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Eklakh Ansari
Eklakh Ansari
Satish Kumar Jayaswal
जिहाल-ए-मस्ती मकुन-ब-रन्जिश, बहाल-ए-हिज्र बेचारा दिल है सुनाई देती है जिसकी धड़कन तुम्हारा दिल या हमारा दिल है !!! जिहाल-ए-मस्ती मकुन-ब-रन्जिश, बहाल-ए-हिज्र बेचारा दिल है सुनाई देती है जिसकी धड़कन तुम्हारा दिल या हमारा दिल है #satishjayaswal #satish #dontw
writer abhay
मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन ख़ुलूस-ए-राह पे चल कर भला क्या मिलेगा. हमें इस दौर में हाथों मे कासा मिलेगा. पता है मूर्ख है सब ही यकीं हो गया था. तुम्हारे लब से बस हर साल वादा मिलेगा. मुझे वो बात जो तुम ने किये थे गज़ब थे. कि बस इतने महीने में हि इतना मिलेगा. बुरा लगता जिन्हें वो भक्त अब क्या करे की. उन्हे भी तो पता है आगे धोखा मिलेगा. अर्थ :- ख़ुलूस-ए-राह - सच्चाई का रास्ता कासा - भीख मांगने वाला कटोरा
satish bharatwasi
तु नसशील तर जगण्याला काय अर्थ आहे? तु असेल तर जीवन माझे सार्थ आहे अर्थ
Niti Adhikari
तकलीफ़ देने के बाद जताई गई मोहब्बत, और नज़रंदाज़ करने के बाद दी गई अहमियत.. कोई मायने नहीं रखती.. 💘💘💘 ©Niti Adhikari #अर्थ
writer abhay
आहिस्ता आहिस्ता मुझे तोड़ता है वो, दश्त-ए-ग़म मे अकेला छोड़ता है वो. ये ज़िन्दगी बहुत ही लंबी है कहकर, रोज़ मुझे एक कतरे मे निचोड़ता है वो. सालों तक तो वो मेरा अपना ही था, चंद दिनों से मेरी कब्र कोड़ता है वो. कहीं टुकड़े मे बिखरा हुआ था मैं भी, फिर से तोड़ने के लिए बटोरता है वो. गले से लगा के रखा था तुमने कभी, हर तरफ से मुझसे मुंह मोड़ता है वो. आहिस्ता आहिस्ता मुझे तोड़ता है वो, दश्त-ए-ग़म मे अकेला छोड़ता है वो. अर्थ :- दश्त-ए-ग़म - ग़म का जंगल
writer abhay
दरिंचे पर रक़्स-ए-सबा देखने मिलती है. जब पलकों पे रंग-ए-फ़िज़ा देखने मिलती है. कशमकश है की और कुछ देखा ही नहीं. जब तेरी आँखों में दुनिया देखने मिलती है. उसके चूमते ही मेरे ज़ख़्म भर से गए. देखा लब पर उसके दवा देखने मिलती है. #NojotoQuote एक मतला दो शेर. अर्थ :- दरिंचे - खिड़की रक़्स-ए-सबा - नाचते हुए सुबह की हवा रंग-ए-फ़िज़ा - रंग भरे माहौल