Find the Latest Status about नझर चाहती from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, नझर चाहती.
karishma Gujjar motivation quote
कल मैंने सभी लेखकों को प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए एक मैल लिखा नोजोटो टीम को उसे आप नीचे Coptaion में पढ़ें और नोजोटो टीम की उस मैल पर प्रक्रिया बहुत ही सराहनीय रही पुरा लेख पढ़ें। ©karishma Gujjar motivation quote नमस्कार नोजोटो टीम में करिश्मा जो की आपके हमारे प्रिय नोजोटो ऐप पर लिखते https://nojoto.page.link/JfSNv हुये मुझे एक साल से ऊपर का समय कब
Nikhil Kumar Rai
White ग़र हो इजाजत तो लबों को छूके भी गुजर जाएं हम, बताइए मोहतरमा चाहती हैं क्या,मर जाएं या संवर जाएं हम। ©Nikhil Kumar Rai #Night ग़र हो इजाजत तो लबों को छूके भी गुजर जाएं हम, बताइए मोहतरमा चाहती हैं क्या,मर जाएं या संवर जाएं हम।
Sangeeta Kalbhor
कागज पर उतर आओ ना.. लिखने बैठी हूँ मैं तुम्हें कागज पर उतर आओ ना नही सुझ रहा है कैसे लिखूँ तुम ही लिखने आओ ना..... लिख देना ओ सब बातें जो मैं तुमसे कहना चाहती हूँ हूँ दूर ही सही पर ऐ दिल मैं तुमसे दूर नही रह पाती हूँ लिख देना वो भी मुराद तुमसे कोई गिला शिकवा नही तुम हो प्रीत मेरी.... तुम्हें भूल पाना संभव ही नही देखो तुम ए भी लिख देना कोई अधिकार नही तुम पर तुम जहां में जहाँ भी रहो प्रेम करती रहूँगी तुम्ही पर..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor कागज पर उतर आओ ना.. लिखने बैठी हूँ मैं तुम्हें कागज पर उतर आओ ना नही सुझ रहा है कैसे लिखूँ तुम ही लिखने आओ ना..... लिख देना ओ सब बातें
Shivkumar
नवरात्रि का दूसरा दिन है , मां ब्रह्मचारिणी का l मां दुर्गा को दूसरा रुप है , मां ब्रह्मचारिणी का ll तपस्विनी माता , सात्विक रुप धारण करती है l पूजा करने से भक्तों के , सारे कष्ट को वो हरती है l श्वेत वस्त्र मां धारण करती , तपस्या सदा ही वो करती है l तपस्या करने से , सारी सिद्धियां भक्तों को वो देती है ll दूध चावल से बना भोग , मां बड़ा प्रिय वो लगता है l खीर,पतासे, पान, सुपारी , मां को बहुत चढ़ाते हैं ll स्वच्छ आसन पर बैठकर , मां का करें ध्यान l मंत्र जाप करने से , माता कल्याण करती है ll राजा हिमाचल के यहां , माता उत्पन्न हुई थी l विधाता उनके लिए , शिव-संबंध रच रखे थे ll वह पति रुप में , भगवान शिव को चाहती थी l घोर तपस्या करने , वह फिर जंगल में चली गई ll भोलेशंकर , मां के तपस्या जब प्रसन्न हुए मनवांछित वर देने के लिए हो गए तत्पर ll तपस्विनी रुप में , मां को देखकर बोले शिवशंकर l ब्रह्मचारिणी नाम से , विख्यात होने का दिए वर ll ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 नवरात्रि का दूसरा दिन है , मां #ब्रह्मचारिणी का l मां #दुर्गा को दूसरा रुप है , मां ब्रह्मचारि
Shailesh Kumar
अगर वो चाहती तो बचा भी सकती थी मुझे मैं भी तुमसे प्यार करती हूं बस इतना ही तो कहना था उसे। फिर मैं तन्हा, अकेला, शिष्कता रहा उसकी यादों में खुद को मैं मलता रहा वो कई दिन बाद मेरे पास से गुजरी मैं उस दिन भी उसको अंजान,पागल सा लड़का लगता रहा। और फिर उससे मेरा सहारा छूट गया मानो जैसे समंदर का समंदर से किनारा छूट गया..!✍️✍️ ©Shailesh Kumar #b_foryou वो चाहती तो बचा भी सकती थी मुझे💔💔😰
Radhe manju
Uma Sailar
जहां मैं कुछ नहीं चाहती हूं _ कविता _ उमा सेलर , उमा लिखती है ये जंग मेरी किसी से नहीं बस अपने आपसे है मैं इस नकाब पेशी से आज़ाद हो आईने सा साफ होना चाहती हूं मैं जो बात है सच बस वही रहना चाहती हूं मैं सिर के इस भारी बोझ को मर कर भी ये जाए तो मैं बस मरना चाहती हूं पर जब मैं ऐसा सोचती हूं तो वो हरकत कर जाती है जो खुद पागल मोही बनी बैठी है किसी के प्यार में वो मुझे कुछ और दिखा जाती है कभी हिम्मत कभी दिलासा कभी ढेर झूठ से पर्दा हटा वो प्यारा आनंद दिखा जाती है कुछ समय के लिए मैं उस गुमनाम पर खुबसूरत इलाके में घूमती हूं और फिर मैं वो हो जाती हूं जो मैं होना चाहती हूं जहां मैं बस कुछ नहीं चाहती हूं । - उमा सेलर ( Read Full Poem on Instagram ) ©Uma Sailar #Woman जहां मैं कुछ नहीं चाहती हूं _ कविता _ उमा सेलर , उमा लिखती है #umasailar #hindi_poetry #womenlife #uma_likhti_hai #umakipoems #hin
Prerna Singh
Men walking on dark street वह मेरे दोस्त खरीदने चले हैं, अरे बावले वह दोस्त मेरे नहीं हैं जो बिक गए ... शर्मिंदा करना नहीं चाहती पर तुम्हें जानना भी तो जरूरी हैं, मेरे दोस्त को खरीदना चाहते भी तो नहीं खरीद पाते इतनी हैसियत ही कहां तुम्हारी हैं जो बिक गए दरअसल वो हिस्सेदार थे... ©Prerna Singh वह मेरे दोस्त खरीदने चले हैं, अरे बावले वह दोस्त मेरे नहीं हैं जो बिक गए ... #शर्मिंदा करना नहीं चाहती पर तुम्हें जानना भी तो जरूरी हैं,
Rohit Lala
एक जंगल में एक चतुर लोमड़ी रहती थी। वह कभी हार नहीं मानती थी और हमेशा किसी न किसी चाल से अपना शिकार पा लेती थी. एक दिन उसे बहुत भूख लगी. उसे कहीं भी कुछ खाने को नहीं मिला. काफी देर भटकने के बाद उसे एक अंगूर का बगीचा दिखाई दिया. वह बगीचे में घुसी ताकि कुछ अंगूर खा सके. लेकिन बगीचा ऊंची दीवार से घिरा हुआ था. लोमड़ी बहुत कोशिश की पर दीवार कूद ना सकी. निराश होकर बैठने ही वाली थी कि उसे एक विचार आया. उसने सोचा कि वह बाग के रखवाले को बरगलाकर अंगूर प्राप्त कर लेगी. इसी सोच के साथ लोमड़ी बाग के बाहर जोर जोर से रोने लगी. रखवाले ने आवाज सुनी और बाहर निकल कर देखा. उसने लोमड़ी को रोते हुए देखा तो पूछा कि उसे क्या हुआ है. लोमड़ी ने कहा कि उसे बहुत प्यास लगी है और वह इसी बगीचे में लगे हुए मीठे अंगूरों का रस पीना चाहती है. रखवाला लोमड़ी की बातों में धोखा खा गया. वह यह नहीं समझ पाया कि लोमड़ी चालाकी से उसे बगीचे के अंदर जाने का मौका दिलाने के लिए यह सब कह रही है. वह दीवार का दरवाजा खोलकर लोमड़ी को अंदर ले गया. लोमड़ी अंगूर के बगीचे के अंदर गई और उसने खूब सारे अंगूर खाए. फिर वहां से निकलने का समय आया. जाने से पहले उसने रखवाले को धन्यवाद दिया और कहा कि ये अंगूर बहुत खट्टे हैं. यह सुनकर रखवाला चौंक गया. उसने सोचा कि शायद लोमड़ी की गलती से मीठे अंगूरों की जगह खट्टे अंगूर खा लिए. वह लोमड़ी की बातों में फिर से आ गया और यह देखने के लिए बगीचे के अंदर गया कि असल में अंगूर मीठे हैं या खट्टे. लोमड़ी इसी मौके की ताक में थी. जैसे ही रखवाला अंदर गया लोमड़ी ने दौड़ लगा दी और जंगल की तरफ भाग गई. रखवाला समझ गया कि लोमड़ी ने उसे धोखा दिया है. वह गुस्से से भरा हुआ था लेकिन कर भी कुछ नहीं सकता था. ©Rohit Lala एक जंगल में एक चतुर लोमड़ी रहती थी। वह कभी हार नहीं मानती थी और हमेशा किसी न किसी चाल से अपना शिकार पा लेती थी. एक दिन उसे बहुत भूख लगी. उसे
दीपा साहू "प्रकृति"
तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। तुम तो प्रीत हो हृदय में समाहित। लाल रक्त कणिकाओं संग तुम भी हृदय से मस्तिष्क तक विचरते रहते हो! कभी होंठो पे मुस्कुराहट बनकर, ओस की बूंदों सा कभी ढलकर! कभी बहती नदियों सा कल-कल, हृदय की दीवारों पर चित्र उभरकर इन चित्रों को धोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। मिलो-न-मिलो प्रीत तुमसे रहेगी, जीवन अंतिम क्षणों तक, तुम्हें रोना नहीं चाहती! तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। ©दीपा साहू "प्रकृति" #Hope #Prakriti_ #deepliner #tum #love #intejar #Yaad #Nozoto तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में