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राजकारण
सोलापुरातील तीन वरिष्ठ पोलीस निरीक्षकांच्या बदल्या ©राजकारण सोलापूर : राज्याच्या पोलिस महासंचालकांनी १२९ पोलिस निरीक्षकांसह तब्बल २१२ उपनिरीक्षकांच्या बदल्यांचे आदेश काढले आहेत. त्यात सोलापूर शहरातील
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- हमें तो बोलना भी माँ सिखाती है सुनों हिन्दी । सभी स्वर के अलग लक्षण बताती है सुनों हिन्दी । रहूँ मैं दूर क्यूँ इससे सभी हैं काम रुक जाते - हमारी तो सभी खुशियां दिलाती है सुनों हिन्दी ।।१ नहीं भाषा गलत कोई मगर पहचान है हिन्दी । हमारी सभ्यता का नित करे व्याख्यान है हिन्दी । इसी में तो समाहित आज हिंदुस्तान है सारा - तभी तो हिन्द की देखो बनी अभिमान है हिन्दी ।।२ १४/०९/२०२३ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- हमें तो बोलना भी माँ सिखाती है सुनों हिन्दी । सभी स्वर के अलग लक्षण बताती है सुनों हिन्दी । रहूँ मैं दूर क्यूँ इससे
Vedantika
तज़्किरा न हो तेरा महफ़िल में तो वो शाम क्या। बिन पिए न हो नशा तो वो निगाहों का जाम क्या। भूल जाऊँ जो फ़र्क़ मैं सुबह-ओ-शाम का याद में, तेरी यादों के बिना नही मालूम ज़िंदगी का अंजाम क्या। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "तज़्किरा" "tazkira" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है चर्चा, व्याख्यान एवं अंग्रेजी मे
Ravendra
छात्रों का दल रवाना ©Ravendra जिले के 100 छात्र-छात्राओं ने किया एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण बहराइच 24 मार्च। उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सौजन्य से जिला
SI UPP BDH
स्त्रियों को सुंदर दिखना आवश्यक क्यों? स्त्रियों को सुंदर दिखना आवश्यक क्यों? एक व्याख्यान के अनुसार डॉ दिव्यकीर्ति ने बताया कि भारत में पश्चिमी देशों की अपेक्षा महिलाएं स
Shree
कैसा इतिहास दिया? /caption/ वो उन्मत्त भोग-विलास से... द्यूत-क्रिड़ा में प्रतिष्ठा का दांव खेल रहे, वो रानी, प्रिया, कोई बेटी असहाय बिलखती रही भरी सभा!! तन सारे वो त
ABHISHEK SWASTIK
दृढ़ संकल्प चेतना, कमल नयन भगवान से । मर्यादा पुरुषोत्तम भावना, सीखो तुम श्री राम से ।। मातृ-पितृ की आज्ञा, सर्वप्रथम अविराम से । हर परिस्थिति सम्हालना, सीखो तुम श्री राम से ।। सेवा सभी गुरुचरण की, करना तुम निःस्वार्थ से । मातृ भूमि की वंदना, सीखो तुम श्री राम से ।। मानवता की भावना, रखना तुम हर प्राणि से । डिगना नही उद्देश्य से, सीखो तुम श्री राम से ।। मित्र की आदर्शता, राघव-सुग्रीव नाम की । निश्छल भ्रातत्व प्रेम को, सीखो तुम श्री राम से ।। निशिचर प्रकृति को मारना, अतिरौद्र प्रकृति व्यवहार से । राजनीति व्याख्यान को, सीखो तुम श्री राम से ।। -अभिषेक अस्थाना(स्वास्तिक) दृढ़ संकल्प चेतना, कमल नयन भगवान से । मर्यादा पुरुषोत्तम भावना, सीखो तुम श्री राम से ।। मातृ-पितृ की आज्ञा, सर्वप्रथम अविराम से । हर परिस्थ
विमुक्त
अब प्यार नहीं ...जरुरत बाकी है ! प्यार तो हो चुका ...! एक बार फिर लोगो के अनुरोध पर अवश्य पढ़े, मेरी एक सच्ची कहानी ............. बदलने_के_दौर_में_तुम_न_बदलना वर्ष २०१४ ग्वालियर के लिए निकल चु