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Stories related to दिव्यांगों के लिए सरकारी नौकरी

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Rekha Singh

#sad_shayari काम के लिए #विचार

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Anuj Ray

# पहली नौकरी " #कविता

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Dilip Kumar

#Sad_shayri सरकारी नौकरी #मोटिवेशनल #Kumardil143

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Anuj shakya

#PhisaltaSamay नए सफर के लिए #शायरी

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Vikram Alwar Rajasthan

भाई साहब जी के लिए #शायरी

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मैं टूटा हुआ काँच हूँ, 
आइना बन सकता हूँ तू मुझे संभाल के देख, 

कितनी मोहब्बत लिए फिरता हूँ तुम्हारे लिए, 
आजमा ले मुझे चाहे दिल निकाल के देख।

मेरी सांसों मे बसे हो मेरी जिंदगी बन कर, 
तन्हा बैठ  कर तू बस  मेरा ख्याल कर के देख।

मैं दोनों तरफा सिक्का तेरा हूँ यारा, 
अब शर्त मे तु मुझे एक बार उछाल के देख।

@Vikram



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©Vikram Alwar Rajasthan भाई साहब जी के लिए

रिपुदमन झा 'पिनाकी'

अजी नौकरी का भी  अपना मज़ा है।
जहां अपनी चलती नही कुछ रज़ा है।
हुकम  हाकिमों  का  बजाते रहो बस-
यहांँ  ज़िन्दगी  हर घड़ी  इक क़ज़ा है।

दवाबों तनावों  की बोझिल फ़ज़ा है।
बिना  पाप  के  भोगता  नित सज़ा है।
सवालों जवाबों से परहेज़ कर चल-
यहाँ  कोई  सुनता  नहीं  इल्तिज़ा  है।

रहो जब तलक भी किसी नौकरी में।
न कुछ और सोचो कभी ज़िन्दगी में।
भुला  दो  सभी  रिश्ते नाते  जरूरत-
लगा  दो  अरे  आग अपनी ख़ुशी में।

नियम  हाकिमों  के  नए  रोज  बनते।
कि साहब यहां ख़ुद ही उलझन में रहते।
करें गलतियांँ  हम  तो  सुनते  हैं  बातें -
मगर इनकी ग़लती मुनासिब ही रहते।

करो  हर  घड़ी  सबकी  तीमारदारी।
जताए  बिना  अपनी  कोई  लचारी।
न छुट्टी, न अर्जी, न आराम कुछ दिन-
लगाए  रखो  नौकरी  की   बिमारी।

ज़हन में ख़याल इसका ही जा-ब-ज़ा हो।
अमल  हुक़म  हो  चाहे  बेजा  बजा  हो।
चलेगी  नहीं  हुक्म  उदूली  एक  भी -
कि  इसमें  तुम्हारी  न  बेशक  रज़ा  हो।

पड़ो चाहे बीमार या मर ही जाओ।
मगर नौकरी अपनी पहले बचाओ।
न जो कर सको तो अभी बात सुन लो-
उठाओ ये झोला तुरत घर को जाओ।

कभी  कुछ न सोचो सिवा नौकरी के।
नहीं तुम हो कुछ भी बिना नौकरी के।
चलाता  है  घर  बार  यह  नौकरी  ही -
करो रात - दिन हक़ अदा नौकरी के।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©Ripudaman Jha Pinaki #नौकरी

ABRAR

चाह कर कौन छोड़ता है घर अपना हम मुहाजिर हैं इक नौकरी के लिए - अबरार Reeda #Shayari

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चारण गोविन्द

#चारण_गोविन्द की #advice #loksabha #election के लिए, सब ध्यान दें, #Vote #सच के लिए, #Vote #Future के लिए। #voting

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Vote मूछो आळा बाळ देख, काठी केड़ी खाळ देख
काढ़े कैनो गाळ देख, दब देखें वोट दै,
आगा पाछा हाल देख, बीजो माथै भाल देख,
रैण सेण चाल देख, ढब देखें वोट दै,
पाणी बिन ताळ देख, अभावों रा काळ देख,
जीव रा जंजाळ देख, सब देखें वोट दै,
भू रो रखवाळ देख, हीमत कमाळ देख,
आँख्यो मैली झाळ देख, अब देखें वोट दै।

चारण गोविन्द #चारण_गोविन्द की #advice #loksabha #election के लिए, सब ध्यान दें, #Vote #सच के लिए, #Vote #Future के लिए।

#voting

Arun Mahra

प्यार के लिए खोना नहीं जिंदगी में दोस्ती के लिए रोना नहीं #Life

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Rahul Ratnakar

मेरी प्रियतमा के लिए। #Shayari

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