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Kapil Kumar
White किसी ने बडे कमाल की बात कही है.... बदन मेरा मिट्टी का सांसे मेरी उधार हैं... घमंड करू तो किस बात का यहां हम सब किराएदार हैं । ©Kapil Kumar #nightthoughts Dil ki Kalam se
Kapil Kumar
White कैसे एतबार करे इंसान की मोहब्बत का..... मैय्यत पर रोने वाले लोग तेरहवीं में पूडी गर्म मांगते है। ©Kapil Kumar #nightthoughts Dil ki Kalam se
ANIL KUMAR
"Berang si lgne lgi h jindagi, Kash koi isme aakr rang to bhar de. Rehne lga hu tanha akela akela, Kash koi aa jaye mere is dil me, or Humesha k liye mujhe apne sang kr le." ©ANIL KUMAR ❤️Dil ki kalam se
निर्भय निरपुरिया
तुम हृदय की वेदना से झंकृत कर दो ये वीना। बीते सारे सुख के मौसम,आ गया दुख का महीना।। जिस गति से चढ़ गया था, उस गति से लौट आया। ज्वार ये कैसा है निर्भय,नहीं है सर्दी,नहीं पसीना।। ©निर्भय चौहान Yogendra Nath Yogi POONAM GUPTA Dhyaan mira Rakhee ki kalam se Mukesh Poonia Yogendra Nath Yogi POONAM GUPTA Dhyaan mira Rakhee ki kalam s
Swati Angela
पापा काश भगवान का नंबर भी होता जिससे मैं पापा से बात कर पाती उनको अपने दुख बता पाती बहुत मन करता है पापा से बात करने को ©Swati Angela #meri Kalam se ✍️
निर्भय निरपुरिया
Autumn वो मां को याद करके रो रहे थे। नए लड़के सड़क पे सो रहे थे।। वो अपने गांव के सब चांद तारे । श–हर की भीड़ में वो खो रहे थे।। थे पक्के खेत फिर कंटीला दफ्तर। जहाँ पर वो उ म्मीदें बो रहे थे।। बहन के ख्वाब जोड़े जा रहे हैं । दवाई बाप की वो ढो रहे थे ।। वो बस मजदूर बन के रह गए हैं। वो कॉलेजों में जो अफसर रहे थे ।। कोई निर्भय मरा था दिल लगा कर। सभी अपना कलेजा टो रहे थे।। निर्भय चौहान १२२२ १२२२ १२२ ©निर्भय चौहान #autumn Kumar Shaurya Rakhee ki kalam se Vishalkumar "Vishal" Nazar Sukoon Ki Baat
Samurai Prashant
ए जिन्दगी !!!!! क्यों इतनी तकलीफ दे रही है जी रहा हूं तो जीने दे न क्यों इन सांसों की गिनती को मिटाती जा रही है । मेरी खामोशी तो अपनो से थी आज नही तो कल अपने तो अपने हो ही जाते न ।। ऐ जिंदगी तूने भी क्या खूब मजे लिए मेरे सपनों को पाने की राह में कुछ घुमाया मुझे इस कदर, सपने तो सपने, अब अपने भी पराए से हो गए । चलो माना सपने गए तो क्या अपने तो होंगे जिनकी पुकार से भर जाऊंगा हौसलों से और, जिनके बस होने से लगती हर चोटी भी छोटी। तूने कहा की जैसा करेगा वैसा सहेगा चल बता ही दे तू अब ,कि फूल पहले मेरी आंगन मे खिलेगा या मेरी टंगी उस तस्वीर पर चढ़ेगा। तुझसे बेरहम किसी ओर को न देखा मैने.., सब ठीक हो जायेगा, सब ठीक हो जाएगा ये कह कह के तू देती जा रही दर्द हर दिन चल बता भी दे अब की और कितने बचे है मेरे दिन । शिकायत नही पर मेरा उलझा मन, भटका तन तुझ्से पूछ रहा, और कितने गम देगी, बस कर न, जिस्म तो क्या अब तो मेरी आत्मा भी सहम गई, मेरी आत्मा भी सहम गई। ©Samurai Prashant #dil se