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Devesh Dixit
कलम (दोहे) कलम चले जिस राह पर, लेख पत्र है नाम। पोलें सब की खोलती, अद्भुत करती काम।। दुर्जन इससे काँपते, होती सम तलवार। एक बार की चोट में, घायल कई हजार।। उत्तम लेखन भी करे, सबको होती आस। यही कलम की जिंदगी, है सबकी यह खास।। बिना कलम के जिंदगी, है बिलकुल वीरान। इससे ही रचना बने, और करे ऐलान।। शब्दों से मन मोहती, यह इसकी पहचान। अकसर देती है खुशी, करती भी हैरान।। यही कलम औजार भी, और पुष्प की माल। कहती है सद्भावना, करती बड़ा कमाल।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कलम #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कलम (दोहे) कलम चले जिस राह पर, लेख पत्र है नाम। पोलें सब की खोलती, अद्भुत करती काम।। दुर्जन इ
Devesh Dixit
टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा है पास।। गिरता मुझको देख कर, सबको रहती चाह। माँगे सभी मुराद भी, दिल से कहते वाह।। पीड़ा को समझें नहीं, हैं बालक नादान। घर भी अब ये छूटता, रहा नहीं आसान।। धरती पर जब भी गिरा, समा गया हूँ जान। कैसी मुझसे कामना, कहाँ रहा सम्मान।। अद्भुत है ये जिंदगी, अकसर करे कमाल। मैं भी था समझा नहीं, जिसका मुझे मलाल।। ............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #टूटा_हुआ_तारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा ह
Devesh Dixit
आईना जो कहे आईना जो कहे, वो स्वीकार नहीं किसी को, अगर कहे वो झूठ, तो मुस्कान दे सभी को। पर ऐसा होना कदापि संभव नहीं यहाँ, ये तो वो सच्चाई है, जो पैगाम दे सभी को। निहारते अकसर, जिसे देखकर सभी, दिखा दे अगर वही तो बद्सूरत कभी। फेंक आते उसे कहीं बेगानों सा, और नया आईना फिर ले आते तभी। दिखना है सुंदर यह चाहते भी सभी, पर कहाँ अंदर खुद के झाँकते कभी। द्वेष भावना ही देखो मन में पाले, ऊपर से भरोसे का भी गला घोंटते तभी। आईना ये वो है जो, चेहरे सबको दिखाता है, किसी को साफ, किसी को भद्दा दिखाता है। बुरा न मानना कभी, ये फितरत है इसकी, टुकड़ों में बंटकर ही, ये तब दरार दिखाता है। जब तक है सलामत, तब तक एक दिखाता है, हो जाते जब टुकड़े इसके, कई रूप दिखाता है। छोड़ कर उसे तब सभी आगे बढ़ जाते ऐसे, जैसे की वो जिंदगी की उन्हें सीख सिखाता है। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आईना_जो_कहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आईना जो कहे आईना जो कहे, वो स्वीकार नहीं किसी को, अगर कहे वो झूठ, तो मुस्कान दे सभी को। पर ऐ
꧁ARSHU꧂ارشد
किरदार देख कर लोग हो जाते हैं मुरीद अकसर , हम ज़बरदस्ती दिलों पर कब्ज़ा कभी नहीं करते ... ©꧁ARSHU꧂ارشد किरदार देख कर लोग हो जाते हैं मुरीद अकसर , हम ज़बरदस्ती दिलों पर कब्ज़ा कभी नहीं करते ... NIKHAT (दर्द मेरे अपने है ) sana naaz FAKIR SAAB(
Rameshkumar Mehra Mehra
कैसे बताॅऊ उसे..... मै कुछ कह भी तो नही पाता...! बिना बताये उसे मै.... एक पल रह भी नही पाता...!! वदल देता हूँ..... मैं बाते अकसर.... उसे खोने के डर से...!!! कि बिन कहे ही.... अपने प्यार का एहसास उसे....!!!! मैं करा भी तो नही पाता.... रहता हूँ बेताब... बेकरार बेचैन ,उसके बगैर मै...... पर उसे अपनी ये बेबसी मैं.... समझा भी नही पाता..... ©Rameshkumar Mehra Mehra # कैसे बताॅऊ उसे,मैं कुछ कह भी तो नही पाता,बिना बताये उसे मैं,एक पल रह भी नही पाता,बदल देता हूँ,मैं बाते अकसर,उसे खोने से...