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ASHUTOSH Maurya
रात का चेहरा उतरा हुआ है, चांद जाने कहा छिपा हुआ है, सितारे से फ़र्क नहीं पड़ता सितारा बेचारा टूटा हुआ है, उम्मीदों के साय में धूप है रौशनी #शायरी #nojohindi #sha_writes
read moreSHAYARI BOOKS
ये किस तरह का पहरा हुआ है सारा शहर गूंगा बहरा हुआ है। ये गुलाब बासी हैं या फिर कहीं रंग का खुशबू से झगड़ा हुआ है। न समझो कि बहुत मायूस हूँ मैं रिश्ता खुद से अभी गहरा हुआ है। दीवार , छत तो दुरुस्त हैं घर के इक रिश्ता ज़रा बिखरा हुआ है। #NojotoQuote ये किस तरह का पहरा हुआ है सारा शहर गूंगा बहरा हुआ है। ये गुलाब बासी हैं या फिर कहीं रंग का खुशबू से झगड़ा हुआ है। न समझो
ये किस तरह का पहरा हुआ है सारा शहर गूंगा बहरा हुआ है। ये गुलाब बासी हैं या फिर कहीं रंग का खुशबू से झगड़ा हुआ है। न समझो
read moreखामोशी और दस्तक
ये जो मुझमें हैं तू कहीं छुपा हुआ किसी कोने में दिल के बसा हुआ तुझे हैं ख़बर तुझे हैं पता हैं मेरा वजूद तुझसे जुड़ा हुआ तेरी आशिकी मेरी
Sarun Singh
फूल चाहे कितने ही सुन्दर क्यो न हो हिफाजत तो उनकीं काँटे ही किया करते हैं पहरा#
पहरा#
read moreVijay Gupta
White जर्रे जर्रे पे तेरा पहरा है,कश्मकश है दर्द गहरा है भूलना चाहे भी तो कोई भूले कैसे, मेरे चेहरे पे तेरी आंखों का पहरा है। ✍🏽 M ©Vijay Gupta #पहरा
Anjali R Gupta
चांदनी की राहों में चांद की पलकों का पहरा था टिम टिम करती तारों की ओढनी में लिपट कर खोई हुई थी महबूब के ख्यालों मे आखिर प्रेम जो गहरा था पहरा
पहरा #विचार
read moreSheel Sahab
"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," क्यों मेरे इश्क़ पे इस बेदर्द ज़माने का पहरा है। मुझे बख्शा हुआ हर घाव जमाने का गहरा है।। उलझनें तो और भी बहुत सी होंगी इस शहर में। ध्यान मेरी तरफ ही क्यों इस जमाने का ठहरा है।। सब मुझसे पूछते हैं चाहत क्या है इरादा क्या है। कैसे बता दूं पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है।। "शील साहब" #पहरा
pihu sharma
तुम्हारे जानें के बाद मैंने आंखों पर चश्में का पहरा किया है ताकि कोई और उतर नहीं सके इन आंखों में अब ©pihu sharma #पहरा
Shashi Bhushan Mishra
रखो दिल पर सख़्त पहरा, लगे ना आघात गहरा, बीतने दो रात निर्जन, दिन भी निकलेगा सुनहरा, मन की गतिविधियाँ विचारो, मन बड़ा नादान ठहरा, लोभ-लालच मित्र इसके, चमन भी बन जाए सहरा, कामनाएँ करे पोषित, स्वार्थवश मापदण्ड दोहरा, अहम का होता उपासक, वक़्त के चौसर का मोहरा, अधोगति को त्याग 'गुंजन', भजो मन हरि का ककहरा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #सख़्त पहरा#
Ved Prakash
जो भी मिला चला गया कोई भी ठहरा नहीं यहां सब आजाद हैं किसी पर पहरा नही सिरफ मैं ही कैद हूं उसकी यादों के जाल में कोई अशक भी आंखोमे एक पल भी ठहरा नहीं ©Ved Prakash पहरा #stay_home_stay_safe
पहरा #stay_home_stay_safe #शायरी
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