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INDIA CORE NEWS
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Sarfaraj idrishi
White अब गुज़री हुई उम्र को आवाज़ ना देना, अब धूल में लिपटा हुआ बचपन ना मिलेगा। ©Sarfaraj idrishi #Moon अब गुज़री हुई उम्र को आवाज़ ना देना, अब धूल में लिपटा हुआ बचपन ना मिलेगा।Internet Jockey jai shankar pandit indu singh sana naaz Anshu
Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** फ़ुर्क़त *** " आज इक दफा उस से मुलाकात हुई , फ़ुर्क़ते हयाते-ए-ज़िक्र अब जो भी हो सो हो , मुहब्बत में बचे शिकवे शिकायतें आज भी हैं , आज उसे इक दफा गले लगाने को दिल कर रहा हैं , फकत अंजुमन कुछ भी तो कुछ बात बने , फ़ुर्क़त में उसे दाटने को जि कर रहा है , क्या समझाये की अब मुहब्बत नहीं हैं तुझसे , फकत तुझे महज़ इक याद की तरह रखी , तेरी तस्वीर आज भी इक पास रखी हैं , फिर जो कहीं मुहब्बत और नफ़रत की गुंजाइश हो तो याद करना , आखिर हम रक़ीबों से दिल लगा के आखिर करते क्या . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** फ़ुर्क़त *** " आज इक दफा उस से मुलाकात हुई , फ़ुर्क़ते हयाते-ए-ज़िक्र अब जो भी हो सो हो , मुहब्बत में बचे शिकवे शिकायतें
Mr RN SINGH
White बहुत अंधेरा है ऐ, इश़्क तेरी गलियों में हमने दिल भी जलाया, फिर भी रोशनी ना हुई ©Mr RN SINGH #City बहुत अंधेरा है ऐ, इश़्क तेरी गलियों में हमने दिल भी जलाया, फिर भी रोशनी ना हुई #MrRNSINGH #mrrnShayr Rajni Pandey Montu Pegu Disha sa
Cricket
Devesh Dixit
दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही सुलझी नहीं, बिगड़ गये हालात। खींचा तानी ये करें, देते भी आघात।। मन मुटाव भी कम नहीं, खड़ी हुई दीवार। जंग छिड़ी है देखलो, निकल गये हथियार।। अब सबको ही चाहिए, अपना घर परिवार। एक साथ मिलकर नहीं, रहने को तैयार।। कैसी ये दीवार है, होते सब आघात। बेचैनी भी बढ़ रही, हो दिन या फिर रात।। कलयुग का ये है समय, चुभा रहे हैं शूल। अलग हुए जब से वही, तब से सब अनुकूल।। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #दीवार #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही
꧁ARSHU꧂ارشد
मोहब्बत जुर्म दिल मुजरिम और दर्द गवाही ... साबित न हुई बेगुनाही अता की गई रिहाई ... ©꧁ARSHU꧂ارشد मोहब्बत जुर्म दिल मुजरिम और दर्द गवाही .. साबित न हुई बेगुनाही अता की गई रिहाई ... NIKHAT (दर्द मेरे अपने है ) Sethi Ji Anshu writer sana n