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Singh Sahab

हिन्दी साहित्य

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आज का विचार: अगर परछाईयाँ कद से और बातें औकात से बड़ी होने लगे तो समझ लीजिये कि सूरज डूबने वाला है हिन्दी साहित्य

Ajay Kumar Shaw

#Civil_Services_Day हिन्दी के प्रथम कवि #CivilServicesDay

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#CivilServicesDay  हिन्दी के प्रथम कवि और मानने वाले आलोचक

सरहपा                      राहुल सांकृत्यायन 
स्वयंभू                            रामकुमार वर्मा
राजा भोज                       रामचंद्र शुक्ल 
राजा मुंज और भोज        चंद्रधर शर्मा गुलेरी
विद्यापति                                बच्चन सिंह
शालिभद्र सूरी                    गणपतिचंद्र गुप्त #Civil_Services_Day 
हिन्दी के प्रथम कवि

D.R. LECTURER

#हिन्दी साहित्य 12th #nojotovideo

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Prateek Dixit

मै छुपाना जानता तो जग मुझे साधु समझता। 
शत्रु मेरा बन गया है छ्ल रहित व्यवहार मेरा।।
हरिवंश राय बच्चन ।।

©Prateek Dixit #हिन्दी #हिन्दीकविता #साहित्य 

#MereKhayaal

Manish mali

नेट जेआरएफ हिन्दी साहित्य

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परहित सरिस धरम नहीं भाई, परपीड़ा राम नहीं अधमाई ।
गोस्वामी तुलसीदास नेट जेआरएफ हिन्दी साहित्य

Amit Rawat

मेरी जीवन शैली साहित्य से ओत प्रोत है,

बाहरी वातावरण से न जिसका कोई टोक है।




लोकरचना की अभिव्यक्ति ही सार है मेरा,

हृदय में रसों से छादित न कोई प्रसंग रोक है।। #साहित्य 






#हिन्दी #कविता #शायरी #गजल।

Mona Singh

साहित्य writeaway my हिन्दी विचार

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Prakhar Pandey

हिन्दी साहित्य का इतिहास #Hindidiwas #poem

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माँ हिन्दी के नवअँकुर जिनकी  छाया  में  पलते  हैं
हिन्दी के उन आराधक को चलो नमन हम करते हैं

आदि करें हम "आदिकाल" से अनुपम छटा बिखेरी है
चन्दरबरदाई,   जगनिक   की  कविता-घटा  घनेरी  है
दलपति नरपति, मधुकर ने क्या अद्भुत दृश्य उकेरा है
यूँ  मानो   घनघोर   निशा   में   कोई  प्रखर  सवेरा  है

उन कवियों की चरणधूलि को हम माथे पर मलते हैं
हिन्दी के उन आराधक.......

रामलला की भक्ति निहित है "स्वर्णकाल" अलबेला है
सूरदास  के   दोहों  में  कान्हा  का  बचपन   खेला  है
साखी, सबद, रमैनी, हैं औ  पद्ममावत  अखरावट  है
"रामचरितमानस" में जीवन के  दर्शन  की  आहट  है

इन कवियों के काव्यसिंधु से हम भी अँजुरि भरते हैं
हिन्दी के उन आराधक......

सब कालों का अलंकरण जो "रीतिकाल" कहलाता है
श्रृँगारिक   सागर  को  धारे   मन  ही  मन  इतराता  है
मीराबाई,   घनानन्द,    औ    केशवदास   बिहारी   हैं
गागर   में  सागर  भरते  हैं  वन्दन   के  अधिकारी  हैं

हम अल्हड़ लेखन वाले उन पदचिन्हों पर चलते हैं
हिन्दी के उन आराधक......

"कविता के दिनकर" दिनकर ने भी हिंदी को गाया है
और मैथिली, भूषण ने  कविता  से  राष्ट्र  जगाया  है
जिस  हिंदी  को  पुरा  काल से ऋषियों ने उच्चारा है
उस हिंदी को  माता  कहने  का  सौभाग्य  हमारा  है

उन माता औ मातृ-सुतों को सदा हृदय में धरते हैं
हिन्दी के उन आराधक......

                                          प्रखर पाण्डेय
                                              हरदोई
                                       मो. 8546002677 हिन्दी साहित्य का इतिहास 

#Hindidiwas

Lalit Rang

साहित्य के रंग ललित के संग

©Lalit Rang #हिन्दी #साहित्य #दीवाना #प्यार 
#ललित_रंग
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