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Radhe Radhe

सच हमेशा कड़वा होता है

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Unsplash मेरी बात बहुत कड़वी है 
लोग अक्सर नाराज हो जाते हैं 
कही मैंने सुना है
सच हमेशा कड़वा होता है। 
🤭🤭🤭

©Radhe Radhe सच हमेशा कड़वा होता है

अनिल कसेर "उजाला"

वक़्त का होता नहीं ठिकाना है।

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Anuj Ray

# नफ़ा नुकसान तो होता रहता है "

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Unsplash नफ़ा नुकसान तो होता रहता है"

जर ज़मीन जोरू ,पसंद आने पे 
आदमी पैसों की जरा भी फ़िक्र नहीं करता। 

उसकी मनपसंद मुराद जो मिल 
जाती है उसको नफ़ा नुकसान तो होता रहता है।

पसंद आई चीज़ हाथ से निकल 
जाए तो उम्र भर दिल में मलाल होता रहता  है।

लोग सयाने कहते हैं पसंद आई वस्तु 
मुंह मांगे दम पर लो, नफ़ा नुकसान तो होता रहता है।

©Anuj Ray # नफ़ा नुकसान तो होता रहता है "

RUPESH Kr SINHA

क्या यह सही नहीं है

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Sakir Ali 786

इतनी खूबसूरत वीडियो है यह हमारी।

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neelu

White आप कौन हो
आप शतरंज के मोहरे हैं क्या..
और यह सिर्फ और सिर्फ समझदार
लोगों के लिए है जैसे की आप
और...

©neelu #love_shayari यह #बिल्कुल #मजाक_मस्ती  #नहीं है

Ganesh Din Pal

#इंसान बूढ़ा क्यों होता है

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White इंसान समय से पहले 
बूढ़ा हो जाए 
तो समझ लेना 
उसे अपनों ने 
और अपनी जिंदगी ने 
बहुत दुख दिए हैं, 
जब वह किसी के लिए 
रात दिन खटता है 
और फिर सुनने को मिलता है 
कि तुमने मेरे लिए किया ही क्या ? 
बस यही बातें उसे दिन-ब-दिन 
दीमक की तरह खाने लगती हैं।

©Ganesh Din Pal #इंसान बूढ़ा क्यों होता है

neelu

White भूलने का मतलब यह थोड़ी होता है 
कि याद नहीं करेंगे...

©neelu #good_night #भूलने का #मतलब यह #थोड़ी होता है कि #याद #नहीं #करेंगे

Rakesh Songara

#बचपन

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बचपन की यादें  किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,
वो खेल-खिलौने कागज़ के,मिट्टी के बर्तन,
बेवजह क्यूँ याद आ गए,,,
वो बेपरवाह बदमाशियां,अठखेलियां, शरारतें सारी,,
‌टूटी फूटी,रंगबिरंगी चूड़ियां प्यारी,,
‌माटी के घरौंदे में घर-घर का खेला,,
‌वो तीज़ त्योहार, गणगौर का मैला,,,
‌वो कुल्फ़ी की चुस्कियों से जुबां की लाली,,
‌मदारी के डमरू पे बजती वो ताली,,
‌अनोखे वो दिन वो बातें पुरानी पता नहीं
‌ क्यों याद आ गए,,,
‌किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,,,,,,
‌सावन के झूलों में घण्टों लटकना,,
‌वो बारिश की बूंदों में छम-छम रपटना,,,
‌फ़टे कपड़ों में भी खुशियां समेटे,
‌वो रेहड़ी से केलों के गुच्छे झपटना,,
‌था जिंदादिल अब से वो बचपन का मौसम,
‌अब तो  हर सांस पे लगता है राशन,,
‌चोट खाके भी हँसने के किस्से पता नही क्यों याद आ गए,,,
‌किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,,,,,,,,,,
             राकेश सोनगरा, सरदारशहर

©Rakesh Songara #बचपन

Radhe Radhe

सिंह सिंह होता है

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White सिंह, सिंह होता है
जहाँ बैठ जाए
सिंहासन वही
ठीक उसी तरह 
राजा खुद से राजा होता है
जहां भी खड़े हो 
हर रूप में पहचान आ जाएगा
जय श्री राम

©Radhe Radhe सिंह सिंह होता है
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