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गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा ! समय गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा !
गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा !
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गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा ! समय गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा !
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गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा ! समय गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा !
गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा !
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गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा ! समय गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा !
गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा !
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गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा ! समय गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा !
गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा !
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गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा ! समय गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा !
गद्दी पर बैठे लोग आम जनता को प्रवासी मजदूर बनाते रहा ! अब क्या होगा उद्योग धंधा का पैदल ही मजदूर घर लौट रहा !
read moreDevang shukla
देर बलात्कार के लिए सख्त कानून बनने में नहीं हो रही है। देर तो बस किसी नेता की बेटी का बलात्कार होने में हो रही है। एक भी नेता की बेटी के साथ कुछ हो जाए ना तो 2 घंटे में बिल पास होके कानून बन जाएगा। किसी की भी बेटी का बलात्कार हो ये कभी नहीं चाहते पर जब किसी नेता के घर में कुछ होगा, कानून तभी बनेगा, क्यों की आम जनता को ये नेता अपने 🤬 पे
किसी की भी बेटी का बलात्कार हो ये कभी नहीं चाहते पर जब किसी नेता के घर में कुछ होगा, कानून तभी बनेगा, क्यों की आम जनता को ये नेता अपने 🤬 पे
read moreDivyanshu Pathak
विनय न मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीति! बोले राम सकोप तब भय बिनु होय न प्रीति। आज मृत्यु का भय मानवता को पुनः स्थापित करने में सफल रहा है। पत्रकार,पुलिस, डॉक्टर्स, नर्स, पटवारी, वोलेंटियर्स के साथ भामाशाहों के, उदात्त व्यवहार ने देश के लोगों को टूटने से बचाया और हिम्मत भी दी। मैं सहृदय उनको नमन करता हूँ। आज से दो माह पूर्व के प्रशासन की अपेक्षा आज का प्रशासन तुलनात्मक दृष्टि से, जनमानस के ज्यादा क़रीब हुआ है। #शुभरात्री #पाठकपुराण के साथ #coronavirus #21_दिन_का_लॉक_डाउन रहा और फिर #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और अब #lock_down_3 के सा
#शुभरात्री #पाठकपुराण के साथ #coronavirus #21_दिन_का_लॉक_डाउन रहा और फिर #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और अब #lock_down_3 के सा #शराब #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा
read moreRandom quotes Swati
सरकारें कह रही हैं कि वो आम जनता को राशन मुहैया करा रही है तो फिर क्यों भूख से तड़पते - मरते हुए लोगों और बच्चों की तस्वीरें सामने आ रही हैं। या ये कहूँ कि कुछ संवेदनहीन लालची लोग इस वक्त भी जमाखोरी कर सिर्फ अपना पेट भर रहे हैं । और वो निम्न,गरीब - मजदूर वर्ग अब दाने-दाने को तरस गए हैं । तरस गए हैं... #तरसगए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi सरकारें कह रही हैं कि वो आम जनता को राशन मुहैया कर
तरस गए हैं... #तरसगए #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi सरकारें कह रही हैं कि वो आम जनता को राशन मुहैया कर #randomquotesfromswati
read moreSunil itawadiya
गर्मी से कर लेते हम कब की बगावत, जो न देती कुदरत आम की रिश्वत. मुझे गर्मियों का शाम याद आता है, जिस पर फेंका था पत्थर वो आम याद आता है, यहाँ तो है हर तरफ उजाले ही उजाले मुझे उस आँगन का वो अकेला चाँद याद
मुझे गर्मियों का शाम याद आता है, जिस पर फेंका था पत्थर वो आम याद आता है, यहाँ तो है हर तरफ उजाले ही उजाले मुझे उस आँगन का वो अकेला चाँद याद #letters #YourQuoteAndMine #yolewrimo #प्यारेआम
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