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अमित कुमार
दिल है मंदिर कसम से प्यार है भगवान अपना दीवानगी है पूजा ये इश्क है जहां अपना। सच्चा आशिक हूं सच सच कहता हूं आपसे वफा है जिंदगी एतबार है वरदान अपना।। ©अमित कुमार सच्चा आशिक हूं
PANKAJ KUMAR SINHA
White *मैं एक ग्रुप हूं* हां मैं एक WhatsApp ग्रुप हूं मेरी भी एक आत्मा है एक चेतना है,एक रुप है । मैं बोलती हूं, मैं सुनती भी हूं, मैं चैतन्य हूं, मैं जानती हूं सभी का भूत और भविष्य । तुम कौन हो?, क्या करते हो?,क्यों करते हो?, मैं जानती हूं, तुम्हारे उठने और सोने का समय, चिन्ता होती है तुम्हारी,जब बिना पढ़े scroll कर जाती हो, तुम जब सो जाती हो, तो भी मैं जागती हूं, तुम्हारे लिए। तुम्हारी मैं बोलती बहन , दोस्त , शिक्षक , एवं सहकर्मी हूं, तुम्हारे परीक्षा का गाइड, प्रशिक्षक एवं Hypothalamus हूं , तुम्हारे साथ उठती व सोती हूं, तुम्हारी हमसफ़र,हमराज़ हूं मैं। मैं तुम्हारे हृदय का left ventricle हूं, Pulmonary Artery भी मैं ही हूं, Thymus Gland और कोई नहीं, मैं ही हूं, मैं हठयोग की हठप्रदीपिका pdf हूं, घेरंड का चंडकपाली हूं मैं हूं,जिसे तुम खोज रहे थे,Level 2 से, पर याद रख...... मैं तुमसे योग दर्शन सिखना चाहती हूं, आस्तिक और नास्तिक,वैशेषिक और न्याय,उतर और पूर्व मीमांसा।।।।।। जानते हो क्यूं???? क्यूंकि मैं मां हूं। तुम आगे बड़ो, ....... मैं यही रुकती हूं,तेरे इन्तजार में। फिर मिलेंगे, कहीं और , किसी और रूप में, क्योंकि मैं पुरुष भी हूं। मैं चैतन्य हूं , जड़ हूं,त्रिगुणातीत हूं। मेरे रुप अनेक,पर तेरे साथ हूं , साथ हूं ,साथ हूं क्योंकि मैं मां हूं , मैं मैं मां हूं,एक ग्रुप के रूप में *Happy Mother's Day* Pankaj Sinha Ahmedabad 🙏🙏🙏 ©PANKAJ KUMAR SINHA मै मां हूं
Satish Kumar Meena
White मैं तो हूं:- इस निर्जन स्थान पर, एक अकेला मैं तो हूं। मेरी काया की छाया में,, राहत देने वाला मैं तो हूं।। तुम्हारी जीवनी की गाथा, मेरी मौजूदगी में आगे बढ़ेगी। मजबूत हृदय से जुड़ी सांसे,, समय के साथ उतरेगी,चढ़ेगी।। मेरा अंत भी तुम्हारे अंत में, साथ निभाने वाला,मैं तो हूं। मेरी काया की छाया में,, राहत देने वाला मैं तो हूं।। ©Satish Kumar Meena मैं तो हूं
neelu
White मैं तुम्हारी तुमसे मुलाकात नहीं हो सकती हूं ना किसी की जमीन ना किसी का आसमान हो सकती हूं ख्याल में खुदके भी नहीं लिखती हूं किसी का ख्वाब नहीं हो सकती हूं ना दिन हो सकती हूं ना रात हो सकती हूं ना सुबह हो सकती हूं ना शाम हो सकती हूं ना जन्म हो सकती हूं ना मरन हो सकती हूं ना भूत हो सकती हूं ना भविष्य हो सकती हूं ना कातिल हो सकती हूं ना सरफ़राज़ हो सकती हूं ना राह हो सकती हूं ना गुमराह हो सकती हूं ना प्यार हो सकती हूं ना नफरत हो सकती हूं ना मैं आशा हो सकती हूं ना मैं निराश1 हो सकती हूं मैं सिर्फ और सिर्फ एक परिपूर्ण आत्मा हो सकती हूं ©neelu #Lake #मैं तुम्हारी तुमसे मुलाकात नहीं हो सकती हूं ना किसी की जमीन ना किसी का आसमान हो सकती हूं ख्याल में खुदके भी नहीं लिखती हूं किसी का
Rahis Khan
तंहा रहना सीख गया हूं। दर्द में जीना सीख गया हूं। ©Rahis Khan तंहा रहना सीख गया हूं। दर्द में जीना सीख गया हूं।
Abhishek Sanatani
रात से पूछता हूँ कैसे सहती हो यह एकांत अपनी छाती पर अकेले रात हँसती है मेरी देह पर एक शब्द लिखकर : 'सुबह' ©Abhishek Sanatani #SunSet पुंछता हूं
Misha Singh
मैं उससे बस इतना ही नाराज़ हो पाती हूं, कि उससे ही उसकी शिकायत कर आती हूं। ©Misha Singh शिकायत कर आती हूं...
ख्वाबों में तू
और उसे लगता है मैं बेवफा हूं। ©ख्वाबों में तू हां मैं बेवफा हूं।
Anuj Ray
बस रहना चाहता हूं" जिस्मों से खेलने का, मुझे कोई शौक नहीं है, मैं तेरी रूह में घर बांध के, बस रहना चाहता हूं। पता नहीं ऐसा क्या देख लिया तुझ में,कि दिल हो गया तेरा, बात इतनी सी, बस कहना चाहता हूं। बीच दरिया में समंदर के, उड़ती हुई जुल्फ़ों की तरह, तेरे आंचल के सहारे ,बस बहना चाहता हूं। ©Anuj Ray # बस रहना चाहता हूं"