Nojoto: Largest Storytelling Platform

New इकोनॉमिक्स क्लास १२ नोट्स Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about इकोनॉमिक्स क्लास १२ नोट्स from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, इकोनॉमिक्स क्लास १२ नोट्स.

    LatestPopularVideo

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#neet एक विशेष महत्त्वपूर्ण सूचना Neet 2023 वालों के लिए सुनहरा अवसर MBBS From Bangladesh 2023_24 Batch एक विशेष महत्वपूर्ण सूचना य #writersofindia #mbbs #shamawritesBebaak

read more

Sarfaraj idrishi

हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं जहां अनार का जूस सिर्फ़ तबियत खराब होने पर पिया जाता है।gaTTubaba Riya Sethi Ji Aariya writer Santosh Narwa #Life

read more
India Vs Bangladesh Asia Cup Final  हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं

जहां अनार का जूस 
सिर्फ़ तबियत खराब होने पर 
पिया जाता है।

©Sarfaraj idrishi हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं

जहां अनार का जूस सिर्फ़ तबियत खराब होने पर पिया जाता है।gaTTubaba Riya Sethi Ji Aariya writer Santosh Narwa

INDIA CORE NEWS

कानपुर ब्रेकिंग_ यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं का रिजल्ट हुआ घोषित रिजल्ट आने के बाद छात्र-छात्राओं के बीच दिख रहा खुशी का माहौल रिजल्ट #viral #Videos

read more

Fragrance

#SAD १२ #विचार

read more

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार । सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।। प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीव #कविता

read more
चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया
ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार ।
सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।।
प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीवन फलता ।
लेकिन पग-पग आज , हमारा जीवन जलता ।।
त्याग छोड़ व्यहवार , समय कहता है लाला ।
बुजदिल समझें लोग , देखकर मुँह पर ताला ।।


१२/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया


ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार ।

सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।।

प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीव

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया :-  नवदुर्गा माता के नव रूप का , दर्शन का सौभाग्य । पाया जो वागीश ये , लिखने बैठा काव्य ।। लिखने बैठा काव्य , जगत जननी की गाथा । #कविता

read more
कुण्डलिया :-  नवदुर्गा

माता के नव रूप का , दर्शन का सौभाग्य ।
पाया जो वागीश ये , लिखने बैठा काव्य ।।
लिखने बैठा काव्य , जगत जननी की गाथा ।
देख शारदे मातु , झुका चरणों में माथा ।।
माँ अम्बें की आज , आरती जन-जन गाता ।
होकर खुश वरदान , दिए भक्तों को माता ।।
१२/०४/२०२४    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :-  नवदुर्गा

माता के नव रूप का , दर्शन का सौभाग्य ।
पाया जो वागीश ये , लिखने बैठा काव्य ।।
लिखने बैठा काव्य , जगत जननी की गाथा ।

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को । मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१ चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी । झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२ हिदा #शायरी

read more
ग़ज़ल :-
बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को ।
मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१

चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी ।
झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२

हिदायत तो यही सबको मिली है ।
कि भूलोगे न फिर अपने वतन को ।।३

न जाने पाये वो बचकर इधर से ।
डगर में आज बैठा दो  नयन को ।।४

नहीं आती हमें है नींद तुम बिन ।
करूँ क्या मैं भला जाके शयन को ।।५

उठी आवाज है दिल से अभी ये ।
निभाना है हमें सारे वचन को ।।६

वफ़ा का नाम मत लेना प्रखर तुम ।
तरसते रह गये वह सब कफ़न को ।।७

१२/०४/२०२४   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को ।
मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१
चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी ।
झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२
हिदा

Shaarang Deepak

Shri Hanuman Chalisa (श्री हनुमान चालीसा) chaupai (11 & 12) explained with Hindi meaning (हिंदी अनुवाद/ अर्थ) ॥ Let's Learn with The Mystic #भक्ति #hanumanjayanti #JaiShreeRam #Shorts #hanumanji #hanumanchalisa #hanumantemple #हनुमान_चालीसा #hanumanbhajan

read more

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- यहाँ कोई भी मतदानी नहीं है । बिके हैं सब बेईमानी नहीं है ।।१ गिरा जो आँख से पानी नहीं है । बयां  करना भी आसानी नहीं है ।।२ #शायरी

read more
ग़ज़ल :-

यहाँ कोई भी मतदानी नहीं है ।
बिके हैं सब बेईमानी नहीं है ।।१

गिरा जो आँख से पानी नहीं है ।
बयां  करना भी आसानी नहीं है ।।२

लगाओ खूब नारे हिंद के अब ।
यहाँ कोई भी यूनानी नहीं है ।। ३

जरा सा हौसला करके तो देखो  ।
कोई भी दरिया तूफ़ानी नहीं है ।।४

तुम्हीं से पूछने आये चले हम ।
हमीं पे क्यूँ मेहरबानी नहीं है ।।५

चुनावी खेल चालू हो गये तो ।
दिखा कोई भी अभिमानी नहीं है ।।६

लगे आरोप झूठे सैनिकों पे ।
हमारा देश बलदानी नहीं है ।।७

अदब से सर झुकाते हैं उन्हें बस ।
प्रखर की वह महारानी नहीं है ।।८

१२/०३ २०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-

यहाँ कोई भी मतदानी नहीं है ।
बिके हैं सब बेईमानी नहीं है ।।१

गिरा जो आँख से पानी नहीं है ।
बयां  करना भी आसानी नहीं है ।।२

राजकारण

Solapur | विजापूर नाका वाहतूक पोलिसांची १२ मॉडीफाईड बुलेटवर कारवाई;सायलेन्सर जप्त करून ठोठावला दंड #मराठीविचार

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile