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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
*तल्ख रिश्तों के*समर,कभी*शादाब नहीं रहे ,उनसे जब जब भी मिले नाकामयाब ही रहे//१ अब गैरो से उनको कोई *गुरेज नहीं,हम जब ,जब भी मिले,उनकी जुबा पे तल्ख जवाब ही रहे//२ खुदाया*मलंग की बस्ती में है*नजूमियो के*फरेब, इनके खुदाई दावों से,कही तो अब *अजाब ही रहे//३ अबतक ये*हयात*मुकम्मल न बनी किसी की ,जिंदा तो है,मगर जिंदा कोई ख्वाब ही रहे//४ जिनके*तसव्वुर से है"मुनव्वर है,मेरे"शामो सह र,उन*खुशनुमा_लम्स का कुछ*शबाब ही रहे//५ वो*बदगुमा है,तो,शौक से रहे,ये उनकी फितरत में है हम तो अब तलक रहे तो,खुली किताब ही रहे//६ "शमा"किस दर्द की बात करेंगे,वो हमदर्द,जितनो ने जो भी जख्म दिए है,वे जख्म तो अब तलक *नायाब ही रहे//७ ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Dilkibaat**तल्ख रिश्तों के*समर,कभी*शादाब नहीं रहे,उनसे जब जब भी मिले नाकामयाब ही रहे//१ *कटु*युद्ध*प्रफुल्ल,खुश अब गैरो से उनको कोई *गुरेज
Raj-Simran
Mukesh Poonia
'प्रेम' एक ऐसा अनुभव है जो मनुष्य को कभी हारने नही देता, और 'घृणा' एक ऐसा अनुभव है, जो इंसान को कभी जीतने नही देता। जय माता दी जय माता दी ©Mukesh Poonia '#प्रेम' एक ऐसा #अनुभव है जो #मनुष्य को कभी हारने नही देता, और '#घृणा' एक ऐसा अनुभव है, जो #इंसान को कभी #जीतने नही देता।
चाँदनी
आत्मा नाश कर देती है क्षितिज से निकालते रंग बिरंगे रेशम सी किरणों को इनका खेल विध्वंस के कगार पर ला देता है नाश सिर्फ तन का होता है आत्मा का नहीं वो तो नाश के बाद फूल चढ़ाती है मौत पर नहीं आपके बिताए खुशी, दुख द्वेष, घृणा और अकारण सहे गए मतिभ्रम पर वो जोर जोर से हटृठास करती है आपके मृत्य शरीर के सामने समर्पित होने के वावजूद निगला हुआ शरीर??? और चेहरे पर भारी झुर्रियां गवाह है सीचते छल कपट और झुलसती काया की किसका भय, किसकी आरजू, कौन सा शरीर अब उसका कोई नहीं.... अंत मे रोदन करते हुए आत्मा सिकुड़ जाती मिट्टी मे मिल भी नहीं पाती और उसे तृप्ति देने के लिए अकाल आता है वो मिट्टी को आग बना देता है फिर अद्भुत तांडव होता है इस प्रकृति का विधाता मोक्ष प्रदान नहीं करते धरती नहीं रिसती निष्ठुर विधि गर्दिश मे उसे रौंद देती है और तब बैकुंठ कर्मों का हिसाब माँगता है जैसा कर्म वैसा फल एक एक ज़द का उकूबत मिलता है बेहिसाब.... बेहिचक ©चाँदनी आत्मा नाश कर देती है क्षितिज से निकालते रंग बिरंगे रेशम सी किरणों को इनका खेल विध्वंस के कगार पर ला देता है इनकी किसमे हमे राहत नहीं देती
Motivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 हमें द्वेषी नहीं , प्रेमी बनना चाहिए दूसरों के प्रति दुर्भावना या घृणा लेकर नहीं सद्भाव एवं स्नेह लेकर जीवन व्यतीत करना चाहिए । हमारा सुख , और कल्याण इसी में है !.i. j ©Motivational indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹 हमें द्वेषी नहीं , प्रेमी बनना चाहिए दूसरों के प्रति दुर्भावना या घृणा लेकर नहीं सद्भाव एवं स्नेह लेकर जीवन व्यतीत करना चाहिए
Yudi Shah
Nisheeth pandey
शीर्षक-घड़ी की टिक टिक 🤔🤔🤔🤔 समय केवल घड़ी तक ही सीमित नहीं रह जाती/रह पाती। घड़ी की टिक टिक के साथ समय भिन्न भिन्न प्रकार के भाव का बीजारोपण करती है ।। तर्क से कुतर्क तक, प्रेम से घृणा तक । समय हर प्रकार के भाव का पेड़ बनाती जीवन के अंतिम छन तक।। सौंदर्य से कामवासना तक, अध्यात्म से सन्यास तक। व्यवहार से व्यभिचार तक, ज्ञान से विज्ञान तक ।। समय एक बहुत सशक्त हथियार है। समय की मार तीर तलवार से भी अधिक अचूक है ।। समय इतिहास बनाती है। लेखनी समय की लिखी इतिहास छुपा ले अगर ।। इतिहास की लेखनी मोहताज अगर कीमत की जाए तो , ऊथल पुथल मचाती है सृस्टि के धरा पर।। समय विषैला भी है। समय औषधि सा सकूँ भी है ।। समय गृहस्त का छत बनाना सिखाती है। समय सन्यास का वन भी ले जाती है ।। समय हंसाती है, गुदगुदाती भी है। समय डराती है, रातों की नींदें उड़ाती भी है ।। समय के वार बड़े कोमल, बड़े तीखे भी हो सकते हैं। समय सौम्यता है तो तीव्रता अंगार भी है ।। समय होंठों पे लाली लाती है, दिल की धड़कन धड़काती है । तो समय दिल की धड़कनें भी रोक जाती है ।। बहुत बड़ी जादूगरनी है घड़ी की टिक टिक । भांति भांति के नज़रबन्द का भ्रम पैदा करती है ।। घड़ी की टिक टिक प्रकृति का समय ही नही बताती । इंसान को कठपुतली सा टिक टिक कराती है ।। 🤔#निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey #samay शीर्षक-घड़ी की टिक टिक 🤔🤔🤔🤔 समय केवल घड़ी तक ही सीमित नहीं रह जाती/रह पाती। घड़ी की टिक टिक के साथ समय भिन्न भिन्न प्रकार के भाव का बी