Find the Latest Status about शायरी झुकाए मैं सोचता हूं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, शायरी झुकाए मैं सोचता हूं.
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
सोचता रहा मैं, ये वक्त गुजर गया। मैं तड़पता रहा, तू किसी और का हो गया। होगा मिलन अपना भी कभी, ये आस लगाए मैं ठहर गया। वक्त की मार "रसिक" ऐसी लगी, मैं इंतजार में था मिलन के, वो मिलन किसी और से कर गया। सोचता हूं मैं.......!
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
किस पे करें यकीं, किसको तब्ज़्जु दें। ये सोचता हूं मैं, किसको अपना कहें। जो अपने थे वो अपने होने का करें इजहार नहीं। पूछता हूं उनसे वो कहें तेरा इंतजार नहीं। इससे ज्यादा "रसिक" कैसे कहें। ये सोचता हूं मैं............! मैं सोचता हूं........!
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
सोचता हूं मैं तुझे अपना बना लूं, पर ये तो बता मुझे कैसे तुझे पा लूं, दिल में जो भी है जुबां पर आने दे, अपनी जुल्फों के साए मुझे सो जाने दे, दूरियां सही न जाए तुझसे और मुझसे, खुदा ऐसा कर दे उसे अपना बना लूं, वक्त और हालात ऐसे क्यों होते हैं, मैं यहां तड़पता हूं तुम वहां तड़पते हो, ऐसे तो न थी ये जिंदगानी अपनी, फिर भी क्यों ऐसे आहें तुम भरते हो, दिल को अपने कैसे काबू मैं कर लूं, सोचता हूं मैं तुझे अपना बना लूं.....! सोचता हूं मैं तुझे..............!
Mr Kanhai Jee
मैं कहां आ गया तेरी सुनसान गालियों में लेकर उम्मीद जीने की..... न तू मिली न कोई रास्ता ©Mr Kanhai Jee #walkingalone मैं सोचता हूं की
Gajendra Prasad Saini
सोचता हूं मैं की... तेरी सुबह की किरण और हर रोज की शाम बन जाऊं, तुम्हारी हर तकलीफ और दर्द की एक नई बाम बन जाऊं, मैं चाहे कितना भी मशहूर क्यों ना हो जाऊं दुनिया में मैं तुम्हारे आगे सब लोगों की तरह सिर्फ आम बन जाऊं... सोचता हूं मैं...🤔🖋
Anuj Ray
मैं जब भी सोचता हूं मैं जब भी सोचता हूं, तो बात समझ से परे लगती है। कैसे अपनी ज़रूरत पे ज़िन्दगी, दो दिलों को एक ही खूंटी से बांध के रख देती है। बांध के हाथ बिना डोरी के, पलक झपकते ही, दो से चार भी कर देती है। बिना कोई शब्द किए ही मोहब्बत, रूप और रंग से,अपना जादू बिखेर देती है। ईट और मिट्टी के घरोंदे को, देखते ही देखते वीरान से गुलशन में बदल देती है। ये करिश्मा नहीं तो और क्या है चंद हाथों की लकीरों से, क़िस्मत को बदल देती है। ©Anuj Ray #मैं जब भी सोचता हूं....
Abhishek Singh Parcha
मैं हमेशा यही सोचता हूं तुमने मुझ में ऐसा क्या देखा मुझे कभी दोबारा प्यार होगा मैंने कभी यह नहीं सोचा अकेला था तन्हा था और बस प्यार का मारा था मैं हमेशा यह सोचता हूं तुमने मुझ में ऐसा क्या देखा कभी मुझे छोड़ के ना जाना मैं जी नहीं पाऊंगा तुझको याद करते करते मैं खुद मर जाऊंगा अब तुम मेरी जिंदगी हो और मेरी जीने की जीने वजह हो अब तेरा हर एक आंसू शराब बनकर पी जाऊंगा अब मुझे खुद नहीं पता है मैं तुझसे कितना प्यार करता हूं अब तुम मेरी दुनिया हूं और मैं तुझसे कितना प्यार करता हूं मैं हमेशा यह सोचता हूं ऐसे तुमने मुझ में क्या देखा मैं हमेशा यह सोचता हूं
Anuj Ray
तेरा हुस्न बड़ा बेकाबू मेरे दिल पर कर गया जादू। दिन भर तो ऊघता हूं मैं, रातों को बैठकर जागूं। ये आकर तुम्हें बता दूं, कई दिन से सोचता हूं मैं।। गुमसुम सा हो गया हूं, कोई धुन अधेड़ बुनता हूं। कोई जान ले हकीकत , फजीहत से बहुत डरता हूं। यह आकर तुम्हें बता दूं कई दिन से सोचता हूं मैं।। ©Anuj Ray # कई दिन से सोचता हूं मैं,,