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Aparna Singh
मेरे सपनों का भारत //अनुशीर्षक क्योंकि वो स्वप्न बड़ा ही सुंदर है भारतीयता का भाव जिसके अंदर है स्वप्न वो मेरे भारत का है मेरे घर की नई इमारत का है दिल में हिंदुस्तान, जुबा
AB
©'अल्प — % & प्रिय अपर्णा ( APARNA ASTHANA ), मेरे लिए तुम ठीक वैसी हो जैसे " मेरे लिए मैं ", सच कहूं तो मैंने तुम्हारी रचनाओं में स्वंय को पढ़ा है अ
अशेष_शून्य
मेरी गुलमोहर! Dedicating a #testimonial to APARNA ASTHANA प्रिय अपर्णा , मेरी गुलमोहर! आपका व्यक्तित्व इतना विस्तृत है कि मैं या कोई भी शायद समेट पाए श
Aparna Singh
मेरे सपनों का भारत //अनुशीर्षक क्योंकि वो स्वप्न बड़ा ही सुंदर है भारतीयता का भाव जिसके अंदर है स्वप्न वो मेरे भारत का है मेरे घर की नई इमारत का है दिल में हिंदुस्तान, जुबा
Alok Saxena
एक चिंगारी शोलों में भी ढल जाती है इश्क़ वो आग जो खुद को ही जलाती है l ♥️ पानी v/s आग ♥️ #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपने मित्रों के साथ कोलाब करें। ♥️ कोलाब करने के बाद "D
Alok Saxena
यूँ मुस्करा के तुम ये महफ़िल जवां करो , ग़ज़लों के महकने का फिर हो शुरू सिलसिला ♥️ दिल का क्या करें ♥️ #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपने मित्रों के साथ कोलाब करें। ♥️ कोलाब करने के ब
Author kunal
Read and give feedback plz यूं तो दीवानगी की कोई हद कोई उम्र नहीं होती। पर जब ये अधूरी हो पूर्ण ही कहलाती तब वो इतिहास में एक अनोखी कहानी लिखी जाती। ऐसी ही एक कहानी
NEERAJ SIINGH
जिंदगी हमारी सोच का ख्वाब और कभी सोच का सैलाब है #जिंदगी #कोलाब #सुख #दुःख #YourQuoteAndMine Collaborating with Anuup Kamal Agrawal Collaborating with अपर्णा झा #neerajwrites #yqbaba #yq
Vikas Sharma Shivaaya'
🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप: मां ब्रह्मचारिणी इस देवी ने भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी- इस कठिन तपस्या के कारण इस देवी को तपश्चारिणी अर्थात् ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया..., मां दुर्गा की नवशक्ति का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है-यहां ब्रह्म का अर्थ तपस्या से है- मां दुर्गा का यह स्वरूप भक्तों और सिद्धों को अनंत फल देने वाला है-इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है,ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली।?-देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है-इस देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं..., पूर्वजन्म में इस देवी ने हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था और नारदजी के उपदेश से भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी- इस कठिन तपस्या के कारण इन्हें तपश्चारिणी अर्थात् ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया-एक हजार वर्ष तक इन्होंने केवल फल-फूल खाकर बिताए और सौ वर्षों तक केवल जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया...कुछ दिनों तक कठिन उपवास रखे और खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप के घोर कष्ट सहे- तीन हजार वर्षों तक टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और भगवान शंकर की आराधना करती रहीं-इसके बाद तो उन्होंने सूखे बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिए-कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रहीं-पत्तों को खाना छोड़ देने के कारण ही इनका नाम अपर्णा नाम पड़ गया.. , कठिन तपस्या के कारण देवी का शरीर एकदम क्षीण हो गया। देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने ब्रह्मचारिणी की तपस्या को अभूतपूर्व पुण्य कृत्य बताया, सराहना की और कहा -हे देवी आज तक किसी ने इस तरह की कठोर तपस्या नहीं की-यह तुम्हीं से ही संभव थी-तुम्हारी मनोकामना परिपूर्ण होगी और भगवान चंद्रमौलि शिवजी तुम्हें पति रूप में प्राप्त होंगे-अब तपस्या छोड़कर घर लौट जाओ-जल्द ही तुम्हारे पिता तुम्हें बुलाने आ रहे हैं... , मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से सर्वसिद्धि प्राप्त होती है- दुर्गा पूजा के दूसरे दिन देवी के इसी स्वरूप की उपासना की जाती है-इस देवी की कथा का सार यह है कि जीवन के कठिन संघर्षों में भी मन विचलित नहीं होना चाहिए.. श्लोक: दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥ ध्यान मंत्र वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्घकृत शेखराम्। जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥ गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम। धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥ परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन। पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥ Affirmations: 56.कोई भी हाथ जो हमें स्पर्श करता है वह एक रोग मुक्त करने वाला हाथ है..., 57.मैं अपने शरीर के संदेशों को सुनता हूँ..., 58.मेरा शरीर, मन और आत्मा एक स्वस्थ टीम हैं..., 59.मै वह स्वीकार कर लेता हूं, जो मेरे लिए सर्वोत्तम है..., 60.मेरा घर एक शांतिपूर्ण जगह है..., बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल
pathan firoz khan