.... लोकतंत्र बस नाम भर का लोकतंत्र था , जिसका अंत होते हुए सारा मुल्क चुप चाप पूरी बुजदिली और शर्मशार ईमानदारी के साथ देख रहा था... इस बार ज़ुल्म करने वाला न तो अंग्रेज़ था कोई न कोई मुग़ल..... तानाशाह की उपलब्धि ये थी कि कोई उपलब्धि नहीं थी... मगर फ़िर भी वो मूर्ख समाज को मूर्ख बनाने में पूरी ईमानदारी बरत रहा था.... हिंदुस्तानी सरजमीं पर पहली बार कोई नाकाबिल व्यक्ति हिंदुस्तान के सच्चे इतिहास को बदलने की चेष्टा कर रहा था.... ये तानाशाह बाकी तानाशाहों से बहुत भिन्न था और सबसे बड़ी और आश्चर्यजनक बात ये थी कि इस बार तानाशाह अनपढ़ था... ... जो मुल्क के बुजदिल लोगों पर तानाशाही का प्रभाव डाल रहा था.... : राजन सिंह 🙂🙂 ..... ©Thakur Rajan Singh अनपढ़ तानाशाह
अदनासा-
हरे भरे वृक्षों से घिरे बड़े जंगल में एक शेर चाहे केवल वह ही विचरे अंततः क्या लाभ है इस दुस्वप्न में जब स्वयं एक दिन घुट घुट के मरे ©अदनासा- #हिंदी #dictatorship #जंगल #Instagram #Facebook #Pinterest #तानाशाह #अदनासा
अदनासा-
तानाशाह या हिटलरवाद के उत्कृष्ट विचार पहले एक-दूसरे के विरुद्ध तैयार हो जाओ, तब मैं देखता हूं तुम सब समृद्ध कैसे होते हो। पहले एक-दूसरे को कपड़ो से तो पहचानों मैं एक रंग में रंगकर सबकी पहचान छीनुंगा। पहले एक-दूसरे को ढेरों गालियां देते रहो, देखों मैं कैसे तालियां बजाता बजवाता हूं। पहले एक-दूसरे को देशद्रोही जी भर बोलों, फ़िर मैं ही तय करूंगा वो कौन राष्ट्रप्रेमी है। तुम अपने भाईचारे का कार्यक्रम चालू रखो, मैं तुम सबको एक-दूसरे का चारा बनाऊंगा। तुम सब सत्यमेव जयते का नारा लगाते रहो, मैं असत्य मेवा खाते हैं यह साबित करूंगा। तुम सब घोषित आपातकाल की बर्सी मनाओ, मैं गैर कानूनी अघोषित आपातकाल लाऊंगा। ©अदनासा- #हिंदी #हिटलर #तानाशाह #मनमौजी #मनकीबात #लोकतंत्र #Instagram #Pinterest #Facebook #अदनासा
अदनासा-
मनमौजी राजा मनमौजी प्रजा अधर्मी राजा धर्म का विस्तार विस्तृत चाहता है, परधर्मी को भयभीत कर आधिपत्य चाहता है। राज्य पूर्ण रुप से द्वेष नीति के वातावरण में हो, एवं राजा द्वेष मुकुट से राज्याभिषेक चाहता है। राजा विभिन्न नव वेषभूषा में नीत अवतरित हो, प्रजा के धन से स्वयं का प्रचार प्रसार चाहता है। राजधर्म का घनघोर अपमान करता करवाता, स्वयं हेतु श्रेष्ठ राष्ट्रवादी का तमगा भी चाहता है। राजनगर के बाज़ार हाट में भले मंदी बनी रहे, पर आंदोलन को दमन से बंदी लाना चाहता है। वधु को नगर वधु कहकर अपमानित भी करे, पर वधु शीलभंगी को मुक्त कर संस्कारी कहता है। ©अदनासा- #हिंदी #राजा #बादशाह #तानाशाह #cards #Instagram #Pinterest #Facebook #प्रजा #अदनासा