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Andy Mann
White अकेला बैठ जाता हूं , कभी जो टूट भी जाऊं तो , मै लोगो से लहजों का शिकवा ,अब नही करता...।। ©Andy Mann #good_morning Ak.writer_2.0 Mahesh Patel वैद्य (dr) उदयवीर सिंह Ashutosh Mishra Arshad Siddiqui
#good_morning Ak.writer_2.0 Mahesh Patel वैद्य (dr) उदयवीर सिंह Ashutosh Mishra Arshad Siddiqui
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White पिता का वात्सल्य मां से बिल्कुल अलग होता है,एक क्षण पिता बच्चे को दुलार रहा होगा तो अगले ही क्षण उसे पीट रहा होगा. मां का वात्सल्य इसके विपरीत है,वो बच्चे की ज़िद,उनकी बदमाशी यूंही माफ कर देती है.मां का क्रोध बच्चे पर तब होता है जब उसकी किसी बात से उसका अहित हो रहा हो पर पिता बच्चे को दूसरों का अहित करने के लिए दण्ड देता है.आपने देखा होगा माएं बच्चों को कंधे पर नहीं बैठाती हैं ,वो उन्हें गोद में सुरक्षित रखना चाहतीं हैं,जबकि पिता बच्चे को अपनी उंगली के बाद सीधा अपना कंधा देता है बैठने के लिए, बिना डरे की वो नीचे गिर जाएगा,वो ऐसा करता है ताकि बच्चा दुनियां को एक ऊंचाई से देख सके,वो देख सके कि जमीन से ऊपर होते ही ये दुनियां कैसे अलग दिखने लगती है,छोटी दिखने लगती है.ताकि बच्चे में ये समझ बने कि उसे अपनी जगह कहां और कैसे बनानी है.पिता उसे परियों की कहानी नहीं सुनाता,चोट लगने पर रोने नहीं देता.जबकि बच्चे के लिए पिता बचपन में टॉफियां लाने वाला इंसान और जवानी में उसकी आजादियों पर ताला लगाने वाला हैवान से अधिक कुछ नहीं.पिता चाहे तो इस छवि को तोड़ सकता है,पर वो ऐसा नहीं करता क्योंकि पिता चाहता है कि बच्चा मजबूत बने,इतना मजबूत की जब उसे घर से बाहर जाना हो तो वो हिचके ना,इतना मजबूत की जीवन के किसी भी कठिन फैसले को लेने से वो डरे ना,इतना मजबूत की जब एक दिन उसे अपने पिता की अर्थी को कंधा देना हो तो कमजोर ना पड़े,टूट ना जाए,बल्कि वो याद करे कैसे बचपन में पिता ने उसे अपना कंधा दिया था.......! ©Andy Mann #पिता Arshad Siddiqui Rakesh Srivastava Ashutosh Mishra अदनासा- वैद्य (dr) उदयवीर सिंह
#पिता Arshad Siddiqui Rakesh Srivastava Ashutosh Mishra अदनासा- वैद्य (dr) उदयवीर सिंह
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Unsplash कालेज में इको के एक सर थे.. जब वो ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाते, तो खूब सारी कलर्ड चाक का इस्तेमाल करते!! हर स्टेप को अलग अलग इंफेसाइज करने के लिए.. बड़ी स्टाइल से बोलते थे... वो. हर रोज एक नये पैंट शर्ट ,टाई के साथ आते.. मैंने कभी उनको रिपीटेड कपड़े पहने हुए नहीं देखा था.. जो वो पहले कभी पहन कर आये हों उस जमानें में वो येज्डी मोटरसाइकिल से आते थे, गजब भौकाल था कालेज में.. छात्रों की जुबान पर उन्हीं की चर्चा रहती.. सर के कपड़े, सर का स्टाइल, सर की बाइक, सर का बोलनें का अंदाज़!! सर की भावभंगिमा!! मगर इन सबमें..जो एक बात उनमें एकदम अलग थी ..वो ये कि वो कभी स्टूडेंट्स से क्रास क्वेस्चन्स नहीं लेते थे क्लास में!! ना ही बुक से हटकर को कोई सवाल बताते थे जो पिछले वर्षों में आलरेडी में पूछा गया था अनसोल्ड पेपर में!! कुलमिलाकर कालेज उनको तबतक झेलता रहा जबतक उन्होंने संस्था के कुल 100 प्रतिशत आने वाले रिजल्ट को दस प्रतिशत से गिरा ना दिया!! ©Andy Mann #व्यंग्य Ak.writer_2.0 Rakesh Srivastava अदनासा- Dr Udayver Singh Arshad Siddiqui
#व्यंग्य Ak.writer_2.0 Rakesh Srivastava अदनासा- Dr Udayver Singh Arshad Siddiqui
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White एक डेढ़ लाख का अनपढ़ विधायक रखने से बेहतर है 20,000का पढा लिखा विधायक सविंदा पर रखा जाए। With smiling face with open mouth and smiling eyes ©Andy Mann #good_evening Dr Udayver Singh Arshad Siddiqui Ashutosh Mishra Ak.writer_2.0 अदनासा-
#good_evening Dr Udayver Singh Arshad Siddiqui Ashutosh Mishra Ak.writer_2.0 अदनासा-
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White गुज़ारूँ एक जैसा वक़्त कब तक कोई पत्थर हूँ मैं या आदमी हूँ ©Andy Mann #Sad_Status sushil. Dr Udayver Singh Sangeet... Arshad Siddiqui Ashutosh Mishra
#Sad_Status sushil. Dr Udayver Singh Sangeet... Arshad Siddiqui Ashutosh Mishra
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कुछ इस तरह फिदा है मर्द, औरत की जात पर, मां बहन की गाली देता है, मां बहन की बात पर। ©Andy Mann #इंसान_कैसे_कैसे sushil. Arshad Siddiqui Dr Udayver Singh Ak.writer_2.0 अदनासा-
#इंसान_कैसे_कैसे sushil. Arshad Siddiqui Dr Udayver Singh Ak.writer_2.0 अदनासा-
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पुरुष सदा वहां परास्त हुआ है वहां जहां उसने अपने हृदय को पूर्ण समर्पित किया हो ।। 🩶 ©Andy Mann #कड़वा_सच Ashutosh Mishra sushil. Dr Udayver Singh Arshad Siddiqui अदनासा-
#कड़वा_सच Ashutosh Mishra sushil. Dr Udayver Singh Arshad Siddiqui अदनासा-
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White कूल ड्यूड के मुख्य गुण धर्म....... ============================= . १. कूल ड्यूड वही होता है जिसे देसी भाषा में "घोंचू" कहते हैं. २.खास कूल्हों से नीचे सरकती पैंट...मानो पैंट में ही ""निपट"" लिया हो और वो वजन से नीचे जा रही हो. ३.बाल ऐसे कि जैसे अभी अभी बिजली का झटका खा कर आये हों. ४.इनके जीवन का मूल उद्देश्य है लड़किओं को अपनी ओर आकर्षित करना,इसके लिए इन्हें अपने रंग रूप से जो भी खिलवाड़ करना पड़े ये करते हैं... ५.लड़की से जूते भी खा कर आ जायेंगे लेकिन घर पर यदि माँ बाप कुछ अच्छी बात समझाएं तो उनसे बदतमीजी से बात करना.. ६.इनके घुटने मोटर साइकल से कई बार गिरने की वजह से अक्सर छिले हुए ही होते हैं जो कि १०० सी.सी. की बाइक को क्रूजर बाइक की तरह चलाने का परिणाम है.. ७.सड़क पर खुद भले ही गलत साइड पर चल रहे हों पर सामने से आने वाले चालाक पर आँखें तरेरना.. ८.अंग्रेजी के भले ही चार शब्द ना आते हों लेकिन हमेशा इंग्लिश गाने ही सुनते हैं. ९. अगर ये लोअर मिडल क्लास के हों तो अमीर ड्यूड की नक़ल वाले सस्ते कपडे ढूंढते मिल जायेंगे... १०. इन्हें भारतीय खेलों में कोई रूचि नहीं होती,बस रग्बी,अमेरिकन फुटबॉल या बीच-बौलिबौल की बातें करते हैं भले ही उन खेलों के बारे में इन्हें घंटा कुछ पता ना हो ©Andy Mann #कूल_ड्यूड Rakesh Srivastava Arshad Siddiqui Ashutosh Mishra अदनासा- Dr Udayver Singh
#कूल_ड्यूड Rakesh Srivastava Arshad Siddiqui Ashutosh Mishra अदनासा- Dr Udayver Singh
read moreBarkha
Unsplash हमें आज़ाद छोडा गया तब समझ में आया मार्गदर्शन क्या होती है जब हम तन्हाइयों में गए तब समझ आया माँ बाप क्या होते हैं जब बेकरारी बढी तब समझ आया प्यार क्या होता है जब मोहब्बत की चादर हटी तब समझ आया दोस्त क्या होता है जब उम्र badhi तब समझ आया पढाई क्या होता है जब ma - बाप की जवानी ढली तब समझ आया शोहरत क्या होता है जब विपत्ति आयी तब समझ आया सगा कौन होता है जब जवानी ढली तब समझ आया स्वभाव क्या होता है जब बंद कमरे में तन्हाई मिलि तब समझ आया अपने क्या होते हैं || ©Barkha #leafbook R Ojha ਸਿਵੀਆ ਜੀ Arshad Siddiqui Dr Anoop Sethi Ji
#leafbook R Ojha ਸਿਵੀਆ ਜੀ Arshad Siddiqui Dr Anoop Sethi Ji
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Unsplash #लहसूनियाँ_पनीर...... #पेट_सफा_रोग_दफा असल में लहसुन और हरा धनिया स्वास्थ्य के लिय और पेट के लिय बहुत फायदेमन्द होता हैं अक्सर पेट भारी कब्ज हो रहीं हो पर कुछ अच्छा खाने का भी मन हो..... जीभ स्वाद मांग रहीं हो और पेट इन्कार करे...... तो आप इस डिश को बनाकर खाए..... नाम हैं इसका #लहसूनियाँ_पनीर...... इसमे हरा धनियां और लहसून इतना पड़ता हैं कि स्वाद तो आता ही हैं साथ में पेट की सफाई भी बखूबी करता हैं..... लहसून खूब सारा,धनिया खूब हरा हरा प्याज और हरा लहसून भी हो तो फिर क्या कहने मसाले नॉर्मल,दही,मलाई #तैयारी पहले प्याज चौप करे, लहसून काट ले बारीक बारीक लहसून और अदरक का पेस्ट, मलाई फेंट कर रखे, दही को फेंट कर रखे....सब चीज़ को बारीक बारीक काटकर रख ले.... भुना जीरे का पाउडर #विधि कढाई ले उसमे तेल डाले गर्म होने पर कटी प्याज डाले और ब्राउन होने तक पकाए.... नमी खत्म होने तक.... फिर इसमे लहसून अदरक का पेस्ट डाले उसे भुने... मसाले डाले और पकाए, भुना हुआ जीरा पाउडर डाले .. फिर कटा हुआ लहसून, धनिया डाल दे और पकाए..... जब ये पक जाये तो दही डाल दे फेंट कर..... इसे भी थोड़ी देर पकाए फिर इसमे पनीर डाले थोड़ा पकाए और जब पक जाये तो इसमे मलाई या क्रीम डाल दे और सर्व करे ©Andy Mann #करके_देखो Ravi Ranjan Kumar Kausik Arshad Siddiqui अदनासा- Dr Udayver Singh Rakesh Srivastava
#करके_देखो Ravi Ranjan Kumar Kausik Arshad Siddiqui अदनासा- Dr Udayver Singh Rakesh Srivastava
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