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Indian Kanoon In Hindi
Arun Mahra
White तेरी मोहब्बत का ये कितना खूबसूरत ख्वाब है अब तो मुझे लगता है हर पल तू मेरे दिल में कहीं आस पास है जब तक तू मेरा साथ है तब तक तेरा दिल मेरे पास है जब तक तू मेरे साथ नहीं है तब तक तेरा दिल मेरे पास नहीं है ©Arun Mahra तेरे लिए मेरा दिल बेचें है
Indian Kanoon In Hindi
Sethi Ji
White 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 🌸 दिल का कसूर , इश्क़ हुआ जरूर 🌸 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 दिल का क्या कसूर होता हैं वोह अपने हालातों के सामने मजबूर होता हैं जो लिखते हैं आज कल बेवफाई के बारे में उनको भी एक बार इश्क़ जरूर होता हैं जब उड़ जाता हैं पंछी तोड़ कर अपना पिंजरा वोही आगे जा कर अपने हुनर के दम पर मशहूर होता हैं क्या कीमत लगाएं अपने जज़्बातों की दोस्तों जब हमारा दिल हर वक़्त बेक़सूर होता हैं 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 ©Sethi Ji 💞💞 इश्क़ का सवाल 💞💞 💞💞 इश्क़ का ख्याल 💞💞 दिल में सवाल , आँखों में ख्याल रखता हूँ अपने ख्वाबों में भी तेरा इश्क़ बेमिसाल रखता हूँ ।। तुम चली
दूध नाथ वरुण
White मैं तेरे लिए सनम, दुनिया को भुला दूंगा। मैं खुद को तेरे वास्ते, दुनिया से मिटा दूंगा।। ©दूध नाथ वरुण #मैं #तेरे #लिए #सनम
Gopal Pandit
White दिल करता है हम लौट चलें फिर से तेरे शहर को । फिर ख्याल आता है क्या बसा पाएंगे हम अपने पुराने घर को ।। तूने बेईज्जत करके तो निकाला था मुझे सारे शहर के आगे । क्या फिर से जी पाऊंगा तेरे शहर में मैं उठाकर अपने सर को।। #गोपाल_पंडित ©Gopal Pandit #Road दिल करता है हम लौट चलें फिर से तेरे शहर को । फिर ख्याल आता है क्या बसा पाएंगे हम अपने पुराने घर को ।। तूने बेईज्जत करके तो निकाला था म
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
NIKHAT (दर्द मेरे अपने है )
जिस्म की दरारो से रूह तक नज़र आने लगी है अब तो इतना तोड़ कर चूर किया है तेरे इश्क़ ने ©NIKHAT (दर्द मेरे अपने है ) #तेरे इश्क़ ने Neel Lalit Saxena Adhuri Hayat Arshad Siddiqui J P Lodhi. R... Ojha
Devesh Dixit
दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही सुलझी नहीं, बिगड़ गये हालात। खींचा तानी ये करें, देते भी आघात।। मन मुटाव भी कम नहीं, खड़ी हुई दीवार। जंग छिड़ी है देखलो, निकल गये हथियार।। अब सबको ही चाहिए, अपना घर परिवार। एक साथ मिलकर नहीं, रहने को तैयार।। कैसी ये दीवार है, होते सब आघात। बेचैनी भी बढ़ रही, हो दिन या फिर रात।। कलयुग का ये है समय, चुभा रहे हैं शूल। अलग हुए जब से वही, तब से सब अनुकूल।। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #दीवार #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही
Karan Aagri