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@hardik Mahajan
हार्दिक महाजन जी को बधाई 💐💐ऑर्डर पर ऑर्डर आ रहें हैं।🙏, ©@Hardik Mahajan हार्दिक महाजन जी को बधाई। ऑर्डर पर ऑर्डर आ रहें हैं।🙏 - स्वयंयुग पब्लिकेशन यूनिमोंट ऑरम, ए- विंग, कर्जत, रायगढ़, महाराष्ट्र- 410201 Email :
Guddu Muneri sikandrabadi
Kulbhushan Arora
लोग समझेंगे कि आपकी किताबें बिक नहीं रही..... ऐसे तो लोग अक्सर बिना सोचे समझे कई ऐसे कॉमेंट्स कर जाते हैं,जिनका।किसी पर क्या प्रभाव पड़ेगा वो समझभी नहीं सकते। हां कोई वो जिसकी आप दिल से
Mahima Jain
मेरी सबसे पसंदीदा किताब है "डार्क हॉर्स"। डार्क हॉर्स के लेखक है नीलोत्पल मृणाल जो कभी I.A.S. की तैयारी के लिए दिल्ली के फेमस मुखर्जी नगर में रहा करते थे। इस किताब के प्रकाशक है वेस्टलैंड पब्लिकेशन लिमिटेड,चेन्नई। उन्होंने अपने जिंदगी के कुछ कीमती साल I.A.S. की तैयारी में दिए| इस दौरान उन्होंने यहाँ की दुनिया, यहाँ की जिंदगी को बडी ही नजदीकी से देखा। इसलिए उन्होंने अपने जिंदगी के पहले उपन्यास में अपने यही अनुभव साझा किये है| उन्होंने यहाँ के अनुभव को जस का तस उतारा है| उसमे कोई भी साहित्यिक ताना–बाना नहीं डाला गया है| यहाँ तक के चरित्रों की बोली भी उन्होंने वही रखी है| यहाँ लोग अपने साथ कितने सपने लेकर आते है| उन सपनो को पूरा करते वक्त उनको किस–किस परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इसका बड़े ही बारीकी और संवेदनशीलता के साथ उन्होंने वर्णन किया है। लगता है जैसे हम भी वही मुखर्जी नगर में कही आसपास मौजूद हो। दिल्ली के कुछ जाने–माने इलाको का नाम बार–बार उपन्यास में आता है। वहां रह चुके लोगो को अपने पुराने दिन याद आये बगैर नहीं रहेंगे। किसी–किसी को तो अपने कॉलेज और हॉस्टल के दिन याद आ जायेंगे। कहते है कॉलेज और हॉस्टल के दिन हमारे जीवन के सुनहरे पलो में से एक होते है जिसे हम बार–बार जीना चाहते है तो इस किताब को पढ़ते वक्त आप अपने उस दौर में पहुँच जायेंगे। सचमुच लेखक ने किताब बहुत अच्छी लिखी है। •| संक्षिप्त निबन्ध |• विषय :- मेरी पसंदीदा किताब मेरी पसंदीदा किताब "डार्क हॉर्स" है। डार्क हॉर्स के लेखक है नीलोत्पल मृणाल जो कभी I.A.S.
Sweta
लव -से - लव कुछ ऐसे टकराये हर नशा भूल तेरी पनाहों में आये तेरी निगाहों ने क्या जाम पिलाया भूला सुबह - शाम हर जगह तुम्हें ही पाया लोग कहते है आवारा ,पागल ,दीवाना , इन्हें कौन बतायें , सितम हमनें नहीं सनम ने ढाये अब " Queen "शराबी कह लो या परवाना चोट दिल पे लगी ,,,, पैमानों में जीने लगा मस्ताना ।।। #शराबीn #नवरचना 👉6 से 8 पंक्तियों में ' शराबी ' ( पर आधारित ) पर अपनी रचना करें । हमारी टीम द्वारा पंक्तियों को 6 से 8 के बीच करना रचनाका
Sweta
मैं किसान मुझे भी धूप छाँव का एहसास होता है मिट्टी से खेल कर भी रोज खुशियों से दीदार होता है मैं किसान मुझे भी गरीबी का एहसास होता है पर खेतों में काम कर ही ,मेरे चेहरे पर मुस्कान होता है मैं किसान मुझे उस समय हैरानी होती है ,,,,जब मेरी पसीने की कमाई ,सरकार कौडियों के दाम लगाती हैं मैं किसान मुझे उस वक्त दर्द होता है जब सम्मान मुझे नहीं ,पैसे वालों को दिया जाता है #किसानn #नवरचना 👉6 से 8 पंक्तियों में ' किसान ' ( पर आधारित ) पर अपनी रचना करें । हमारी टीम द्वारा पंक्तियों को 6 से 8 के बीच करना रचनाक
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
उलझन मेरी तुम सुलझा दो ना आकर पास मेरे कभी बैठो ना मन को मेरे पढ़ कर तो देखो ना भाव मेरे थोड़ा-थोड़ा समझो ना धड़कन दिल की कभी सुन लो ना पुकारती है नाम तुम्हारा जानो ना मुझे समझने की कोशिश करो ना चाहती हूँ तुमको आखिर मानो ना 👉6 से 8 पंक्तियों में ' उलझन ' पर अपनी रचना करें । 👉@ Collab करने के बाद कमेंट में Done लिखें । 👉11:00 pm तक आपको रचना पोस्ट कर दें । 👉यह
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
हाँ..नशा है मुझे तेरी लेखनी का जो लिखता है तू उसमें डूब जाने का पढ़ती हूँ तेरे हर एक लफ़्ज में खुद को ही मैं जानती हूँ मेरी चाहत में झूम लिखता है तू पता है मुझे,शराबी बन चुका है मेरे इश्क़ में तू खोजता है तू भी,मेरी लेखनी में ख़ुद को ही संभाल दिल को अपने,मत डूब मेरी नज़रों में इतना गहरा तू शराबी बन रह जायेगा बस,मेरी झूठी चाहत में तू Muनेश...Meरी✍️🌹 #शराबीn #नवरचना 👉6 से 8 पंक्तियों में ' शराबी ' ( पर आधारित ) पर अपनी रचना करें । हमारी टीम द्वारा पंक्तियों को 6 से 8 के बीच करना रचनाका
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
बहुत हुआ रूठना तेरा-मेरा अब राजीनामा कर लिया जाये जो भड़की हैं बातें हमारे बीच प्रेम बूँदों से अब शांत किया जाये तन्हाई जो पसरी है दोनों के बीच उसे अब अलविदा कह दिया जाये भूल ग़लतियां तेरी-मेरी सारी अब दिलों को जोड़ राजीनामा किया जाये 👉6 से 8 पंक्तियों में ' राजीनामा ' पर अपनी रचना करें । (9 फरवरी प्रतियोगिता विषय) 👉@ Collab करने के बाद कमेंट में Done लिखें । 👉11:00 pm
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
इन्तज़ार है तुम्हारा अभी तक देखोगे और पाओगे तुम्हारी हूँ अभी तक टूटी और बिखरी हूँ मन में कई बार आस में तुम्हारी जुड़ती हर बार अभी तक प्रेम जो पनपा था कभी तुम्हारे लिए बसा है दिल में वहीं गहरे कोने में अभी तक तुम्हारी थी और तुम्हारी ही रहूँगी मैं इन्तज़ार है दिल को मेरे समझोगे तुम अभी तक 👉6 से 8 पंक्तियों में ' इन्तजार ' पर अपनी रचना करें । (7 फरवरी प्रतियोगिता विषय) 👉@ Collab करने के बाद कमेंट में Done लिखें । 👉11:00 pm