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Salim Saha
Village Life संता..तुमने मेरे 800 नही दिये तो तुम्हे छोटे-छोटे कीडे पडेंगे, पप्पू ..मुझे 600 और दे दो, चाहो तो कीडे बड़े करलो 🙆 ©Salim Saha #villagelife तुम चाहो तो कीड़ा और बड़ा कर लो 600 और दे दो
Poet Kuldeep Singh Ruhela
bench हां तेरा ही इंतजार था मुझको इस सुनसान विरान खंडहर से बने हुए इस मकान में जहां तुम और में अक्सर मिला करते थे कभी तुम कभी में दिल की बाते किया करते थे अब बदल गया सब कुछ अब बदल गया मंजर सारा कहते है खामोशी यूं ही कोरे कागज पर उकेरी जाती हैं न मिलने की सजा दिल के अरमानों में उतारी जाती हैं रह जाती हैं सिर्फ और सिर्फ यादों की जड़ी हुई किताबे जिनको कोई इंसान पढ़ना नही चाहता है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Bench हां तेरा ही इंतजार था मुझको इस सुनसान विरान खंडहर से बने हुए इस मकान में जहां तुम और में अक्सर मिला करते थे कभी तुम कभी में
SK Singhania
🐞कीड़ा सिर्फ दांत में हो ये जरूरी नहीं है.! कुछ लोगों के दिमाग में भी होता है ....😂 #Skg ©SK Singhania #TiTLi 🐞कीड़ा सिर्फ दांत में हो ये जरूरी नहीं है कुछ लोगों के दिमाग में भी होता है ....😂 #SKG
Dr. Asha Yashshree
Mysterious Girl
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} एक मशहूर धनुर्धर थिम्मन एक दिन शिकार के लिए गए। जंगल में उन्हें एक मंदिर मिला, जिसमें एक शिवलिंग था। थिम्मन के मन में शिव के लिए एक गहरा प्रेम भर गया और उन्होंने वहां कुछ अर्पण करना चाहा। लेकिन उन्हें समझ नहीं आया कि कैसे और किस विधि ये काम करें। उन्होंने भोलेपन में अपने पास मौजूद मांस शिवलिंग पर अर्पित कर दिया और खुश होकर चले गए कि शिव ने उनका चढ़ावा स्वीकार कर लिया। उस मंदिर की देखभाल एक ब्राह्मण करता था जो उस मंदिर से कहीं दूर रहता था। हालांकि वह शिव का भक्त था लेकिन वह रोजाना इतनी दूर मंदिर तक नहीं आ सकता था इसलिए वह सिर्फ पंद्रह दिनों में एक बार आता था। अगले दिन जब ब्राह्मण वहां पहुंचा, तो शिव लिंग के बगल में मांस पड़ा देखकर वह भौंचक्का रह गया। यह सोचते हुए कि यह किसी जानवर का काम होगा, उसने मंदिर की सफाई कर दी, अपनी पूजा की और चला गया। अगले दिन, थिम्मन और मांस अर्पण करने के लिए लाए। उन्हें किसी पूजा पाठ की जानकारी नहीं थी, इसलिए वह बैठकर शिव से अपने दिल की बात करने लगे। वह मांस चढ़ाने के लिए रोज आने लगे। एक दिन उन्हें लगा कि शिवलिंग की सफाई जरूरी है लेकिन उनके पास पानी लाने के लिए कोई बरतन नहीं था। इसलिए वह झरने तक गए और अपने मुंह में पानी भर कर लाए और वही पानी शिवलिंग पर डाल दिया। जब ब्राह्मण वापस मंदिर आया तो मंदिर में मांस और शिवलिंग पर थूक देखकर घृणा से भर गया। वह जानता था कि ऐसा कोई जानवर नहीं कर सकता। यह कोई इंसान ही कर सकता था। उसने मंदिर साफ किया, शिवलिंग को शुद्ध करने के लिए मंत्र पढ़े। फिर पूजा पाठ करके चला गया। लेकिन हर बार आने पर उसे शिवलिंग उसी अशुद्ध अवस्था में मिलता। एक दिन उसने आंसुओं से भरकर शिव से पूछा, “हे देवों के देव, आप अपना इतना अपमान कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं।” शिव ने जवाब दिया, “जिसे तुम अपमान मानते हो, वह एक दूसरे भक्त का अर्पण है। मैं उसकी भक्ति से बंधा हुआ हूं और वह जो भी अर्पित करता है, उसे स्वीकार करता हूं। अगर तुम उसकी भक्ति की गहराई देखना चाहते हो, तो पास में कहीं जा कर छिप जाओ और देखो। वह आने ही वाला है। ”ब्राह्मण एक झाड़ी के पीछे छिप गया। थिम्मन मांस और पानी के साथ आया। उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि शिव हमेशा की तरह उसका चढ़ावा स्वीकार नहीं कर रहे। वह सोचने लगा कि उसने कौन सा पाप कर दिया है। उसने लिंग को करीब से देखा तो पाया कि लिंग की दाहिनी आंख से कुछ रिस रहा है। उसने उस आंख में जड़ी-बूटी लगाई ताकि वह ठीक हो सके लेकिन उससे और रक्त आने लगा। आखिरकार, उसने अपनी आंख देने का फैसला किया। उसने अपना एक चाकू निकाला, अपनी दाहिनी आंख निकाली और उसे लिंग पर रख दिया। रक्त टपकना बंद हो गया और थिम्मन ने राहत की सांस ली। लेकिन तभी उसका ध्यान गया कि लिंग की बाईं आंख से भी रक्त निकल रहा है। उसने तत्काल अपनी दूसरी आंख निकालने के लिए चाकू निकाल लिया, लेकिन फिर उसे लगा कि वह देख नहीं पाएगा कि उस आंख को कहां रखना है। तो उसने लिंग पर अपना पैर रखा और अपनी आंख निकाल ली। उसकी अपार भक्ति को देखते हुए, शिव ने थिम्मन को दर्शन दिए। उसकी आंखों की रोशनी वापस आ गई और वह शिव के आगे दंडवत हो गया। उसे कन्नप्पा नयनार के नाम से जाना गया। कन्ना यानी आंखें अर्पित करने वाला नयनार यानी शिव भक्त। जय श्री राधे कृष्ण जी हर हर महादेव 🔱🕉️ ©N S Yadav GoldMine #KhoyaMan {Bolo Ji Radhey Radhey} एक मशहूर धनुर्धर थिम्मन एक दिन शिकार के लिए गए। जंगल में उन्हें एक मंदिर मिला, जिसमें एक शिवलिंग था। थिम्म
Vikas Sharma Shivaaya'
ॐ नमः शिवाय:* ॐसर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुः खभाग्भवेत् । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ "सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।" 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 एकांत साधना, आत्म चिंतन, आत्म मंथन, आत्म निरिक्षण, आत्म शोधन, आत्मोत्थान को समर्पित इस "भारतीय नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2080 (22 मार्च 2023)" और पावन नवरात्रों की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ । 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 *नव वर्ष/नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएं पूरे परिवार सहित।* *किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए यह Affirmation 7 बार पानी में दृष्टि देकर चार्ज करे।* 1) में मास्टर सुप्रीम सर्जन हूं। I am Master Supreme Surgeon. 2) में मास्टर ऑलमाइटी हूं। I am Master Almighty. 3) में मास्टर सर्व शक्तिमान हूं। I am Master Powerful. 4) में परम पवित्र आत्मा हूं। I am Pure Soul. 5) में एवर हैल्थी आत्मा हूं। I am ever Healthy Soul. मेरे मस्तक और नैनो से पवित्र सफेद रंग की किरणे निकल कर पानी में जा रही है, शुक्रिया जलतत्व शुक्रियागुरु /इष्ट / बाबा, पानी अब ईश्वरीय जड़ी बुटी बन चुका है। यह पानी आप पानी के मटके में और चाय में भी मिला कर घर के सभी सदस्यों को पीला सकते हो।🙏 आप का हर लम्हा शुभ , सुखद, मंगलमय व स्वस्थ हो।🌹🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' ॐ नमः शिवाय:* ॐसर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुः खभाग्भवेत् । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ "सभी सुखी ह
Kulbhushan Arora
मोह आकर्षण है, बंधन है इससे छूटना कठिन है मोह वो जाल सा है रेशम का कीड़ा इर्दगिर्द बुन ले जैसे विवश हो कर खिंचे चले जाते हैं चाहतों की दलदल में धंस के रह जाते हैं मोह *प्रेम*नहीं है...... प्रेम समर्पण है किसी के सुख की इच्छा करना हर पल उसे सुख से भरना मोह के बंधन में किसी के माध्यम से सुख पाने का प्रयास प्रेम में सुख देने का प्रयास प्रेम के केंद्र में हम नहीं होते मोह के केंद्र में बस हम ही हैं होते #cinemagraph मोह आकर्षण है, बंधन है इससे छूटना कठिन है मोह वो जाल सा है रेशम का कीड़ा इर्दगिर्द बुन ले जैसे विवश हो कर खिंचे चले जाते है