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RKB

🔶प्रथम देशभक्ति कविता(वीर रस) #Shayari

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kaviyatri shivalini yadav

वीर रस की बेहतरीन कविता,,,,,,,,

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Neeraj Gautam

वीर रस कविता #Poetry

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 वीर रस कविता

Anjaan Saraswat

युद्ध नाद 
००००००००००००००
नाना अनुनय के शंद पढे़,
हम याचनाएँ नित करते रहे,
पर उसने एक ना मानी है!
बस युद्ध हो ऐसी ठानी है।।

कमज़ोर पे उसने बल डाला,
चहूं और है ऐसा छल डाला,
कायर ने छाती तानी है,
बस युद्ध हो ऐसी ठानी है।

कुदृष्टी ऐसी प्रबल डाली,
सब बसुधा उसने खल डाली,
नित करता वह नादानी है,
बस युद्ध हो ऐसी ठानी है।

धम्भी ने जाल विछाया है,
बच्चा-बच्चा थर्राया है, 
खुद को समझे नाफानी है,
बस युद्ध हो ऐसी ठानी है।

वह कहता है 'भगवान हूँ मैं,
ना माने तो, शैतान हूँ मैं,
कोई ना मेरा सानी है',
बस युद्ध हो ऐसी ठानी है।

कई बार है उसको चेत्ताया,
हमने पुरज़ोर है समझाया,
हाय कैसा वह अज्ञानी है!
बस युद्ध हो ऐसी ठानी है।

हर जीव का उसने त्रास किया,
मनु जीवन का उपहास किया,
कैसा दम्भी अभिमानी है,
बस युद्ध हो ऐसी ठानी है।।

ऐसे पौरुष का लाभ है क्या?
डर कर जीने का भाव है क्या?
समझो, तब व्यर्थ जवानी है,
बस युद्ध हो ऐसी ठानी है।

अब फैंसला इसी क्षण होगा,
मिट्टी में मिट्टी तन होगा,
जब वीर धरा पर उतरेंगे,
अति घोर भयंकर रण होगा!
००००००००००००००००
कापि र० अंजान सारस्वत #अंजान#सारस्वत#कविता#वीर-रस

जगदीश कैंथला

वीर रस

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prajjval

गाँधी वीर-रस

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कट्टरपंथी सोंच जँहा में ऐसा भी करवाती है।
गाँधी की छाती में नाथू की गोली लग जाती है।
लोग हज़ारों जश्न मनाते की हमने उपकार किया।
हत्या करके उनकी अपने देश का ही उद्धार किया।
माना नही योग्य इतने है कि पूजन की बात करूं।
पर बोलो जब घाव पड़ा हो क्यों सूजन की बात करूं।
माना गाँधी की गलती से देश मेरा बट जाता है।
पर हत्यारे की हत्या भी तो हत्या कहलाता है।
गर ऐसा ही महिमामंडन हम समाज में गाएंगे।
तो अपने बच्चे भी एक दिन हत्यारे बन जाएंगे।
औऱ जँहा भी पाप दिखेगा फिर गोली चल जाएंगे।
बोलो क्या अब यही देश में न्यायप्रणाली आएगी।
नही बोलता हूँ गाँधी ने ठीक सभी ही काम किया।
प्रश्न करो उन इतिहासों से क्यों बापू का नाम दिया।
एक तरफ बच्चे क़िताब में गाँधी जी को पढ़ते हैं।
एक तरफ हम अब भी नाथू-गाँधी पर ही लड़ते हैं।
दो तरफा बातें अक्सर मतभेद यँहा फ़ैलती हैं।
ज़्यादा कट्टरपंथ सोंच भी ज़हरीली हो जाती हैं।
 
©प्रज्ज्वल नीरा मिश्रा 
 #NojotoQuote गाँधी
वीर-रस

Ayush Pandagre

वीर रस प्रधान #nojotophoto

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 वीर रस प्रधान

Anjaan Saraswat

Hemant Rai

वीर रस कविता। लेखक: हेमंत राय। #कविता #viral #MondayMotivation #veerras #trendingvideos #Trending

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anuragbauddh

माँ बाबा की शर्ट मे जो दाग है ,
तू उसे धोती क्यों नहीं।
कुछ दिन से चेहरा तेरा उदास है,
तू सोती क्यों नहीं।
तेरी चुड़ी, बिदियाँ , कँगन बहुत ढूढें मैने माँ.
  गिरे हुए उस धागे के मोती , तू पिरोती क्यों नहीं।
माँ बाबा की शर्ट मे जो दाग है ,
तू उसे धोती क्यों नहीं।

दरवाजे पर जो मिट्टी है ,मैने देख ली माँ।
तेरे सिरहाने पर जो चिट्ठी  है , मैने देख ली माँ.।
मेरा नया खिलोना अब शायद ना आएगा।
मेरा बाबा लौट कर अब वापस ना आएगा।
बाहर निकाल अपने अश्कों को, जी भर के तू रोती क्यों नहीं।

माँ बाबा की शर्ट मे जो दाग है ,
तू उसे धोती क्यों नहीं।

जैसे तू हर कदम मेरे साथ रहती हैं.
उन बेटो को भारत माँ की फिक्र दिन रात रहतीं है।
 माँ बाबा मेरा महान था ,अपने देश की शान था ।
जाते -जाते उसने बदूंक चूमि थी।
आखिरी साँस मे भी उसने अपनी धरती चूमि थी।
बहुत रात हो गई  है माँ ,अब तू सोती क्यों नहीं।
माँ बाबा की शर्ट मे जो दाग है ,
तू उसे धोती क्यों नहीं। #कविता #देशभक्ति
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