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अम्बुज बाजपेई"शिवम्"

Pic_credit:- Google.in हाथों में जिम्मेदारियों के हैण्डल को थामे, पैरों से मुश्किलों के पैडल को धकेलते हुए। मैंने देखा एक जीर्ण-शीर्ण काया क #yourquote #RESPECT #yqbaba #yqdidi #yqhindi #majdoor #rikshewala #family_man

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हाथों में जिम्मेदारियों के हैण्डल को थामे,
पैरों से मुश्किलों के जैसे पैडल को धकेलते हुए।
मैंने देखा एक जीर्ण-शीर्ण काया को,
तीन पहियों पर अपनी दुनिया चलाते हुए। Pic_credit:- Google.in
हाथों में जिम्मेदारियों के हैण्डल को थामे,
पैरों से मुश्किलों के पैडल को धकेलते हुए।
मैंने देखा एक जीर्ण-शीर्ण काया क

yogesh atmaram ambawale

OPEN FOR COLLAB ✨ #AT333cactuspoem • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Write a 333 poem having the word 'cactus' or 'thorn' in it.✨ • #yqbaba #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts #333poem

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तुझी आठवण म्हणजे,
निवडुंगाचे काटे वाटतात,
सतत टोचत राहतात. OPEN FOR COLLAB ✨ #AT333cactuspoem • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️

Write a 333 poem having the word 'cactus' or 'thorn' in it.✨ 

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Sarita Shreyasi

पुरानी आलमारी से,स्कूल के दिनों के कुछ जीर्ण-शीर्ण किताब निकले, किताब क्या थे,कहिए कि मुस्कुराते बचपन के बिसरे ख्वाब निकले, गर्द भरे पीले पन #yqbaba #yaadein #bachpan #yqdidi #YQBhaiJaan #khwahishein #kitabein

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पुरानी आलमारी से,
स्कूल के दिनों के कुछ जीर्ण-शीर्ण किताब निकले,
किताब क्या थे,कहिए कि 
मुस्कुराते बचपन के बिसरे ख्वाब निकले,
गर्द भरे पीले पन्नों से,
नादान ख्वाहिशों के सूखे महकते गुलाब निकले,
जी चाहा,अंधेरे में ठंडी राख से 
आज फिर कोई माहताब निकले।
 पुरानी आलमारी से,स्कूल के दिनों के कुछ जीर्ण-शीर्ण किताब निकले,
किताब क्या थे,कहिए कि मुस्कुराते बचपन के बिसरे ख्वाब निकले,
गर्द भरे पीले पन

Anita Saini

तुम जानते हो ना जीर्णोद्धार हो जाता है हर ऐतिहासिक जीर्ण शीर्ण स्तंभ या किले द्वार और राजप्रासाद आदि का। होते देखा होगा ना उनका नवीनीकरण! #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqrestzone #collabwithrestzone #rzWOTD #rzWOTDभग्नावशेष

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तुम जानते हो ना
जीर्णोद्धार हो जाता है
हर ऐतिहासिक 
जीर्ण शीर्ण स्तंभ
या किले द्वार और राजप्रासाद आदि का।
होते देखा होगा ना उनका नवीनीकरण!
भूतकाल की त्रुटियों का कभी
जीर्णोद्धार नहीं कर सकते!
शेष रह जाती हैं, त्रुटियाँ
भग्नावशेष होती हैं
भूतकाल की!
जीर्ण-शीर्ण स्मृतियाँ!
शेष रहती हैं !
उनके कुछ छोर भग्नावशेष
के रूप में वर्तमान के
सिरे से बँधे रह जाते हैं! 
तुम जानते हो ना
जीर्णोद्धार हो जाता है
हर ऐतिहासिक 
जीर्ण शीर्ण स्तंभ
या किले द्वार और राजप्रासाद आदि का।
होते देखा होगा ना उनका नवीनीकरण!

CM Chaitanyaa

सृजन करना किसी वस्तु का आसान बात नहीं, जैसे कोई स्त्री नौ मास तक रखती है गर्भ में, शिशु को ठीक वैसे ही एक कलाकार भी तो, अपने मस्तिष्क रूप #Art #Birth #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes

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सृजन करना किसी वस्तु का
आसान बात नहीं, 
जैसे कोई स्त्री नौ मास तक
रखती है गर्भ में, 
शिशु को ठीक वैसे ही एक
कलाकार भी तो, 
अपने मस्तिष्क रूपी गर्भ में 
सहेज रखता है,
उन सभी विचारों को जो ही
जन्म देते हैं फिर,
कला रूप में एक शिशु को
करते हैं पालन, 
सींचते हैं उन्हें उतने प्रेम से
एक माँ की तरह,
जैसे भक्ति देख न सकी थी 
ज्ञान वैराग्य बूढ़े, 
उसी तरह कलाकार भी तो
नहीं देख सकता,
अपनी कला को जीर्ण-शीर्ण
और माँगता है, 
अनश्वर भीख क्योंकि वो माँ
नहीं देख सकती, 
उस शिशु को बलि चढ़ते हुए ! सृजन करना किसी वस्तु का
आसान बात नहीं, 
जैसे कोई स्त्री नौ मास तक
रखती है गर्भ में, 
शिशु को ठीक वैसे ही एक
कलाकार भी तो, 
अपने मस्तिष्क रूप

अशेष_शून्य

प्रतीक्षा में श्रापित देह और प्रति पल शीर्ण होते अंतर्मन से लिखें हैं कई पत्र तुम्हें मैंने प्रतिउत्तर में मिले "मौन" को स्वीकार्य किया है #Angel #hindiquotes #yqdidi #yqquotes #yqsahitya #मौन_संवाद #jivant_prem

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एक 
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"मौन पत्र"
 -Anjali Rai

(अनुशीर्षक में .....) प्रतीक्षा में श्रापित देह 
और प्रति पल शीर्ण होते अंतर्मन से
लिखें हैं कई पत्र तुम्हें मैंने 
प्रतिउत्तर में मिले "मौन"
को स्वीकार्य किया है

Pushpvritiya

बदला तो ज्यादा कुछ नहीं था, हाँ.......कुछ सड़कें पक्की हो गई थी, "फूस" की जगह छप्परों पर "खप #ज़िन्दगी

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mute video

Insprational Qoute

विरह के योग में जी कर भी खत पिया को लिख रही, वापसी का कोई पता नही फिर भी राह को तक रही, नैनो में बहती अश्रु की धार है, पलकों पर सजा इंतजार #yqbaba #कविता #विरहगीत #हिन्दी_काव्य_कोश #बेस्टhindishayari

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विरह के योग में जी कर भी खत पिया को लिख रही,
वापसी का कोई पता नही फिर भी राह को तक रही,


सम्पूर्ण गीत अनुशीर्षक में पढ़े विरह के योग में जी कर भी खत पिया को लिख रही,
वापसी का कोई पता नही फिर भी राह को तक रही,
नैनो में बहती अश्रु की धार है,
पलकों  पर सजा  इंतजार

Vedantika

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "लाग़र" "LaaGar" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है कृश, दुबला-पतला, शीर्ण एवं अंग्रेजी

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वो भटक रहा है रोटी के लिए दर-ब-दर
एक लाग़र ज़िस्म की जिम्मेदारी बाकी है ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ आज का शब्द है "लाग़र" "LaaGar" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है कृश, दुबला-पतला, शीर्ण एवं अंग्रेजी

Pnkj Dixit

🌷... धर्म प्रिय 🌷 प्रेम करना सुहृदय का कर्म प्रिय । रेगिस्तान में सागर - सा भ्रम प्रिय । प्रेम जल बिन तरसता कमल प्रिय । प्रेम के

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#OpenPoetry 🌷... धर्म प्रिय 🌷

प्रेम  करना  सुहृदय  का  कर्म  प्रिय ।
रेगिस्तान में  सागर - सा  भ्रम  प्रिय ।
प्रेम जल बिन  तरसता  कमल प्रिय ।
प्रेम के विरूद्ध है लेखनी ब्रह्म प्रिय ।

स्वप्नों  में  अहसास  की ज्योति प्रिय ।
स्वाति नक्षत्र में  सीप का मोती प्रिय ।
मन यायावर प्रकृति का विचरण कर ।
आत्मीय प्रेम रस रंग प्रसंग धर्म प्रिय ।

सुन्दर  मन  का  सुंदर वन चन्दन बनूँ प्रिय ।
सु हृदय का प्रेम पा, पारस वन्दन बनूं प्रिय ।
पूर्णिमा नवल धवल चाँदनी का शशि नन्दन 
शिशु  समाना प्रेम पथिक का  उर मर्म प्रिय ।

एक रंग - वर्ण  , एक    देश - जाति - धर्म   प्रिय ।
सुकोमल  जीवन कलि - पुष्प पाँखुरी नरम प्रिय ।
विष  का  वास , कर  विश्वास , कह , परम  प्रिय ।
मिलन  असंभव ,रीति - रिवाज समाज धर्म प्रिय ।

स्व  जननी - जनक विरूद्ध पग ना धरूँ प्रिय ।
मनवांछित  वर चयन , मन  विवश करूँ प्रिय ।
बन    पर दास   जीवन   यापन   करूँ  प्रिय  ।
प्रिय संग है अधर्म , निभाऊँ स्व पर धर्म प्रिय ।

जीर्ण-शीर्ण मन - हृदय  मत करना प्रिय ।
प्रेम विष हृदय मस्तिष्क मत धरना प्रिय ।
श्री चरन कमल रज मस्तक रखना प्रिय ।
पुनर्जन्म  लेकर  निभाऊँ  प्रेम धर्म प्रिय ।

(काव्य संग्रह - प्रेम अमर है )
०९/०८/२०१९
🌷👰💓💝
...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷... धर्म प्रिय 🌷

प्रेम  करना  सुहृदय  का  कर्म  प्रिय ।
रेगिस्तान में  सागर - सा  भ्रम  प्रिय ।
प्रेम जल बिन  तरसता  कमल प्रिय ।
प्रेम के
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