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PAPA की परी का Lover

आपणी ऑफिस #न्यूज़

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Balihara Saab Rajasthani

आपणी बात

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Ran parmar

आपणी धरती #intezaar #कविता

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Ran parmar

आपणी शान #dawn

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"आपणी शान"

फूल री सुगंध सुहावणी
माने घणी निरावलीं लागे
इण धोरा धरती रे शोभा निरावलीं लागे
दुखियों -सखियों री आण राजस्थानी
मरुधरा माथे सुआवणी लागे
मेमाणा री आवण जोधाणा बतावे
राजस्थानी पगड़ी सतरंगी लहरियो लहरावे
पावणा इण धरती माथे जिणरौ
बाढाणौ तिलक सजावे
थार री मावडी़ थासू बिण रहियौ न जावे
इण माटी् रो जो तिलक सजावे
वो योध्दो मान बण जावे
मरूधरा री गाथा घीणी निरालीं लागे
अरे इण माटी् में तो हीरा - मोती उपजें
आ निरावलीं गाथा रण सूणावें
 मरूधरा री गाथा अजब निरावलीं लागें 

                              By poet- Ran parmar आपणी शान
#dawn

Pinky Sinwar"Masum"

*आपणी बोली आपणो माण* #lockdown2021 #कविता

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अब बे गऴियां, बे गुआड़, बे गाम कठै हैं,
जिकी पींपळा निचै लागती बे चौपाल कठै हैं।

कठै गेया बे मेळ-जोळ, बे पूराणती रीत कठै हैं,
पेली आळी दिवाऴी होळी, गंवरा गा गीत कठै हैं,
बो पेली बरगो भाईचारो, बो मान सम्मान कठै हैं,
अब बे गऴियां, बे गुआड़, बे गाम कठै हैं।

गुम गया दिखै सींगळा बादी बिलौणा आळा,
अब आवै ई कठै हैं गळियां मं खिलौणा आळा,
समान सागै देंता रूंगो झूंगो, बे दूकान कठै हैं,
अब बे गऴियां, बे गुआड़, बे गाम कठै हैं।

सिर पर चकै लैजता बे भाता आळी परात कठै हैं,
बाखळ में होतां बीस बीस मांचा बे रात कठै हैं,
हां माऊ आळी कहाणीया मं हो बो ज्ञान कठै हैं,
अब बे गऴियां, बे गुआड़, बे गाम कठै हैं।

सै बदळ गया आजकाल बे खाणा बाणा कठै हैं,
गांता खेतां मं रामधनिया अब बिस्या गाणा कठै हैं,
हारां मं सीजती बा राबड़ी, बो धान कठै हैं,
अब बे गऴियां, बे गुआड़, बे गाम कठै हैं।

आथण खेतां ऊं आंता ऊंठ गाडा कोनी दैख्या,
अब लोगां ग मना मं प्रेम भाव गाढ़ा कोनी दैख्या,
घर घर चौधरी होग्या बे मूंछा आळा प्रधान कठै हैं,
अब बे गऴियां, बे गुआड़, बे गाम कठै हैं।

आधुनिकता रो दौर हैं बिकास देख्यौ हैं मासूम,
आपगी बोली, संस्कृति रो विनाश देख्यौ हैं मासूम,
जामणू ई अंग्रेजी सिखा दयौ टाबर न, 
अरे अब आपणी मां बोली बागड़ी रो ध्यान कठै हैं,
अब बे गऴियां, बे गुआड़, बे गाम कठै हैं,
अब बे गऴियां, बे गुआड़, बे गाम कठै हैं॥

*पिंकी सिंवर मासूम*
🙏🙏🙏💐💐💐

©Pinky Sinwar"Masum" *आपणी बोली आपणो माण*

#lockdown2021

king_of_goyal_007

सारी दुनिया सु प्रीत आ आपणी है. #viral

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Advocate Khomesh Verma

पाठशाला #कविता

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पाठशाला
चलो बचपन की कुछ याद ताजा करते हैं
चलो फिर पाठशाला चलती है
बहुत याद आती है अपनी पाठशाला
लिए हाथ श्यामपट्ट, पेंसिल और पहाड़ा
कराए गुरुओं ने याद हिंदी वर्णमाला
बहुत याद आती है अपनी पाठशाला
अ से ज्ञ 52 का फैसला
गुरु की डांट से सब पार कर डाला
1 से 100 तक की गिनती
याद हो जाए, करते थे ईश्वर से विनती
उल्टी-सीधी रटते थे गिनती
बरम खेड़ी होती थी त्रुटि
कान पकड़ना, दंड-बैठक वाली मस्ती
बनाकर मुर्गा, पिछवाड़े पर डंडे थी पड़ती
बहुत याद आती है अपनी पाठशाला
लिए हाथ श्यामपट्ट, पेंसिल और पहाड़ा
वह गिरना, गिर कर उठना
और गिर गिर कर संभलना
वह लड़ना, वह झगड़ना
एक उंगली से कट्टी, फिर मिलकर आगे बढ़ना
बहुत याद आती है अपनी पाठशाला
लिए हाथ श्यामपट्ट पेंसिल और पहाड़ा
पाठशाला की 15 अगस्त और 26 जनवरी की सफाई
वो बूंदी, लड्डू और मिठाई
सुबह-सुबह प्रार्थना की घंटी
वह सामूहिक व्यायाम वाली मस्ती
बहुत याद आती है अपनी पाठशाला
लिए हाथ श्यामपट्ट, पेंसिल और पहाड़ा
वो टाट पट्टी की लंबी पंक्ति वाली आसन
कागज की पर्ची में, चोर, पुलिस, राजा का सिंहासन(खेल)
वो पेंसिल जीत, मध्यान भोजन की स्वादिष्ट खीर
बहुत याद आती है अपनी पाठशाला
लिए हाथ श्यामपट्ट पेंसिल और पहाड़ा।

©mr.Kavi Verma पाठशाला

Hasmukh rathore $

पाठशाला

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तेरी मेरी  वो मस्ती  की वो पाठशाला  
आज भी बहुत से  दिलो धडकनो मे
यादो किस्सो की तरह बनकर गुनगुनाती हे
किसी न किसी  चेहरो पर आज भी
           वो मस्ती  वाले  चेहरे  यादो के  
        अक्सर हर रोज  बनाती है     

👉तेरी मेरी  वो पहली पाठशाला 👈 पाठशाला

KK Mishra

पाठशाला

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 पाठशाला

Shivam Singh

पाठशाला #कविता

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पाठशाला


आखिर क्या है यह पाठशाला? 
पाठ मतलब होता है पढ़ाई,
और शाला का मतलब समझते थे
 लोग दीदी का छोटा भाई
लेकिन कौन समझाये की 
शाला का मतलब होता है
 घर जिस्में मस्ती और पढाई करते हम दिन
 भर जहां टीचर की पिटाई,बच्चपन की लड़ाई,
 पढ़ते समय लेते थे अगंराई 
और दोस्तों को कहते थे भाई,भाई 
जहां दोस्तों का भंडार था 
जो चुगलियों का अंबार था
 जहां न कोई जातिवाद था 
और ना किसी  धर्म का अहंकार था 
बस था तो सिर्फ दोस्ती की दोस्ती का अंगर था
जहाँ होमवर्क की आङ में पिटाई 
और स्टिक द्वारा दोस्तो के कुटाई ,
मुझे देख मन ही  मन में लडाई ,
वहाँ रोज का आम बात था 
बस दोस्तों का हाथ था 
और शिक्षक का साथ था
 बस मन में एक विश्वास था
 की लिखना मुझे एक इतिहास है।
लोगों की बातें लोगों की करवाहट से
मैं अंजान रहूंगा, मेरा वचन ही
 मैं हमेशा अपने पढाई के प्रति कुर्बान रहूंगा
 कुछ लोगो के लिए पढाई एक मजाक है 
उनके लिए मेरे पास एक जवाब है
 ना कर तू मेहनत तेरा भाग्य खुदा लिखेगा
 एक दिन तू ही रिक्शावाला बनके 
मेरी मंजिल का फासला दूर करेगा
 क्योंकि तेरे लिए पढ़ाई एक मजाक है
 और मेरे लिए पढाई सर का ताज है 
याही मेरा आन, बान और शान है।

©Shivam Singh पाठशाला
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