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Rahul Pathak
भगवान कृष्ण भी जात के ग्वाले थे जिसके कई नाम भी निराले थे कृष्ण, कन्हैया, केशव और माधव आज के ग्वाले वे है जो लगाते हैं अपने नाम के बाद यादव । । #Morning ग्वाले
#Morning ग्वाले
read moremurliwala gopal malecha
मुरलीवाले मुरली बजा तेरे ग्वाले बुलाते है आ #Reels #reelsvideo #reelsinsta #reelsinstagram #Tranding #reelsshorts #reelsviral #समाज
read moreKP EDUCATION HD
KP NEWS for the same for me to 565 ©कंवरपाल प्रजापति टेलर ग्वाले की उम्र कम थी। संत के इन कर्मों को समझने के लिए वह आश्रम में पहुंचा और संत से पूछा कि आप रोज ये सब क्या करते हैं? संत ने बताया कि मै
ग्वाले की उम्र कम थी। संत के इन कर्मों को समझने के लिए वह आश्रम में पहुंचा और संत से पूछा कि आप रोज ये सब क्या करते हैं? संत ने बताया कि मै #न्यूज़
read moreAbhay Bhadouriya
राधा राधा पूछे सांवरा राधा को ढूंढे है चारों ओर।। राधा की कोई खबर ना आई ब्रज ग्वाले ने मचाया शोर || मथुरा वृंदावन की भूमि में राधा को ढूंढे माखनचोर || राधा रूठ कर घाट पर बैठी उन्हें मनाए चितवनचोर || #राधा #राधाकृष्ण #प्रेम #प्रेम_पर_चिंतन #abhaybhadouriya राधा राधा पूछे सांवरा राधा को ढूंढे है चारों ओर।। राधा की कोई खबर ना आई ब्रज
#राधा #राधाकृष्ण #प्रेम #प्रेम_पर_चिंतन #abhaybhadouriya राधा राधा पूछे सांवरा राधा को ढूंढे है चारों ओर।। राधा की कोई खबर ना आई ब्रज #पौराणिक #पौराणिक_कथा
read moreDipak Jha
अपनी छोटी उंगली पर पर्वत रखने वाले को, सब खेल दिखाने आते हैं, नंद गांव के ग्वाले को किन शब्दों से रच दूं कविता, सहम जाती है कलम अपनी प्रशंसा स्वयं लिखो तुम, हे कान्हा हे मधुसूदन राधा रानी अनंतकाल से रहती जिसको निहारे तुम यह संसार चल रहे हैं इसी भरोसे की इसके पालन हारे तुम रणभूमि में गीता की कविता कहने वाले तुम करण द्रोण और भीष्म को धर्म सिखाने वाले तुम यह मेरी लिखे शब्द सुमन ही समझना मेरी भक्ति मेरी सेवा श्री कृष्ण गोविंदा हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा...🙏🙏 ©Dipak Jha अपनी छोटी उंगली पर पर्वत रखने वाले को, सब खेल दिखाने आते हैं, नंद गांव के ग्वाले को किन शब्दों से रच दूं कविता, सहम जाती है कलम अपनी प्र
अपनी छोटी उंगली पर पर्वत रखने वाले को, सब खेल दिखाने आते हैं, नंद गांव के ग्वाले को किन शब्दों से रच दूं कविता, सहम जाती है कलम अपनी प्र #DearKanha
read moreRadhakrishnPriya Deepika
Pure Love प्रेम की कोई सीमा नहीं होती प्रेम तो हर सीमा से परे है, हर बंधन से परे है। जैसे कि कृष्ण भगवान एक ग्वाला था वो ग्वाले थे इसलिए उन्हें गायों से प्रेम नही था बल्कि कृष्ण भगवान को गायों से प्रेम था इसलिए वो ग्वाले कहलाये। तो प्रेम सिर्फ इंसानो में ही नही बल्कि हर जीव-जंतु, पशु, पक्षियों में भी प्रेम है और हम मनुष्यों से ज्यादा तो इनमे प्रेम है क्योंकि इनमें स्वार्थ नही है हम इंसानो में स्वार्थ है। अगर एक कुत्ते को आप रोटी खिलाओगे तो ये कभी नही भूलेगा की आपने उसे रोटी खिलाई लेकिन जब आप किसी इंसान के बुरे वक्त में उसे खाना खिलाएंगे या पैसे देंगे और जब उसका अच्छा वक्त आएगा तो वो भूल जाएगा कि किसी वक्त में आपने उसकी मदद की कहते है इंसान की फितरत ही ऐसी होती जिस थाली में खाता है उसी में छेद करता है लेकिन, एक जानवर को आप पालोगे उसे खाना खिलाओगे तो वो हमेशा वफादार रहेगा आपसे वफादारी करेगा। बेशक कड़वी है मगर यही इस कलयुगी और मतलबी लोगों की सच्चाई है इसलिए इंसान में अगर प्रेम है उसमें उसका स्वार्थ लेकिन अगर जानवरो में प्रेम है उसमें कोई स्वार्थ नही है। ©राधाकृष्णप्रिय Deepika🌠 प्रेम की कोई सीमा नहीं होती प्रेम तो हर सीमा से परे है, हर बंधन से परे है। जैसे कि कृष्ण भगवान एक ग्वाला था वो ग्वाले थे इसलिए उन्हें गायों
प्रेम की कोई सीमा नहीं होती प्रेम तो हर सीमा से परे है, हर बंधन से परे है। जैसे कि कृष्ण भगवान एक ग्वाला था वो ग्वाले थे इसलिए उन्हें गायों #मेरे #विचार #निस्वार्थ #LoveForCreatures
read more#maxicandragon
ऐ कान्हा तुम छुनो ना, ऐ कान्हा तुम छुनो ना माँ मुझे नहीं देती आइसक्रीम माखन मुझ को दे दो ना ऐ कान्हा तुम छुनो ना....... कहाँ गए छब ग्वाले तुम्ले जला मुझे बतादोना माँ मुझे नहीं देती खेलने संग मुझे तुम ले लो ना ऐ कान्हा तुम छुनो ना....... माँ लाई घर तोता छोता सा आके उछे उला दो ना जो तुम तगाते मोलपंख वो ही मुझको तुम ला दो ना ऐ कान्हा तुम छुनो ना....... गोदी मे उठाके मुझको यमुना तक ले चलो ना मैं भी तैलुंगा यमुना में उछ कालिया पे बछ बैठादोना ऐ कान्हा तुम छुनो ना....... बाबा गए हैं बाहल देखो माँ भी छो गई तुम देखो ना ले चलो मुझ को रख कंकर कुछ मटकी फोडे दोनों ना ऐ कान्हा तुम छुनो ना....... #ऐ_कान्हा_तुम_छुनो_ना #Sadharanmanushya ©#maxicandragon ऐ कान्हा तुम छुनो ना, ऐ कान्हा तुम छुनो ना माँ मुझे नहीं देती आइसक्रीम माखन मुझ को दे दो ना ऐ कान्हा तुम छुनो ना....... कहाँ गए छब ग्वाले
ऐ कान्हा तुम छुनो ना, ऐ कान्हा तुम छुनो ना माँ मुझे नहीं देती आइसक्रीम माखन मुझ को दे दो ना ऐ कान्हा तुम छुनो ना....... कहाँ गए छब ग्वाले #Sadharanmanushya #DearKanha #ऐ_कान्हा_तुम_छुनो_ना
read moreDivyanshu Pathak
"बापा-रावल" ईडर के राजा नागादित्य की भीलों ने हत्या कर राज्य छीन लिया तो उनकी पत्नी अपने तीन साल के बच्चे को किसी भी तरह बचाकर बड़नगरा में रहने वाले उनके कुल पुरोहित नागर ब्राह्मण जिन्होंने गुहदत्त की रक्षा की थी के वंशज "वंशधर" जी के पास ले गई।जब ब्राह्मणों को भीलों से खतरा हुआ तो वे बच्चे को लेकर भाण्डेर दुर्ग के जंगल में "नागदा" के समीप 'पराशर' नामक स्थान पर लेजाकर निवास करने लगे।इसी जंगल में गाय चराने वाले एक ग्वाले को 'बप्पा' के रूप में जाना गया। एक मज़ेदार बात ये है कि अभी तक कोई इतिहासकार ये पता नहीं लगा पाया है कि "बप्पा" किसी राजा का नाम था या 'उपाधि' और अगर यह उपाधि थी तो किसकी? :
एक मज़ेदार बात ये है कि अभी तक कोई इतिहासकार ये पता नहीं लगा पाया है कि "बप्पा" किसी राजा का नाम था या 'उपाधि' और अगर यह उपाधि थी तो किसकी? : #yqbaba #yqdidi #yqhindi #Pintrest #पाठकपुराण #राजस्थान_के_इतिहास_की_झलकियाँ_1
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कृष्ण सुन्दरम वर्णन कृष्ण सार , राधा आधार, सृष्टि रचियता,रचा संसार, कानन कुण्डन,हृदय उदार, तन पर साजे वैजयंती हार। सम्पूर्ण वर्णन अनुशीर्षक में पढ़े। कृष्ण सुन्दरम वर्णन ************** कृष्ण सार , राधा आधार, सृष्टि रचियता,रचा संसार, कानन कुण्डन,हृदय उदार, तन पर साजे वैजयंती हार,।।
कृष्ण सुन्दरम वर्णन ************** कृष्ण सार , राधा आधार, सृष्टि रचियता,रचा संसार, कानन कुण्डन,हृदय उदार, तन पर साजे वैजयंती हार,।। #सुंदरता #कान्हा #yourquotebaba #कृष्णा #राधाकृष्ण #bestyqhindiquotes #मधुरम #Nishakamwal
read moreRavindra Singh
मैं बदनाम तुम्हारे नाम से इस जहां में हो चुकी हूं.. ऐसा क्या है तुम्हारी आंखों में, हे कृष्णा कि जब भी देखती हूं इनमें खो सी जाती हूं। तुम भी तो खूब हो, न झपकाते अपनी पलकों को, एक पल के लिए, इस आदत से तुम्हारी मैं मोह सी जाती है। जिस तरह चाहती हूं मैं तुम्हें उम्रभर चाहती रहूं, न फेरना कभी मुंह मुझसे, हे मेरे सांवले, रखना ख्याल इतना, कि मैं तुम्हारे दिल को हमेशा भाहती रहूं। अब तो जिंदगी के सारे दुख, दर्द, सुकून और जो भी इससे जुड़ी चीज़ें है,वो अब तुमसे जुड़ी हैं। अब मैं बदनाम तुम्हारे नाम से इस जहां में हो चुकी हूं, सबको पता है,दिन तो दिन रातों की नीदें भी मेरी तुम्हारे लिए उड़ी हैं। इस कदर नशा तुम्हारे प्रेम का चढ़ गया है, हे मेरे ग्वाले खुली आंखों से भी आज कल मैं सोह सी जाती हूं। ऐसा क्या है तुम्हारी आंखों में, हे कृष्णा कि जब भी देखती हूं इनमें खो सी जाती हूं। ©Ravindra Singh मैं बदनाम तुम्हारे नाम से इस जहां में हो चुकी हूं.. ऐसा क्या है तुम्हारी आंखों में, हे कृष्णा कि जब भी देखती हूं इनमें खो सी जाती हूं। तु
मैं बदनाम तुम्हारे नाम से इस जहां में हो चुकी हूं.. ऐसा क्या है तुम्हारी आंखों में, हे कृष्णा कि जब भी देखती हूं इनमें खो सी जाती हूं। तु #Poetry
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