Nojoto: Largest Storytelling Platform

New क्यूँ ज़िन्दगी की राह में Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about क्यूँ ज़िन्दगी की राह में from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, क्यूँ ज़िन्दगी की राह में.

Stories related to क्यूँ ज़िन्दगी की राह में

Sarvesh kumar kashyap

ज़िन्दगी में सुख दुःख..🤷zindagi #duniya #Dard #shayri #Sad_Status

read more
White सुख में न्यौता उन्हीं को देना चाहिए, जो दुःख में बिन बुलाए चले आएं..

©Sarvesh kumar kashyap ज़िन्दगी में सुख दुःख..🤷#zindagi #duniya #Dard #shayri #Sad_Status

Satish Kumar Meena

राह

read more
Travel quotes in Hindi अपने पीछे छोड़ चुके पदचिन्हों को देखना छोड़ दो, किसी और को भी तो इस राह गुजरने दो।

©Satish Kumar Meena राह

Anant Nag Chandan

पाँव में पाज़ेब है या ज़ंजीर उसकी, वो मुझसे मिलने क्यूँ नहीं आती। राह तकता हूँ मैं हर शब बेचैनी से, कमबख़्त ख़्वाबों में भी नहीं आती।

read more
पाँव में पाज़ेब है या ज़ंजीर उसकी,
वो मुझसे मिलने क्यूँ नहीं आती।

राह तकता हूँ मैं हर शब बेचैनी से,
कमबख़्त ख़्वाबों में भी नहीं आती।

अनंत

©Anant Nag Chandan पाँव में पाज़ेब है या ज़ंजीर उसकी,
वो मुझसे मिलने क्यूँ नहीं आती।

राह तकता हूँ मैं हर शब बेचैनी से,
कमबख़्त ख़्वाबों में भी नहीं आती।

Praveen Jain "पल्लव"

#boatclub हर कोई शहंशाह बनने की राह पकड़ रहा है

read more
पल्लव की डायरी
तबियत सोहबतौ में बिगाड़ बैठे यार
मन चंचलता की ओर दौड़ रहा है
अपनेपन के रिश्ते हुये अब दूर
इतराना अब
 दौलतों और दिखावे पर रह गया है
टूट रहा विश्वास इस कद्र लोगो का
हर कोई अपना वजूद
अपने खास को विश्वास में लेकर
 घात विश्वासघात कर रहा है
तन्हा हर कोई हो रहा है यहाँ
अवसाद में दम तोड़ रहा है
मैं मैं का भूत सवार है यहाँ
इसलिये दूसरो की भावना को आहत कर
हर कोई शहंशाह बनने की राह पकड़ रहा है
                                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #boatclub हर कोई शहंशाह बनने की राह पकड़ रहा है

रिपुदमन झा 'पिनाकी'

ज़िंदगी फिर से उलझने लगी है
बात सारी फिर बिगड़ने लगी है
हलचलों का दौर थमता ही नहीं
वक्त की रफ्तार फिर थमने लगी है
अपने अब अपने से लगते ही नहीं।
दिल में सबके दूरियां पलने लगी है।
बात अच्छी ही नहीं लगती कोई
बातें सबकी सबको ही चुभने लगी है।
अपनी है दुनिया, है अपनी ज़िंदगी
रिश्तों की कीमत बदलने लगी है।
अपना होकर भी नहीं अपना कोई
बस जरूरत के लिए ढलने लगी है।
खो गए रिश्ते मिटा सब अपनापन
रिश्ते ख़ुदग़र्ज़ियों पर चलने लगी है।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #ज़िन्दगी

Anand Kumar Jha

#achievement मृत्यु का तमसा, सत्य की राह 🙂

read more
'मृत्यु का तमाशा देखो' 

पंच दिवस की ज़िंदगी में, पंच रत्न बन जाता हूँ ,  
जब जीवित रहूँ, तो कौन पूछे मृत्यु हो, तो सब पूछे । 
 
स्वार्थ यदि समाया हो सब में ,  
तो क्रूर सभी बन जाएंगे ।  

मैंने देखा है उस राजपाट को ,  
जो मैं शीघ्र ही छोड़ जाऊँगा ।  

जो क्षणभंगुर है, वही सत्य है ।  
माया के बंधन तोड़कर ही  
जीवन का सार मिलेगा ,  
और आत्मा को शांति का द्वार मिलेगा ।।

©आनन्द कुमार झा #achievement मृत्यु का तमसा, सत्य की राह 🙂

vish

# फ़र्ज की राह

read more
फ़र्ज की राह में चल पड़े
जिम्मेदारियों का बोझ उठा कर
जिंद़गी जीना भुल गये
ख्वाहिशों की चीता जलाकर

©vish # फ़र्ज की राह

Parasram Arora

# समत्ल राह

read more
Unsplash बींच राह मे पहाड़ रुकावत बने तों उसे काट कर  राह को समत्ल बनाना कोई जुर्म नहीं हैँ 


ये ख्याल कितना सख्त था क्योंकि उस पहाड़ को काटना आसान भी नहीं था


गहरी नींद के नशे ने गुम हैँ इस बसती के लोग
 
जबकि एक अजनबी पहरेदार.की तरह भटक 
रहा था

©Parasram Arora # समत्ल राह

Nitin Pathak

Nurul Shabd

#इनके #बिना #अधूरी है जीवन की हर राह Shayari

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile