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Sardaraa (Sandeep singh )
20 Lakh crores ना कुछ मिला है ना ही मिलेगा। मिडिल क्लास वाला वैसे ही पिसेगा। लोन की फ़ाइल लगाएगा सरकारी दफ्तर जाएगा। बाबू को घुस खिलायेगा फिर बैंक से धोखा खायेगा पैसा भी लूट जाएगा और लोन भी नही मिल पायेगा। अमीर आदमी फ़ाइल लगाएगा बैंक से जुगाड़ बनाएगा सरकारी बाबू भी मिल जाएगा और लोन पास हो जाएगा सब्सिडी का लाभ उठाएगा और अमीर बन जायेगा मिडिल क्लास वाला शक्ल देखता रह जायेगा। ये 20 लाख करोड़ किसी के काम नही आएगा। बैंक वाले 100 सवाल करते हैं 50 तरह के कागज़ मांगते है। जुगाड़ चलता है बैंक में। ये पैसे का लाभ बस अमीरों को या फिर एकदम गरीब होगा उसको लाभ मिलेगा। या फिर नेताओं की जेबो में जायेगा उनके रिश्तेदारों को मिलेगा और वो सभी आत्म निर्भर हो जायेंगे देश का भला हो जायेगा। तरक़्क़ी सारी वहीं से होगी हम जैसे रोज़ कुवाँ खोदेंगें रोज़ पानी पिएंगे जैसे थे वैसे ही रह जाएंगे। #20_lakh_crores सच है यही ये सब सुविधायें हवा हवाई रह जाती हैं धरातल पर सच कुछ और ही होता है जिसको मिलना चाइए वो रोता रह जाता है भागता रह
Ashish Kanchan
राम सहारे अग्नि-सी है तपती धरती, जल-जीवन करे बंटवारे, फसलें सब कुढ़ती रहती, बदरा बिन बरखा दुःखियारे, स्व-त्रुटियाँ सारी शिष्य बने, तब स्वयं भविष्य बने, भेष तजे जो गीदड़ का, तब जाके वन सिंह दहाड़े। आँगन भी अचरज से पूछे, अब है कौन प्रलय द्वारे, जो नाश करें इस प्रकृति का, ऐसे क्यूँ करने उजियारे, क्षति देती जो सुख-सुविधा, वरदान नहीं है वो मेधा, सुख हो जो स्वर्णिम कल भाँति, तो अच्छे हैं अँधियारे। गंगाजल से पाप धुलेंगे, सब देह लिए गोता मारें, दोष भरे जो अंतर्मन में, वो कैसे धोये नदिया धारे, पाप-पुण्य का ऐसा अंतर, काम करे न कोई मंतर, रावण से बैठे सब जग में, है जग बैठा राम सहारे। - आशीष कंचन कुछ समय से इस धरा पे आयी आपदाओं पे ध्यान दें तो कई सारी मनुष्य की ही बनाई हुई हैं। जल इस जीवन से दूर हो रहा है, सुविधायें क्षणिक सुख देके रो
Pnkj Dixit
#OpenPoetry भगवान ने सभी मनुष्य समान बनाये हैं । उस दयानिधि को सभी पुत्र समान रूप से प्यारे है । सभी को उसने समान सुविधायें तथा परिस्थितियां प्रदान की है । लोग अपनी इच्छानुसार मार्ग चुनते है और जहां वह मार्ग जाता है , वहां पहुंचते है । स्वार्थ - परायणों को नर-पशु कहते हैं । वे अपने काम से काम रखते है । दूसरों की सुख - सुविधाओं में हाथ नही बँटाते। जो पाते है , निगलते रहते है । किसी के दु:ख में उन्हें सहानुभूति नही उपजती । सहायता करने की इच्छा भी नही होती । लोक और परलोक में अपनी ही सुविधायें खोजते हैं । ऐसे को किसी की सहानुभूति भी नही मिलती । फलत: वें एकाकी - नीरस जीवन जीते हुए मौत के दिन पूरे करते है । इसलिए आप सभी परमात्मा द्वारा बताए गए सन्मार्ग पर चलते हुए इस दिव्य जीवन का उपयोग समाज - कल्याण में करते हुए परम धाम को प्राप्त करो ओर आने वाले भविष्य में सदा सदा के लिए अमर हो जाओ ..... .... जय श्री राम 🚩🕉️🙏 ३०/०७/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' भगवान ने सभी मनुष्य समान बनाये हैं । उस दयानिधि को सभी पुत्र समान रूप से प्यारे है । सभी को उसने समान सुविधायें तथा परिस्थितियां प्रदान की
आयुष पंचोली
Hindi shayari quotes सोशल मिडिया आज के युग मे अपने आप मे एक मंच बहुत बड़ा हैं, जितना अच्छा माध्यम हैं यह, लोगों ने उतना ही गन्दा इसे किया हैं। नर बनते फिरते हैं नारी यहां पर,अपनी झूठी शान का बखान करते हैं जाते। पाप की गठरी लान्दे पापी, अपनी झूठी महानता का बखुबी गुणगान करते जाते। अच्छाई का चोला पहन हैवान भगवान बनते हैं, नियत जिनकी खोटी होती, वोही यहां राम बनते हैं। "आयुष पंचोली" ©ayush_tanharaahi #NojotoQuote सोशल मिडिया आज के युग मे अपने आप मे एक मंच बहुत बड़ा हैं, जितना अच्छा माध्यम हैं यह, लोगों ने उतना ही गन्दा इसे किया हैं। नर बनते फिरते हैं
Sangeeta Patidar
'SING' - LOCKDOWN DIARY (RZ PAID STORY TASK) -संगीता पाटीदार 'धुन' कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें 👇 'सिंग' - Lockdown Diary Dear Smile (Diary), तुम्हें यह नाम याद है? मैंने तुम्हें अपनी बुक dedicate की थी और अपने इसी नाम की तरह मुस्कुराकर
Ravikant Raut
क्या हो अगर आपको 10 करोड़ की लॉटरी लग जाये क्या आपको लगता है आप वाकई हमेशा के लिये खुश और सुखी हो जायेंगे तो ... भूल जाईये और मेरा ये आलेख ध
इकराश़
'आठ वर्षिय चिंटू' आओ आज तुम्हे मैं एक किस्सा सुनाता हूँ। 'चिंटू' की तुम्हे मैं एक दास्तां सुनाता हूँ। चिंटू छ: साल का नन्हा सा बच्चा था जब उसे उसके माता-पिता उसकी नानी के यहाँ छोड़ आए थे। वो अपने मामा की शादी में गया था। उस मासूम को क्या पता थ