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Ananta Sneha Gupta
शीर्षक : जब युद्ध खुद से हो तो। संरचना : अनन्ता स्नेहा गुप्ता स्वर : अनन्ता स्नेहा गुप्ता #nojotovideo
read moreअदनासा-
Sukanya Gupta
My new poetry hope you all will like it❤❤ ©Sukanya Gupta कविता की संरचना कैसे की जाती है इसकी एक झलक इस कविता में देखने को मिलती है। I hope you all will like it❤❤ #write #hindi_poetry #hindi_poem #
कविता की संरचना कैसे की जाती है इसकी एक झलक इस कविता में देखने को मिलती है। I hope you all will like it❤❤ #write #hindi_poetry #hindi_poem # #Poetry #Hindi #writer #kavita #hindi_quotes
read morePriya Gour
जब किसी को समझाते-2 थक जाओ, पीछा करते-करते थक जाओ, तो बेहतर यही है अपनी सही राह पर आ जाओ, कि तुम जिसके लिए इंतजार में हो... वो तुम्हारा है ही नहीं... ©Priya Gour 🖤🖤 ये lines परिस्थिति और इंसान दोनों पर है... पर इसका ये भाव बिल्कुल नहीं की किसी और सकारात्मक प्रयास कर रहे तो छोड़ दो...,मेरा अर्थ सिर्फ य
🖤🖤 ये lines परिस्थिति और इंसान दोनों पर है... पर इसका ये भाव बिल्कुल नहीं की किसी और सकारात्मक प्रयास कर रहे तो छोड़ दो...,मेरा अर्थ सिर्फ य #nojotowriters #विचार #realityoflife #28Jan
read moreRavendra
इस तैयार वर्मी कम्पोस्ट को इकठ्ठा करके बोरों में भरकर रख लिया जाता है। डा. नीरज सिंह ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट की खाद पौधों की जड़ों का विका #न्यूज़
read moreJiyalal Meena ( Official )
"भारतीय संविधान" दुनिया की सबसे बड़ी संस्कृति भारत का संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है। दस्तावेज़ उस ढांचे को निर्धारित करता है जो मौलिक र #History #nojotohindi #nojotoLove #nojotoenglish #nojotourdu #myindia #nojototeam #IndianConstitution #Januarycreators
read moreNisheeth pandey
मैं और मेरी चित्रण कला की यात्रा ............. मैं बहुत ख्यालों से खेलता हूँ, मेरे मन की यह उन्माद अच्छा लगता है, मेरे चित्रपटल में मेरे ख्याल वीचित्र हैं, रेखाओं के बीच तेजी से बहना, तुलिकाओं के माध्यम से यात्रा करना, यदि आप का ध्यान मेरी ओर ठहर जाए तो आप डूबने लगते हैं मेरे ख्यालों में , और यदि आप संमोहित हो जाते हैं मेरे रंगों में , तो आपकी व्यथा अवर्णनीय हो जाता है! आत्मा का रंग रेखाओं के बाहर एक कैनवास पर थम गया है, एक ख्यालों का किरदार जो अपने उचित स्थान से भटक गया है, अगर वो फिर मिल जाएं, यकीनन वो अपनी आत्मा में से कुछ फेंक देगा आकाश को समुंदर को जमीन को... मैं कैनवास में शब्दों को ढूंढने वाला रंगों को शब्दों में पिरोना पसंद करता हूँ, चित्र के बीच छुपा कविता, कल्पना और अनन्त आकाश की कल्पना में स्वंम को ढूंढना । जब कैनवास पर चित्रण कर पढ़ता हूँ , तो प्रेमिका सी उसकी सुंदरता बढ़ती है, बहते रंग मदिरा सी मदहोश करती है। और मेरी आत्मा आकृति बन नृत्य करती है, और उसकी चमक अलौकिक हो जाती है मुझे कोई प्रकृति की सुंदर संरचना सी प्रतीत होती है.... यकीनन सुनो आप भी ऐसे ही मुझे दिखते हो... #निशीथ ©Nisheeth pandey मैं और मेरी चित्रण कला की यात्रा ............. मैं बहुत ख्यालों से खेलता हूँ, मेरे मन की यह उन्माद अच्छा लगता है, मेरे चित्रपटल में मेरे
मैं और मेरी चित्रण कला की यात्रा ............. मैं बहुत ख्यालों से खेलता हूँ, मेरे मन की यह उन्माद अच्छा लगता है, मेरे चित्रपटल में मेरे #lovequotes #Remember #कविता #sadquotes #Likho #walkalone #Streaks #निशीथ #Tuaurmain #humantouch #Qala
read moreAnil Ray
हाथ में लेकर प्रकाश खोज रहा हूँ मानवता को अब जाति-धर्म के विभेद में, कही खो गयी है। सत्य, प्रेम, बंधुत्व एवं परोपकार नही है समीप किस दिशा में देखूं मानवता! दूर चली गयी है। ©Anil Ray ⭐🌟 ✨मानवता है धर्म हमारा✨ 🌟⭐ निज दीपक बनकर अनिल! करो खुद की खोज अनुसंधान ऐसा हो, मानवता में रहे हमेशा मौज। वसुंधरा पर चिरस्थापित हो मानव
GRHC~TECH~TRICKS
प्रथम संस्कार ******************* हे समस्त पृथ्वी पर समस्त धर्मों के परमत्तव अंशों। आपकी सोच से हर इंसान का प्रथम संस्कार को, अपनी दृष्टि से आपकी अलग-अलग संरचना हैं। ये केवल इस पृथ्वी पर अहम्,वहम और अज्ञान , होने का पुर्ण स्वरूप भी है- आपमें? जानिएगा कैसे? जब से सृष्टि की उत्पत्ति हुई है ,तब से अब तक और आगे भी भविष्य में जब- तक सृष्टि का स्वरूप रहेगा। सभी धर्म के मानव का प्रथम संस्कार लुप्त नहीं होगा। ज्यों का त्यो था भी ?और रहने वाला भी है? आन्तरिक पृवति के रूप में ये और आज जो इसे लुप्त हुआ?मानते होतो आप ? हे परमत्तव अंश ये केवल बाहरी पृवति का मुढ़ भाव है? आपका हमारा संस्कार लुप्त नहीं हो गया /जाता है। क्या है वास्तविक में हमारा प्रथम संस्कार? करुणा और दया के संगम से मिलकर बना हुआ होता है। गर्भजन्म के साथ से ही अंतिम पल तक साथ चलता । ये संस्कार भी इस संसार में हर धर्म में। इस पृथ्वी पर हर धर्म का मानव का यह प्रथम संस्कार है। जिसमें करूणा -पिता का प्रतीक है । और दया- माता प्रतीक है । इसलिए दोनों के संयोग को ही इस समस्त ब्रह्माण्ड में । भगवान का स्वरूप भी कहा जाता है इस संसार में । हर धर्म और हर जाति में ,समस्त पृथ्वी वासियों। अब बताओ आप प्रथम संस्कार लुप्त हुआ है। (हां या नहीं) इस संसार में से आपकी सोच से हे परमत्तव अंश । ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #New #Reels #viral #HumptyKavya #Ne #Trading #reading
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read moreKP EDUCATION HD
KP NEWS HD video editing apps for Android ©कंवरपाल प्रजापति टेलर किसी प्रतिष्ठित संगठन में नौकरी सुरक्षित करने का यह अवसर न चूकें। सभी आवश्यक विवरण जानने के लिए आगे पढ़ें। डाकघर भर्ती 2023: ग्रामीण डाक से
किसी प्रतिष्ठित संगठन में नौकरी सुरक्षित करने का यह अवसर न चूकें। सभी आवश्यक विवरण जानने के लिए आगे पढ़ें। डाकघर भर्ती 2023: ग्रामीण डाक से #न्यूज़
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