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Sangeeta Kalbhor
White नही चाहता.. सुनते क्यूँ नही अब तुम पुकार कब से लगा रहा हूँ थककर बैठा हूँ देखो मैं कब से खुदको जगा रहा हूँ हारुँगा नही मैं कभी उलझन में मगर पड़ गया हूँ कहाँ जाऊँ कैसे जाऊँ सोचविचारों में अड़ गया हूँ आओ , आओ मुझे बताने और आओ मुझे समझाने नही नही मैं नही चाहता टूटकर यूं बिखर जाने..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Night नही चाहता.. सुनते क्यूँ नही अब तुम पुकार कब से लगा रहा हूँ थककर बैठा हूँ देखो मैं कब से खुदको जगा रहा हूँ हारुँगा नही मैं कभी उलझन
AJAY NAYAK
इक तेरा प्यार ना गाड़ी चाहिए, ना बंगला चाहिए मुझे मुझे बस तुझसे, इक तेरा प्यार चाहिए मेरी जिंदगी बड़ी मुफलिसी में बीत रही है बस मुझे इक तेरा जीवन भर वाला साथ चाहिए अनजान से रास्तों पर अकेला ही चल रहा हूं मुझे बस पीछे से आवाज़ लगाने वाला चाहिए शहर से दूर सूना पड़ा है इक मकान मेरा उस मकान में संध्या दीपक जलाने वाला चाहिए थककर चूर होकर वापस लौटा हूं मैं पानी का गिलास देकर हालचाल पूछने वाला चाहिए ना ज्यादा ख्वाहिशें है मेरी, न ज्यादा इच्छाएं बस थोड़ा थोड़ा मिलता रहे तेरा इक वही भरोसा चाहिए –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #loversday इक तेरा प्यार ना गाड़ी चाहिए, ना बंगला चाहिए मुझे मुझे बस तुझसे, इक तेरा प्यार चाहिए मेरी जिंदगी बड़ी मुफलिसी में बीत रही है
Shivkumar
White दोस्ती का प्यारा रंग छाया, दिल के रिश्ते को सजाया। जीवन के हर मोड़ पर, साथ देने वाला कोई यार। मुसीबतों में सहारा है वो, खुशियों के अंगारा है वो। हंसी-मजाक से भरी जिंदगी, मेहनत की सफलता का रास्ता है वो। जिसे देखो दिल बहक जाए, उन पलों को याद करके मुस्कराए। दोस्ती की अमरीत रूह से, हंसता हर लम्हा निकल आए। जैसे रंगीन बादलों की गति, दुनिया को आँचल से छू लेती है। यारों के हाथों में बंध जाती है, हर गम की बंधन खो लेती है। चाहे जहां भी सफर करो, दोस्ती की हो जबरदस्त नजर। उस्तादों की तरह बनकर लापरवाह, हर मुकाम पे शानदार हो जाए। चोकर जो मिले खुद को अपनाए, मुसीबतों को झेलते रहें ये दिल्लगी से। यारों की यारी, अमर राशि है, जीवन का सहारी, नहीं गुँजारी है। आज इस पंक्ति को बनाने के लिए, हम दोस्ती की बांहें फेला रहें हैं। यारों के दिल की धड़कन, ये कविता में झलक रही है। तारे हमसे नाते बनाए हैं, हर पल बदलते जैसे मौसम। दोस्ती की राहों में चलना, हर कदम जैसे ख्वाब पूरे। यारों को नहीं मिलता हमें पढ़ंध, इस काव्य की विरासत मिल जाए। यह दोस्ती का रंगीन काव्य, बनाएगा आपके दिल को रंगीन। हमारे दिल की गहराई को छूने, सूरज की किरणें यहाँ ढली हैं। नयी उम्र में जीने का हाथ पकड़ें, दोस्ती की रौशनी को फैलाएं। ये काव्य सिर्फ आपकी मेहनत से, हो जाएगा खुद ब खुद सुंदर। हम यहाँ क़लौंजी से परख कर, आपके दिल को छू लेंगे सुंदरता। सामान्य शब्दों की सजा में, इन्हीं शब्दों का जूनून, यह दोस्ती की मिठास और प्यार का गुंजारा है हमारा। ©Shivkumar #Friendship #दोस्ती #दोस्त #Nojoto #nojotohindi #दिलकीबातशायरी143 दोस्ती का प्यारा रंग छाया, दिल के #रिश्ते को सजाया। #जीवन के हर मोड़
गुड़िया तिवारी
सुंदरता..... तेरी सादगी की सुभान अल्लाह। हम इश्क की तलाश में दर-दर भटकते रहे। और खुदा मुहब्बत का दिल में ठहरा रहा। जब भाई न दुनिया की तस्वीरें, तेरी सादगी ने रहमत बरसाई है। ©गुड़िया तिवारी #Tulips शायरी,काव्य पंक्ति
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
221 2121 1221 212 अपना न आसमाँ में सितारा दिखाई दे । देखूँ अगर जम़ीं तो विराना दिखाई दे ।। थककर न वो रूका है छालों को देखकर । पहुंचा वहीं जहाँ पे किनारा दिखाई दे ।। रूठो नहीं यहाँ पे हमसे कभी सनम । पाकर करीब तुमको सहारा दिखाई दे ।। है आदमी का ही रेला सारे जहान में । आई मुसीबतें तो अकेला दिखाई दे ।। ढूँढें प्रखर उसे क्यों दुनिया की भीड़ में । जिसको वफ़ा हमारी तमाशा दिखाई दे ।। १२/०१/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 221 2121 1221 212 अपना न आसमाँ में सितारा दिखाई दे । देखूँ अगर जम़ीं तो विराना दिखाई दे ।।
Sunny Kumar jha
फुलों सी मुस्कान तुम्हारी सब सखियों में प्यारी है काजल, बिंदिया, कंगन , झुमके ये तो सब पुराने हैं ©Sunny Kumar jha #सायरी #लव_फीलिंग #पंक्ति #LO√€ #miss_u #sunnykumarjha
#suman singh rajpoot
वहां से जगो जहां जग को लगे, गहरी निद्रा में हो। वहां से उठो जहां दुनियां को लगे, टूटकर बिखरा हो। हर पंक्ति क्रमबद्ध है इन्सानों का, अंतिम पंक्ति है भिखारियों का। इंसान होकर भी जो अलग है इन्सानों से ये दुनियां दीवानी है पैसे का। फासला हौसला ना बढ़ाये तो फ़ायदा क्या है, मनुष्य तन पाने का । क्रमबद्ध है पंक्ति इन्सानों का। ©#suman singh rajpoot #FallAutumn वहां से जगो जहां जग को लगे, गहरी निद्रा में हो। वहां से उठो जहां दुनियां को लगे, टूटकर बिखरा हो। हर पंक्ति क्रमबद्ध है इन्सानों
Rrrrr
हर मातम मनाने वाला हमदर्द नहीं होता ©Richa Mishra #landscape #शब्द #पंक्ति #nojota #alone #vichar #Life Sethi Ji Rama Goswami Ashutosh Mishra R K Mishra " सूर्य " Utkrisht Kalakaari भारत