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Satyam Chandrakar
नया "सवेरा" होते ही, बहुत कुछ देखने को है। प्रभात के पीली किरणों से, बहुत कुछ सीखने को है। धूप के तीखी किरणों से, बहुत कुछ जानने को है। साम के ढलते कणों में, बहुत कुछ लिखने को है। #सवेरा @सवेरा
Sankrityayan's Poetry
हर एक नारी के जीवन का, अचल सम्मान है कविता। हमारे देश की भी अस्मिता, का मान है कविता। हर एक सैनिक के तन मन में, प्रबल उत्साह जो भर दे। समर में गूंजते जय हिंद का जय गान है कविता। हृदय की भावनाओं में, निहित सद्भाव है कविता। भंवर में डूबते अस्तित्व, की तो नाव है कविता। भयानक गर्मियों में जल रहे सूरज की किरणों से। भटकते उस बटोही के लिए, तरू छांव है कविता। बनारस का सवेरा, लखनऊ की शाम है कविता। सजी दुल्हन की मेंहदी में, छुपा वर नाम है कविता। कभी जब पाप से होकर ग्रसित, मन क्षुब्ध सा हो तो। जो कर दें शुद्ध जीवन को, वो चारों धाम है कविता। प्रभु श्री कृष्ण की मुरली का मधुरिम राग है कविता। भ्रमर तितली सुगंधित पुष्प सज्जित बाग है कविता। करें नि: वस्त्र पांचाली को जब प्रतिशोध वश कौरव। तो प्रभु श्री कृष्ण के मन में दहकती आग है कविता। प्रभु श्रीकृष्ण के सद्ज्ञान का विस्तार है कविता। हमारी प्राणवायु का, प्रखर उद्गार है कविता। स्वयं की आत्मनिष्ठा से, करे जो काव्य की पूजा। तो उस साहित्य साधक के लिए संसार है कविता। ✍️ "पुष्कर सांकृत्यायन" ©PUSHKAR SHUKLA बनारस का सवेरा, लखनऊ की शान है कविता... #India Write_The_Feelings
बनारस का सवेरा, लखनऊ की शान है कविता... #India Write_The_Feelings
read moreShashank Rastogi
दुनिया का हर अंधेरा कभी ना कभी रौशन होता है हर उदासी भरी रात के बाद एक उज्जवल सवेरा होता है रात और सवेरा #रात #सवेरा
Kalam se.......
इस साल के अंत में एहसास कुछ ऐसा था, हर रात के बाद सवेरा आता है। ©Kalam se....... #सवेरा
Rajnish Sharma
दिल के आइने मे अब वो चेहरा नही दिखता सूरज वही, शबनम वही, वो सवेरा नहीं दिखता सवेरा
सवेरा
read morefizakhan
(सवेरा) ये टूटेगी खामोशी होगा फिर सवेरा निकलेगा कल सूरज ; पिघलेगा ये अंधेरा आयेगे मेरी छत पर पछी जो सोर को होगा फिर गुलज़ार अपना ये बसेरा होगा जब ख़तम दहसत का ये पहरा मुस्कुराता हुआ होगा रोशन हर चेहरा बेबस हम अपनो से दूर है जो यूं इन फसलों से होगा हर रिशता अपना गहरा fizakhan सवेरा
सवेरा
read moreआकिब सईद
ऐसा तो नहीं था चमन मेरा , खिलते थे फूल सतरंगी इन्हीं फिजाओं में, बड़ा खुशहाल था सवेरा, ये जो फैली है नफरत की चिंगारी इस नए दौर मे आओगे इसकी जद में तुम या कोई चिराग तेरा #सवेरा
Kanupriya Rishimum
सवेरा तू है सुबह, तू शाम है, जीने का तू ही है नजरिया। तेरी लहर, आठों पहर, मैं बूंद तू ही मेरा दरिया। #सवेरा